इन गुलों का रंग-खुशबू खो न जाये फिर कहीं माली चमन का सो न जाये शाख की कुछ पत्तियाँ मुरझा रही हैं पत्तियों की जान को कुछ हो न जाये तितलियों के रंग से है बाग़े रौनक खुशनुमा ये बाग़े-रौनक खो न जाये नई हवा के क़ल्ब[1] में काँटे बहुत हैं राह में काँटे कहीं ये बो न जाये ध्यान रखना इस चमन का, हिस्सेदारों इस चमन का कोई बच्चा रो न जाये
अशोक चक्रधर · आलोक धन्वा · अनिल जनविजय · उदय प्रकाश · कन्हैयालाल नंदन · कमलेश भट्ट कमल · गोपालदास नीरज · राजेश जोशी · मणि मधुकर · शरद जोशी · प्रसून जोशी · कुमार विश्वास · डॉ. तुलसीराम · रमाशंकर यादव 'विद्रोही' · बागेश्री चक्रधर