सुमित सरकार
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सुमित सरकार
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पूरा नाम | सुमित सरकार |
जन्म | 1939 |
जन्म भूमि | पश्चिम बंगाल |
पति/पत्नी | तनिका सरकार |
कर्म भूमि | भारत |
कर्म-क्षेत्र | भारतीय इतिहास |
विद्यालय | कोलकाता विश्वविद्यालय, पश्चिम बंगाल |
प्रसिद्धि | इतिहासकार |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | सुमित सरकार की पुस्तक 'आधुनिक भारत' में उन लोगों के अध्ययन के लिए ग्रंथसूची भी दी गई है, जो इस विषय पर हुए प्रचुर शोध कार्यों की स्वयं छानबीन करना चाहते हैं। |
अद्यतन | 17:09, 18 जनवरी 2022 (IST)
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सुमित सरकार (अंग्रेज़ी: Sumit Sarkar, जन्म- 1939) भारत के प्रसिद्ध इतिहासकार और प्रोफेसर हैं। वह दिल्ली विश्वविद्यालय में अध्यापन करते हैं। उन्होंने आधुनिक भारत के इतिहास पर कई महत्वपूर्ण पुस्तकों की रचना की है। सुमित सरकार ने बहुत-से शोध प्रबंधों का भी निर्देशन किया है।
- प्रो. सुमित सरकार की पुस्तक 'आधुनिक भारत' में लेखक ने साम्राज्यवाद विरोधी संघर्ष को केंद्र में रखकर नई सामग्री का संश्लेषण किया है और साथ ही परवर्ती भारत की आर्थिक, सामाजिक-सांस्कृतिक तथा राजनीतिक घटनाओं के समग्र अध्ययन में उसका उपयोग करने की कोशिश भी की है।
- आधुनिक भारत और उसके स्वातंत्रय आंदोलन का इतिहास-लेखन प्रायः विशिष्ट वर्ग के ही दृष्टिकोण से किया गया है। ऐसे इतिहास-लेखन में विभिन्न क्षेत्रों का नेतृत्व करने वाले लोगों के कार्यकलाप, आदर्श या दलगत जोड़-तोड़ केंद्रीय विषय रहे हैं।
- अपनी पुस्तक में लेखक ने स्वयं अपने ही शोध के आधार पर उन प्रचुर संभावनाओं का उद्घाटन करने की कोशिश की है, जो इतिहास को समाज के निचले तबके की दृष्टि से देखने के लिए विद्यमान हैं।
- आधुनिक भारतीय इतिहास की हमारी पूरी समझ पर लगे महत्त्वपूर्ण आरोपों का अध्ययन करने के लिए लेखक ने विशिष्ट वर्ग के बजाय जनजातियों, किसानों और कामगारों पर अपना ध्यान केंद्रित किया है।
- पुस्तक 'आधुनिक भारत' में उन लोगों के अध्ययन के लिए ग्रंथसूची भी दी गई है, जो इस विषय पर हुए प्रचुर शोध कार्यों की स्वयं छानबीन करना चाहते हैं। यह पुस्तक आधुनिक भारतीय इतिहास के अध्ययन में रुचि रखने वाले हर व्यक्ति के लिए, ऑनर्स और स्नातकोत्तर कक्षाओं के छात्रों, प्राध्यापकों और सामान्य पाठकों के लिए समान रूप से उपयोगी है।
- सुमित सरकार को 2004 में पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा उनकी पुस्तक 'राइटिंग सोशल हिस्ट्री' के लिए 'रवींद्र पुरस्कार' से सम्मानित किया गया था। उन्होंने किसानों को उनकी भूमि से निष्कासन के विरोध में 2007 में पुरस्कार वापस कर दिया।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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