भद्रासन (अंग्रेज़ी: Bhadrasana) एक ध्यानात्मक आसन है। इसका रोजाना अभ्यास करने से मन की एकाग्रता बढ़ती है। 'भद्र' का मतलब होता है 'अनुकूल' या 'सुन्दर'। यह आसन लम्बे समय तक ध्यान (मेडीटेसन) में बैठे रहने के लिए अनुकूल है और इससे शरीर निरोग और सुंदर रहने के कारण इसे 'भद्रासन' कहा जाता हैं। भद्रासन योग को अंग्रेज़ी में 'ग्रेसिऑस पोज' भी कहा जाता हैं।
विधि
- वज्रासन में बैठ जाएं। घुटनों को जितना संभव हो, दूर-दूर कर लें।
- पैरों की उंगलियों का सम्पर्क जमीन से बना रहे।
- अब पंजों को एक-दूसरे से इतना अलग कर लें कि नितम्ब और मूलाधार उनके बीचे जमीन पर टिक सकें।
- घुटनों को और अधिक दूर करने का प्रयास करें, लेकिन दूर करते समय अधिक जोर न लगाएं।
- हाथों को घुटनों पर रखें, हथेलियां नीचे की ओर रहें।
- जब शरीर आराम की स्थिति में आ जाए, तब नासिकाग्र दृष्टि (दृष्टि को नासिका के आगे वाले भाग पर ध्यान लगाना) का अभ्यास करें। जब आंखें थक जाएं, तब उन्हें कुछ देर के लिए बंद कर लें।
- आंखों को खोल लें और फिर से इस प्रक्रिया को दोहराएं।
- इस प्रक्रिया को इसी प्रकार दस मिनट तक दोहराएं।
सावधानियां
- गर्भवती महिलायें इस आसन को किसी ट्रेनर की मदद से करें।
- घुटने दर्द होने पर इस आसन को न करें।
- अगर इस आसन को करते समय कमर दर्द होती है तो इस आसन को न करें।
- पेट की समस्या में भी इस आसन को नहीं करना चाहिए।
लाभ
- ध्यान में बैठने के लिए एक उपयोगी आसन हैं।
- एकाग्रता शक्ति बढ़ती हैं और दिमाग तेज होता हैं।
- मन की चंचलता कम होती हैं।
- प्रजनन शक्ति बढ़ाता है।
- पाचन शक्ति ठीक रहती है।
- पैर के स्नायु मजबूत होते हैं।
- सिरदर्द, कमरदर्द, आँखों की कमजोरी, अनिद्रा और हिचकी जैसे समस्या में राहत मिलती हैं।
भद्रासन बेहद सरल और उपयोगी आसन है। अगर कोई पेट की बीमारी है या घुटनों की तकलीफ है तो डॉक्टर या योग विशेषज्ञ की राय लेकर ही यह योग करें। योग करने पर कोई परेशानी होने पर डॉक्टर या योग विशेषज्ञ की सलाह लेना चाहिए। योग अभ्यास का समय धीरे-धीरे बढ़ाना चाहिए।
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