रानी धर्मा

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  • दक्षिण की परम्परा में अशोक की माता का नाम धर्मा आया है।
  • धर्मा को अग्रमहिषी (अग्ग-महेसी)[1] कहा गया है।
  • उसके परिवार के गुरु का नाम 'जनसान' था, जो कि 'आजीविक' साधु था। इससे इस बात का खुलासा हो जाता है कि अशोक आजीविकों को आश्रय क्यों देता था।
  • धर्मा का जन्म मोरियों के क्षत्रिय वंश में हुआ था।[2]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. महावंश टीका, अध्याय 4, पृ. 125
  2. 'मोरियवंसजा', महावंश टीका, अध्याय 4, पृ. 125 व महाबोधिवंश, पृ. 98

मुखर्जी, राधाकुमुद अशोक (हिंदी)। नई दिल्ली: मोतीलाल बनारसीदास, 2।

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