राष्ट्रीय आपदा मोचन बल
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल
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देश | भारत |
स्थापना | 2006 |
मुखिया | प्रधानमंत्री |
उद्देश्य | आपदा सेवा सदैव |
अन्य जानकारी | भारत में एनडीआरएफ़ का गठन आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल के रूप में प्राकृतिक और मानव निर्मित आपदाओं के दौरान विशेष प्रतिक्रिया के उद्देश्य से किया गया है। |
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल संक्षिप्त- 'एनडीआरएफ़' (अंग्रेज़ी: National Disaster Response Force) एक पुलिस बल है, जिसका निर्माण डिज़ास्टर मैनेज़मेंट ऐक्ट, 2005 के कानून के तहत किसी आपातकाल या आपदा के समय विशेषज्ञता और प्रतिबद्धता के साथ संगठित होकर प्रभावितों और हताहतों के भले के लिए काम करना है। भारत में आपदा प्रबंधन की शीर्ष संस्था एनडीएमए यानि 'राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एथॉरिटी' है, जिसका मुखिया प्रधानमंत्री होता है। भारत के संघीय ढाँचे में आपदा प्रबंधन का जिम्मा राज्य सरकार के कंधे पर होता है। केंद्र में गृह मंत्रालय, भारत सरकार सभी राज्य इकाईयों में समन्वय का काम करती है।
स्थापना
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल एक विशेषज्ञ दल है, जिसका गठन वर्ष 2006 में किया गया था। इसके गठन का उद्देश्य प्राकृतिक और मानवकृत आपदा या खतरे की स्थिति का सामना करने के लिये विशेष प्रयास करना है। इस समय बल में 12 बटालियन हैं, जो पूरे देश में रणनीतिक रूप से महत्त्वपूर्ण स्थानों पर तैनात हैं ताकि तुरंत प्रत्युत्तर दिया जा सके। भारत में एनडीआरएफ़ का गठन आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल के रूप में प्राकृतिक और मानव निर्मित आपदाओं के दौरान विशेष प्रतिक्रिया के उद्देश्य से किया गया है। वर्तमान में, एनडीआरएफ में 12 बटालियन हैं, जिनमें बीएसएफ़ और सीआरपीएफ़ से तीन-तीन और सीआईएसएफ़, एसएसबी औरआईटीबीपी से दो-दो बटालियन हैं।
आपदा प्रबंधन में भूमिका
- मानवीय और प्राकृतिक आपदा के दौरान विशेषज्ञ प्रतिक्रिया उपलब्ध करना, जिससे बचाव एवं राहत कार्य का प्रभावी निष्पादन संभव हो सके।
- राष्ट्रीय आपदा मोचन बल आपदाओं के दौरान चलाए जाने वाले राहत कार्यों में अधिकारयों की मदद में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की तैनाती संभावित आपदाओं के दौरान भी की जाती है।
- आपदाओं में बचाव या राहत कार्य के दौरान अन्य संलग्न एजेंसियों के साथ समन्वय कर यह बल बचाव या राहत कार्य को संपूर्णता प्रदान करता है।
तकनीकी दक्षता
एनडीआरएफ़ की सभी बटालियन तकनीकी दक्षता से युक्त हैं और विभिन्न प्रकार की विशेषज्ञ योग्यताओं से सुसज्जित हैं। प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के साथ-साथ यह बल अपनी चार टुकड़ियों के माध्यम से रेडियोलॅाज़िकल, जैविक, नाभिकीय और रासायनिक आपदाओं से निपटने में भी सक्षम है। वर्तमान में एनडीआरएफ़ ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय अभियान के साथ सामुदायिक जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से अपनी श्रेष्ठता का परिचय दिया है। एनडीआरएफ़ के अंतर्राष्ट्रीय अभियानों में जापान सुनामी 2011 और नेपाल भूकंप 2015 उल्लेखनीय है। इसके अतिरिक्त देश के अंदर शायद ही कोई आपदा हो जिसमें एनडीआरएफ़ की उपस्थिति न हुई हो। हाल ही में उत्तराखंड के वनों में लगी भीषण आग के दौरान एनडीआरएफ़ की भूमिका काफी महत्त्वपूर्ण रही है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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