मेहरचंद महाजन
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पूरा नाम | मेहरचंद महाजन |
जन्म | 23 दिसंबर, 1889 |
जन्म भूमि | टिक्का नगरोटा, जिला कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश |
मृत्यु | 11 दिसम्बर, 1967 |
नागरिकता | भारतीय |
प्रसिद्धि | राजनीतिज्ञ, न्यायाधीश |
पार्टी | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
पद | मुख्य न्यायाधीश, भारत- 4 जनवरी, 1954 से 22 दिसम्बर, 1954]] तक प्रधानमंत्री, जम्मू-कश्मीर (आज़ादी पूर्व)- 15 अक्टूबर, 1947 से 5 मार्च, 1948 |
संबंधित लेख | भारत के मुख्य न्यायाधीश, उच्चतम न्यायालय |
पूर्वाधिकारी | एम. पी. शास्त्री |
उत्तराधिकारी | बिजन कुमार मुखरीजा |
अन्य जानकारी | मेहरचंद महाजन कई संस्थाओं के संस्थापक व कई अहम पदों पर रहे। उन्हें 27 दिसंबर, 1943 को लाहौर न्यायालय में न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था। |
मेहरचंद महाजन (अंग्रेज़ी: Meharchand Mahajan, जन्म- 23 दिसंबर, 1889; मृत्यु- 11 दिसम्बर, 1967) भारत के सर्वोच्च न्यायालय के तीसरे न्यायाधीश थे। वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेताओं में से एक थे। मेहरचंद महाजन को भारतीय राज्य जम्मू और कश्मीर का प्रथम प्रधानमंत्री होने का गौरव प्राप्त है। वह 15 अक्टूबर, 1947 से 5 मार्च, 1948 तक जम्मू और कश्मीर के प्रधानमंत्री रहे।
30 मार्च, 1965 से जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री राज्य के मुख्य कार्यकारी बने। इसलिए शुरू में 5 लोगों ने जम्मू-कश्मीर के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया। जम्मू और कश्मीर राज्य के पहले प्रधानमंत्री भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के मेहरचंद महाजन थे। मेहरचंद महाजन ने 15 अक्टूबर, 1947 को पीएम के रूप में शपथ ली और 5 मार्च, 1948 तक इस पद पर बने रहे। अन्य चार लोगों में शेख़ अब्दुल्ला, बख्शी ग़ुलाम मोहम्मद, ख़्वाजा शमसुद्दीन और ग़ुलाम मोहम्मद सादिक़ का नाम है। बाद में जम्मू और कश्मीर के संविधान में परिवर्तन हुआ और प्रधानमंत्री के स्थान पर मुख्यमंत्री का पद आ गया। तत्कालीन सत्ताधारी पार्टी के प्रधानमंत्री ग़ुलाम मोहम्मद सादिक़ ने 30 मार्च, 1965 को जम्मू-कश्मीर के पहले मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।
- मेहरचंद महाजन का जन्म 23 दिसंबर, 1889 को टिक्का नगरोटा, जिला कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश में हुआ था।
- उन्होंने प्रारम्भिक शिक्षा नूरपुर के सरकारी स्कूल से प्राप्त की। इसके बाद 1913 में धर्मशाला में वकालत शुरू की और 1914 से 1918 तक पंजाब के गुरदासपुर में वकालत की। उन्होंने 1942 में लाहौर से कानून की डिग्री प्राप्त की थी।[1]
- सन 1938 से 1943 तक मेहरचंद महाजन ने लाहौर हाईकोर्ट की बार एसोसियेशन के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया।
- 15 अक्तूबर, 1947 से 5 मार्च, 1948 तक वे जम्मू कश्मीर के प्रधानमंत्री बने तो इस दौरान उन्होंने राजनीतिक कौशल के चलते जम्मू कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बनाने में अहम भूमिका निभाई।
- इसके उपरान्त वे 4 जनवरी, 1954 को 'सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया' के तीसरे मुख्य न्यायाधीश बने और इसके साथ ही उन्होने नूरपुर क्षेत्र का नाम रोशन किया।
- मेहरचंद महाजन कई संस्थाओं के संस्थापक व कई अहम पदों पर रहे। उन्हें 27 दिसंबर, 1943 को लाहौर न्यायालय में न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया। वह भारत के सर्वोच्च न्यायालय के तीसरे न्यायाधीश थे।
- 4 जनवरी 1954 से 22 दिसंबर 1954 तक वे भारत के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यरत रहे थे।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ मेहरचंद महाजन की जीवनी (हिंदी) jivanihindi.com। अभिगमन तिथि: 05 मार्च, 2020।