थावर चंद गहलोत
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पूरा नाम | थावर चंद गहलोत |
जन्म | 18 मई, 1948 |
जन्म भूमि | रुपेटा गांव, उज्जैन, मध्य प्रदेश |
पति/पत्नी | अनीता गहलोत |
संतान | चार |
नागरिकता | भारतीय |
प्रसिद्धि | राजनीतिज्ञ |
पार्टी | भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) |
पद | राज्यपाल, कर्नाटक- 11 जुलाई, 2021 से पदस्थ केंद्रीय सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री- 26 मई, 2014 से 7 जुलाई, 2021 तक |
अन्य जानकारी | थावर चंद गहलोत 2004 में 14वीं लोक सभा (चौथी बार) के लिए फिर से निर्वाचित हुए थे। बाद में वह आधिकारिक भाषा समिति के सदस्य बने। |
अद्यतन | 15:29, 9 जून 2022 (IST)
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थावर चंद गहलोत (अंग्रेज़ी: Thawar Chand Gehlot, जन्म- 18 मई, 1948, उज्जैन, मध्य प्रदेश) भारतीय राजनेता हैं, जो कर्नाटक के राज्यपाल हैं। वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रथम मंत्रिमण्डल में "सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण मंत्री" रहे हैं। वह अनुसूचित जातियों के लिये भारतीय जनता पार्टी का सबसे उल्लेखनीय चेहरा हैं। थावर चंद गहलोत मध्य प्रदेश के शाजापुर के निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने साहित्यिक हित ‘विधायनी’ के लिए लेख लिखकर उसमें योगदान दिया है, जो मध्य प्रदेश की विधान सभा द्वारा प्रकाशित एक त्रैमासिक पत्रिका ‘विद्यायनी’ है। ‘बाला समाज’ नामक संगठन के माध्यम से थावर चंद गहलोत शोषित वर्गों के लिए काम करते हैं।
जन्म
थावर चंद गहलोत का जन्म 18 मई, 1948 को रुपेटा गांव में हुआ था। यह गांव मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले में स्थित है। थावर चंद गहलोत ने विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन, मध्य प्रदेश से बी.ए. की पढ़ाई की है। उन्होंने 1 मई 1965 को अनीता गहलोत से विवाह किया। उनके एक बेटी और तीन बेटे हैं। थावर चंद गहलोत ने अपने कॉलेज के दिनों से ही अपनी राजनीतिक यात्रा शुरु कर दी थी।
राजनीतिक गतिविधियाँ
- सन 1975-1976 में आपातकाल के दौरान थावर चंद गहलोत को भैरवगढ़, जिला जेल, उज्जैन में आंतरिक सुरक्षा अधिनियम (मीशा) के रखरखाव के तहत हिरासत में लिया गया था।
- 1968-1971 में कामगारों के आंदोलन के संबंध में कई बार हिरासत में लिया गया और भैरवगढ़, उज्जैन जिला में लगभग 10 महीने तक न्यायिक हिरासत में रहे।
- 1967-1975 में थावर चंद गहलोत ने भारतीय मजदूर संघ से संबद्ध ग्रासिम इंजीनियरिंग श्रमिक संघ में कोषाध्यक्ष के रूप में कार्य किया।
- 1967-1975 में भारतीय मजदूर संघ से संबद्ध केमिकल श्रमिक संघ के सचिव के रूप में कार्य किया।
- 1962-1977 तक आरएसएस शाखा, नादगा जंक्शन, जिला उज्जैन, मध्य प्रदेश के सचिव रूप में नियुक्त हुए।
- 2018 उन्हें राज्यसभा (दूसरी बार) के लिए फिर से निर्वाचित किया गया था।
- 27 मई 2014 को वह सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण मंत्री बने।
- अप्रैल 2012 में वह राज्यसभा के लिये चुन गए थे। वह अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजाति सलाहकार समिति के सदस्य के रूप में, मई 2012- मई 2014 और अगस्त 2012-मई 2014 तक सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के लिए कंसल्टेटिव कमेटी में, श्रमिक समिति के सदस्य रहे।
- अगस्त 2012 में थावर चंद गहलोत बिल्डिंग और अन्य निर्माण श्रमिक कल्याण (बीओसीडब्लू) के लिए केंद्रीय सलाहकार समिति के सदस्य के रूप में नियुक्त हुए।
- 2007 में वह श्रम पर स्थायी समिति के सदस्य बने।
- 2004 में उसी सीट से 14वीं लोक सभा (चौथी बार) के लिए फिर से निर्वाचित किया गया था। बाद में वह आधिकारिक भाषा समिति के सदस्य बने, साथ ही श्रम पर समिति के सदस्य के रूप में नियुक्त हुए।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ थावरचंद गहलोत का जीवन परिचय (हिंदी) samacharseva.com। अभिगमन तिथि: 1 मार्च, 2020।