चाय संग्रहालय केरल
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विवरण | 'चाय संग्रहालय' टाटा टी के 'नल्लथन्नी इस्टेट' का एक दर्शनीय स्थल है। |
राज्य | केरल |
नगर | मुन्नार |
स्थापना | सन् 1913 में आर्ट इंड्रस्ट्रियल स्कूल, नाझारेथ द्वारा |
प्रसिद्धि | इस चाय संग्रहालय में दुर्लभ कलाकृतियाँ, चित्र और मशीनें रखी गई हैं। |
गूगल मानचित्र |
केरल के मुन्नार में स्थित 'चाय संग्रहालय' टाटा टी के 'नल्लथन्नी इस्टेट' का एक दर्शनीय स्थल है। यह संग्रहालय मुन्नार के चाय के बगानों की उत्पत्ति और उसके विकास के बारे में जानकारी देता है। चाय बगानों की उत्पत्ति और विकास की दृष्टि से मुन्नार की अपनी अलग विरासत मानी जाती है। इस विरासत को ध्यान में रखते हुए केरल की ऊँची पर्वत श्रृंखलाओं में चाय बगानों की उत्पत्ति और उनके विकास के कुछ सूक्ष्म और दिलचस्प पहलुओं को सुरक्षित रखने और प्रदर्शनीय बनाने के लिए मुन्नार में टाटा टी द्वारा कुछ वर्ष पहले एक संग्रहालय की स्थापना की गई थी।
- इस चाय संग्रहालय में दुर्लभ कलाकृतियाँ, चित्र और मशीनें रखी गई हैं। इनमें से हर एक की अपनी कहानी है, जो मुन्नार के चाय बगानों की उत्पत्ति और विकास के बारे में जानकारी देती है।
- यह संग्रहालय टाटा टी के 'नल्लथन्नी इस्टेट' का एक दर्शनीय स्थल है।
- मुन्नार, पन्नामयी बागानों के उन भागों का दावा करता है, जो चाय के पर्यटन का सबसे अच्छा अनुभव करने के लिए सही अवसर प्रदान करते हैं।
- पर्यटक उन सुरम्य विशाल भागों में टहल सकते हैं, जो मसालेदार सुगंध में भीगे रहते हैं या किस्मों की ऐसी श्रृंखला को आज़माएं जो स्थानीय स्तर पर उगाई जाती हैं।
- आगंतुक चाय संग्रहालय भी जा सकते हैं और एक परस्पर संवादात्मक चाय आस्वादन प्रदर्शन में भाग ले सकते हैं। यह यात्रा उनको चाय बनाने की प्रक्रिया की बारीकियों से परिचित कराएगी और केसे एक योग्य चाय आस्वादक बनें, इस पर आप सुझाव भी प्राप्त कर सकते हैं।
- एक स्थानीय चाय आस्वादक मार्गदर्शक की सहायता से 15 विभिन्न किस्मों का भी स्वाद ले सकते हैं। स्मृति चिन्ह के रूप में घर ले जाने के लिए अपनी पसंदीदा किस्मों को भी खरीद सकते हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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