भारत बिल भुगतान प्रणाली

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भारत बिल भुगतान प्रणाली

भारत बिल भुगतान प्रणाली संक्षिप्त- 'बीबीपीएस' (अंग्रेज़ी: Bharat Bill Payment System or BBPS) भारत की एक समन्वित बिल भुगतान प्रणाली है जो ग्राहकों को एक सुविधाजनक तरीके से भिन्न-भिन्न प्रकार के बिल, फीस आदि का भुगतान एक ही स्थान पर करने की सुविधा उपलब्ध कराती है। इस हेतु ग्राहक को एजेंट्स के नेटवर्क, विभिन्न प्रकार के भुगतान माध्यम तथा भुगतान की तुरंत पुष्टि की सुविधा मिल सकेगी। इस प्रणाली की स्थापना हेतु दिशानिर्देश भारतीय रिज़र्व बैंक ने 28 नवंबर, 2014 को जारी किए थे।

हाल ही में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा स्पाइस डिजिटल लिमिटेड को बी.बी.पी.एस. के संबंध में अंतिम लाइसेंस प्रदान किया गया है। इसके अंतर्गत् अब एस.डी.एल. कंपनी को भारत बिल भुगतान प्रणाली में भारत बिल भुगतान ऑपरेटिंग यूनिट के रूप में बिल भुगतान की प्रक्रिया में शामिल होने की अनुमति मिल गई है।[1]

पृष्‍ठभूमि

भारत में भुगतान प्रणाली विज़न 2012-15 ने विविधतापूर्ण एवं पेचीदा बिलकर्ता बाज़ार संरचना वाले एक ऐसे बड़े बिल भुगतान बाज़ार के अस्तित्‍व पर प्रकाश डाला है जहां अनेक प्रकार के राष्‍ट्रीय/प्रादेशिक भागीदार एवं निजी/सरकारी संस्‍थाएं विद्यमान हैं। मौद्रिक नीति की दूसरी तिमाही समीक्षा 2012-13 में भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारत में इलेक्‍ट्रॉनिक गिरो भुगतान प्रणाली को लागू करने के तौर-तरीकों को अंतिम रूप देने हेतु एक समिति के गठन की घोषणा की थी। देश में इलेक्‍ट्रॉनिक गिरो प्रणाली को लागू करने की संभावनाओं का अध्‍ययन करने के लिए जी. पद्मनाभन, कार्यपालक निदेशक, भारतीय रिज़र्व बैंक की अध्‍यक्षता में एक समिति गठित की गई। उसके बाद इस समिति की सिफारिशों के अनुसार देश में ग्राहकों द्वारा किए जा रहे बिल भुगतानों, चाहे बिलकर्ता कहीं भी हों, के लिए पैन इंडिया टच पाइंट को मूर्त रूप देने के लिए एक ढांचा तैयार करने के उद्देश्‍य से प्रो. उमेश बेल्‍लूर, आईआईटी, मुंबई की अध्‍यक्षता में एक गिरो परामर्शदाता समूह का गठन किया गया। इस समूह ने 20 मार्च 2014 को प्रस्‍तुत अपनी रिपोर्ट में देश में बिल भुगतान प्रणाली के लिए एक ऐसी बहुस्‍तरीय संरचना की सिफारिश की थी, जिसके अंतर्गत मानक तय करने वाली एक केंद्रीय इकाई है और बीबीपीएस के लिए निर्धारित मानकों के अनुसार कार्य करने वाली और उनका पालन करने वाली विभिन्‍न प्रकार की परिचालनकारी इकाइयां हैं।[2]

तदनुसार, 7 अगस्त 2014 को 'भारत बिल भुगतान प्रणाली' (बीबीपीएस) के कार्यान्‍वयन संबंधी दिशानिर्देशों का प्रारूप आम जनता की राय जानने के लिए रिज़र्व बैंक की वेबसाइट पर प्रस्‍तुत की गई। इन दिशानिर्देशों के प्रारूप के संबंध में आम जनता से प्राप्‍त सुझावों के आधार पर भारत बिल भुगतान प्रणाली (बीबीपीएस) के कार्यान्‍वयन संबंधी अंतिम दिशानिर्देश तैयार किए गए हैं।

क्या है बी.बी.पी.एस.

  • भारत बिल भुगतान प्रणाली भारतीय रिज़र्व बैंक की एक अवधारणात्मक प्रणाली है, जिसका संचालन राष्ट्रीय भुगतान निगम द्वारा किया जाता है।
  • यह प्रणाली सभी प्रकार के बिलों के लिये एक अंतिम भुगतान प्लेटफॉर्म के रूप में कार्य करती है।
  • इस प्रकार यह देशभर के ग्राहकों को भुगतान अंतरण, विश्वसनीयता और सुरक्षा के साथ-साथ एक बेहतर एवं सुलभ बिल भुगतान सेवा उपलब्ध कराती है।
  • बी.बी.पी.एस. के माध्यम से नकदी, चेक हस्तांतरण और इलेक्ट्रॉनिक तरीके से भुगतान किया जा सकता है।
  • ऑपरेटिंग इकाइयों के रूप में कार्य करने वाले एग्रीगेटर्स तथा बैंक ग्राहकों के लिये इन लेन-देनों को पूरा करने का कार्य करते है।

एन.पी.सी.आई. क्या है

भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम भारत में सभी खुदरा भुगतान प्रणाली के लिये एक अम्ब्रेला संगठन है। इसे भारतीय रिज़र्व बैंक और भारतीय बैंक संघ के मार्गदर्शन एवं समर्थन के साथ स्थापित किया गया था। वर्तमान में एन.पी.सी.आई. के पास दस प्रमोटर बैंक हैं।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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