प्राच्य जाति

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प्राच्य जाति से तात्पर्य पूर्व में रहने वाले लोगों से है। ये लोग अर्जुन द्वारा युद्ध में परास्त किये गए थे।

  • पाण्डव सेनापति ने भीम को इनके विरुद्ध महाभारत युद्ध में लड़ने के लिए नियुक्त किया गया था।
  • दुर्योधन के पक्षधर प्राच्य गण हाथी की पीठ पर बैठकर युद्ध कौशल में पारंगत थे।
  • जब वे अर्जुन पर आक्रामक हुए तो उसने इन्हें खदेड़ दिया था।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

भारतीय संस्कृति कोश, भाग-2 |प्रकाशक: यूनिवर्सिटी पब्लिकेशन, नई दिल्ली-110002 |संपादन: प्रोफ़ेसर देवेन्द्र मिश्र |पृष्ठ संख्या: 519 |

  1. महाभारत, आदिपर्व, अध्याय 139, उद्योगपर्व, अध्याय 30, 57, 160-161

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