छोगसिंह राठौड़
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छोगसिंह राठौड़ (अंग्रेज़ी: Chogasingh Rathore) भारतीय सेना के वीर जांबाज सैनिक थे। युद्ध में वीरता का प्रदर्शन करने के लिए उन्हें तत्कालीन राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने 26 जनवरी 1950 को ‘वीर चक्र’ से सम्मानित किया था।
- छोगसिंह राठौड़ 11 जुलाई 1939 में राजपुताना राइफल्स का हिस्सा बने थे।
- द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान मिस्र, मेसोपोटामिया में हुए युद्ध में उन्होंने भाग लिया।
- सन 1948 में जम्मू-कश्मीर सेक्टर में नौशहरा राजौरी क्षेत्र में वीरतापूर्वक दुश्मन का सामना करते हुए छोगसिंह राठौड़ जख्मी हुए, लेकिन कई दुश्मन सैनिकों को मार गिराया।
- उनकी उल्लेखनीय सेवाओं को देखते हुए तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने 26 जनवरी 1950 को 'वीर चक्र' से उन्हें सम्मानित किया। यह राजस्थान में किसी सैनिक को मिलने वाला प्रथम वीर चक्र था।[1]
- छोगसिंह राठौड़ भारतीय सेना में 21 वर्ष की गौरवपूर्ण सेवा कर 1 जनवरी 1960 को सेवानिवृत हुए।
- उनके तीनों बेटों ने भी भारतीय सेना में अपनी सेवाएं दीं।
- राजस्थान के प्रथम वीर चक्र विजेता छोगसिंह राठौड़ का 102 वर्ष की उम्र में फलौदी उपखंड के ढढू ग्राम पंचायत में निधन हुआ।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ प्रदेश के प्रथम वीर चक्र विजेता राठौड़ का निधन (हिंदी) bhaskar.com। अभिगमन तिथि: 22 अक्टूबर, 2022।
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