चीफ़ ऑफ़ डिफ़ेंस स्टाफ़
चीफ़ ऑफ़ डिफ़ेंस स्टाफ़ अथवा 'सीडीएस' (अंग्रेज़ी: Chief of the Defence Staff or CDS) सैन्य सलाहकार की भूमिका में देश के प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री को देश के लिए महत्वपूर्ण रक्षा और रणनीतिक मुद्दों से अवगत कराएगा। थल सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत को भारत का प्रथम चीफ़ ऑफ़ डिफ़ेंस स्टाफ़ (सीडीएस) नियुक्त किया गया था। जनरल रावत का कार्यकाल 31 दिसंबर, 2019 से प्रारम्भ हुआ था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त, 2019 को सीडीएस के पद का ऐलान किया था। इस पद के लिए अधिकतम आयु सीमा 65 साल है। जनरल बिपिन रावत ने बतौर सीडीएस रक्षा मंत्रालय और तीनों सेनाओं के बीच समन्वयक की भूमिका निभाई थी। उनका ओहदा 4 स्टार जनरल का था।
इतिहास
भारत में यह पहली बार नहीं है कि चीफ़ ऑफ़ डिफ़ेंस स्टाफ़ (सीडीएस) का पद सृजित हो रहा है। वर्ष 1999 के कारगिल युद्ध के बाद भी भारत में एक चीफ़ ऑफ़ डिफ़ेंस स्टाफ़ के पद को बनाने की पहल के. सुब्रह्मण्यम समिति की सिफारिश के आधार पर की गयी थी, लेकिन राजनीतिक असहमति और आशंकाओं के कारण यह आगे नहीं बढ़ सकी थी। नरेश चंद्र समिति ने 2012 में चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी के एक स्थायी चेयरमैन की नियुक्ति की सिफारिश की थी।[1]
नियमों में बदलाव
चीफ़ ऑफ़ डिफ़ेंस स्टाफ़ पद के ऐलान के बाद भारत सरकार ने इसकी अधिकतम उम्र सीमा के लिए सेना के नियमों में संशोधन किया। नए नियम के तहत अधिकतम उम्र सीमा 65 साल होगी। इसकी अधिसूचना रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी की गई थी। रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार सैन्य नियमावली, 1954 में बदलाव किए गए।
कार्य
- थल सेना, नौसेना और वायु सेना के अलावा प्रादेशिक सेना भी इस विभाग के अंतर्गत होगी।
- सेनाओं की खरीद, प्रशिक्षण और स्टॉफ की नियुक्ति की प्रक्रिया में तालमेल करना।
- सैन्य कमानों के पुनर्गठन और थिएटर कमानों के गठन का काम।
- सेनाओं के लिए देश में ही हथियारों के इस्तेमाल को बढ़ावा देना।
- चीफ़ ऑफ़ डिफ़ेंस स्टाफ़ ही तीनों सेनाओं के प्रमुखों की कमेटी के स्थायी अध्यक्ष होंगे।
- वह रक्षा मंत्री के प्रमुख सैन्य सलाहकार होंगे। तीनों सेनाओं के प्रमुख अपने-अपने मामलों में रक्षा मंत्री को सलाह देना जारी रखेंगे। हालांकि, चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ तीनों सेनाओं के ऑपरेशनल मामले नहीं देखेंगे।[2]
संयुक्त भूमिका
- तीनों सैन्य सेवाओं के लिए प्रशासनिक कार्य देखना।
- सेवाओं से जुड़ी एजेंसियों, संगठनों तथा साइबर और स्पेस कमान का संचालन करना।
- रक्षा खरीद और रक्षा प्लानिंग की बैठकों में सदस्य के तौर पर हिस्सेदारी।
- लॉजिस्टिक्स, यातायात, प्रशिक्षण, सहायक सेवाओं, संचार, मरम्मत एवं रखरखाव में संयुक्त कार्य देखना।
- सैन्य ढांचे का भरपूर उपयोग सुनिश्चित करना।
- पंचवर्षीय खरीद योजना बनाना।
- दो साल का रोल ऑन प्लान बनाना।
सेवानिवृत्ति
- चीफ़ ऑफ़ डिफ़ेंस स्टाफ़ की सेवानिवृत्ति की उम्र 65 साल तय है। इसके बाद इस अधिकारी को किसी सरकारी पद को स्वीकार करने की अनुमति नहीं है।
- सेवानिवृत्ति के बाद पांच साल तक निजी नौकरी लेने की भी इजाजत नहीं है।
रैंक
- सेना प्रमुखों की तरह चीफ़ ऑफ़ डिफ़ेंस स्टाफ़ का रैंक भी चार स्टार जनरल का होगा।
सीडीएस की वर्दी
सीडीएस का दफ्तर साउथ ब्लॉक में दूसरी मंजिल पर होगा और उनकी यूनिफॉर्म पैरंट सर्विस वाली होगी। सीडीएस की बेसिक यूनिफॉर्म उनकी सर्विस की ही रहेगी, बस उसमें रैंक के बैज और लोगो बदले होंगे। अगर कभी वायु सेना या नौसेना से कोई सीडीएस बनता है तो उनकी बेसिक यूनिफॉर्म भी उनकी सर्विस की ही रहेगी। वहीं, वर्दी में तीनों सेनाओं का प्रतिनिधित्व करने के लिए कुछ बदलाव किए गए हैं। कंधे पर तीनों सेवाओं का प्रतिनिधित्व करने के लिए गोल्डन रैंक के साथ एक मैरून पैच होगा। तीन सेवाओं का प्रतिनिधित्व करने के लिए सीडीएस की टोपी और बैज भी अलग होगी।
क्रमांक | नाम | कार्यकाल | चित्र |
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1. | बिपिन रावत | 31 दिसम्बर, 2019 से 8 दिसम्बर, 2021 | |
2. | अनिल चौहान | 30 सितम्बर, 2022 से पदस्थ |
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ भारत में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) कौन होता है? (हिंदी) jagranjosh। अभिगमन तिथि: 31 दिसम्बर, 2019।
- ↑ जनरल बिपिन रावत देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (हिंदी) bhaskar। अभिगमन तिथि: 31 दिसम्बर, 2019।
बाहरी कड़ियाँ
- कल CDS का कार्यभार संभालेंगे जनरल बिपिन रावत, 'सिंगल प्वॉइंट आदेश' देने का मिला अधिकार, क्या हैं इसके मायने
- वाकई दमदार है भारत के पहले CDS की वर्दी
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