आईएनएस कोच्चि

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आईएनएस कोच्चि
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विवरण आईएनएस कोच्चि भारतीय नौसेना का एक युद्धपोत है। यह आईएनएस कोलकाता के बाद कोलकाता श्रेणी विध्वंसक श्रृंखला का दूसरा युद्धपोत है। यह समुद्री हवाई हमले के दौरान दुश्मन के दांत खट्टे करने में पूरी तरह सक्षम है।
भारतीय सेना में शामिल 30 सितम्बर, 2015
वज़न 7500 टन
गति 30 नॉट
लम्बाई 164 मीटर
चौड़ाई 18 मीटर
निर्माण मझगांव डॉक शिप बिल्डर्स
डिजाइन नौसेना डिजाइन निदेशालय
संबंधित लेख पनडुब्बी, भारतीय सेना, थल सेना, वायु सेना, नौसेना, आईएनएस चक्र 2, विमान वाहक पोत, आईएनएस विक्रमादित्य, आईएनएस कोलकाता
अन्य जानकारी आईएनएस कोच्चि कोलकाता कैटेगरी[1] का दूसरा ‘गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर’ जहाज है। इसमें लेटेस्ट रडार सिस्टम लगाया गया है, जो दुश्मन की मिसाइलों को चकमा देने में माहिर है।
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आईएनएस कोच्चि D-64 (अंग्रेज़ी:Indian Naval Submarine Kochi) भारतीय नौसेना का एक युद्धपोत है, जिसे रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने नेवी के बेड़े में 30 सितम्बर, 2015 को शामिल किया गया। यह आईएनएस कोलकाता के बाद कोलकाता श्रेणी विध्वंसक श्रृंखला का दूसरा युद्धपोत है।[2]

  • यह समुद्री हवाई हमले के दौरान दुश्मन के दांत खट्टे करने में पूरी तरह सक्षम है। आईएनएस कोच्चि कोलकाता कैटेगरी[3] का दूसरा ‘गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर’ जहाज है। इसमें लेटेस्ट रडार सिस्टम लगाया गया है, जो दुश्मन की मिसाइलों को चकमा देने में माहिर है।
  • नौसेना डिजाइन निदेशालय द्वारा इसका डिजाइन तैयार किया गया तथा मुंबई में मझगांव डॉक शिप बिल्डर्स ने इसका निर्माण किया है।
  • इसको नौसेना में शामिल करने की घोषणा करते हुए पार्रिकर ने 7,500 टन वज़नी और 30 नॉट की रफ्तार वाले इस युद्धपोत को 'विदेशी जहाजों से बेहतर' बताया।
  • आईएनएस कोच्चि भारत में निर्मित सबसे बड़ा युद्धपोत है। यह 164 मीटर लंबा और 18 मीटर चौड़ा है। इसकी ऊंचाई एक पांच मंजिला इमारत के बराबर है।
  • इस युद्धपोत में सतह-से-सतह पर मार करने वाली अत्याधुनिक ब्रह्मोस मिसाइलें, 76 एमएम गन, दो रॉकेट लॉन्चर, एंटी-सर्फेस गन, एंटी सबमरीन रॉकेट लॉन्चर लगाये गये हैं। सबमरीन में डिटेक्टर और चार टॉरपीडो, सोनार हमसा, ईडब्ल्यूएस एलोरा व एके-630 भी मौजूद हैं।
  • इस जंगी पोत में अत्याधुनिक हथियार प्रणालियाँ भी लगाई गई हैं, जिनमें पनडुब्बी रोधी तकनीक भी शामिल है।
  • यह दुश्मनों के रडार को चकमा देने में पूरी तरह सक्षम है। यह पोत अपनी खास तकनीक की वजह से दुशमनों के रडारों पर किसी छोटी नौका जैसा दिखाई देगा।
  • यह दुश्मन के काफ़ी नजदीक पहुंचकर उस पर हमला कर सकता है।
  • इस पर सी-किंग और चेतक जैसे दो हेलिकॉप्टर भी रखे जा सकते हैं।
  • इसमें करीब 40 अधिकारी और 350 कर्मी रह सकते हैं।
  • इसका नाम बंदरगाह शहर कोच्चि के नाम पर रखा गया है।


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शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. परियोजना 15 ए
  2. INS कोच्चि (हिन्दी) india.com। अभिगमन तिथि: 3, अगस्त, 2016।
  3. परियोजना 15 ए

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