मुद्रण निदेशालय
मुद्रण निदेशालय भारत सरकार का एक सेवा विभाग है, जो 'बिना हानि-बिना लाभ' के आधार पर कार्य कर रहा है। यह मुख्यत: सरकार के विभिन्न मंत्रालयों/विभागों के कार्यों पर निर्भर करता है। निदेशालय के प्रमुख निदेशक मुद्रण हैं, जिनका कार्यालय निर्माण भवन, नई दिल्ली में स्थित है।
पुर्नावलोकन
भारत सरकार मुद्रणालयों का इतिहास विगत में वर्ष 1862 से चला आ रहा है, जब सरकार ने कलकत्ता (वर्तमान कोलकाता) में एक केन्द्रीय मुद्रण कार्यालय की स्थापना की थी और शिमला में एक (1872) तथा राष्ट्रपति भवन में भी एक यूनिट 1872 में जोड़ी थी।[1] स्वतंत्रता पूर्व निदेशालय के छ: मुद्रणालय थे। सरकारी क्रियाकलापों में विविध प्रकार से वृद्धि के साथ भारत सरकार की मुद्रण आवश्यकताओं को पूरा करना कठिन हो गया। परिणामस्वरूप समस्त देश में मुद्रणालयों की संख्या में वृद्धि हुई। आज मुद्रण निदेशालय के अधीन संघीय गणराज्य जर्मनी द्वारा उपहारस्वरूप दी गई मशीनरी/उपकरणों से संस्थापित तीन पाठ्य पुस्तक मुद्रणालयों सहित 16 भारत सरकार के मुद्रणालय हैं।[2]
निदेशालय के प्रमुख निदेशक मुद्रण हैं, जिनका कार्यालय निर्माण भवन, नई दिल्ली में स्थित है और-
- यह मंत्रालय का एक सम्बद्ध कार्यालय है।
- यह एक सरकारी मुद्रक है।
- यह सरकारी फार्मों का मुद्रण, स्टॉक और वितरण करता है।
- यह मुद्रण प्रोद्योगिकी से संबंधित तकनीकी मामलों पर राज्य सरकारों/अन्य केन्द्रीय सरकारी कार्यालयों को परामर्श देता है।
- इसमें कुल 6631 कर्मचारी हैं।
कार्य
मुद्रण निदेशालय द्वारा किए जाने वाले महत्वपूर्ण मुद्रण कार्य निम्नलिखित हैं[2]-
- संघीय बजट सहायक दस्तावेज
- रेलवे बजट
- संसद के दोनों सदनों के सत्र संबंधी कागजात
- आयात एवं निर्यात नीति
- भारत का राजपत्र/दिल्ली का राजपत्र
- गुप्त/गोपनीय प्रकाशन
- मानक फार्म
- आयकर फार्म
- पोस्टल फार्म
- मंत्रालयों/विभागों की वार्षिक रिपोर्ट
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टीका-टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ मूलत: कलकत्ता में वॉयसराय के निजी सचिव के मुद्रणालय के रूप में स्थापित
- ↑ 2.0 2.1 मुद्रण निदेशालय (हिंदी) dop.nic.in। अभिगमन तिथि: 23 नवम्बर, 2016।