प्रहलाद सिंह पटेल
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पूरा नाम | प्रहलाद सिंह पटेल |
जन्म | 28 जून, 1960 |
जन्म भूमि | गोटेगांव, नरसिंहपुर, मध्य प्रदेश |
अभिभावक | पिता- मुलायम सिंह पटेल माता- यशोदाबाई पटेल |
पति/पत्नी | पुष्पलता सिंह पटेल |
संतान | पुत्र- 1, पुत्री- 2 |
नागरिकता | भारतीय |
प्रसिद्धि | राजनीतिज्ञ |
कार्य काल | राज्य मंत्री, जलशक्ति मंत्रालय- 7 जुलाई, 2021 से राज्य मंत्री, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय- 7 जुलाई, 2021 से |
शिक्षा | बी.एससी, एलएलबी, एमए (दर्शनशास्त्र) |
विद्यालय | आदर्श विज्ञान महाविद्यालय तथा यू.टी.डी. रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर |
अन्य जानकारी | 2005 में प्रहलाद सिंह पटेल भाजपा से अलग होकर 'भारतीय जनशक्ति' में उमा भारती के साथ रहे थे। हालांकि तीन साल बाद ही मार्च 2009 में उन्होंने भाजपा में घर वापसी कर ली। |
अद्यतन | 15:14, 13 जुलाई 2021 (IST)
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प्रहलाद सिंह पटेल (अंग्रेज़ी: Prahlad Singh Patel, जन्म- 28 जून, 1960, नरसिंहपुर, मध्य प्रदेश) भारतीय राजनीतिज्ञ हैं, जो सत्रहवीं लोकसभा में 'संस्कृति तथा पर्यटन मंत्री' बनाये गए थे, किन्तु 7 जुलाई, 2021 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मंत्रिमण्डल में हुए विस्तार तथा फेरबदल के बाद उन्हें 'जल शक्ति मंत्रालय में राज्य मंत्री' तथा ' खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय में राज्य मंत्री' बनाया गया है। 2014 के चुनावों में वह मध्य प्रदेश के दमोह से निर्वाचित हुए थे। प्रहलाद सिंह पटेल भारतीय जनता पार्टी के राजनीतिज्ञ हैं। इसके पूर्व वह अटल बिहारी वाजपेयी के मंत्रिमण्डल में कोयला राज्य मंत्री रह चुके हैं। प्रह्लाद सिंह पटेल ने 1999 में भाजपा के टिकट पर मध्य प्रदेश के बालाघाट से लोकसभा का चुनाव जीता था।
परिचय
मध्य प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग से नाता रखने वाले प्रहलाद सिंह पटेल कुशल वक्ता हैं और स्थानीय एवं राष्ट्रीय मुद्दों पर गहरी पकड़ रखते हैं। पांच बार के सांसद प्रहलाद सिंह पटेल 2003 में केन्द्र की राजग सरकार में कोयला राज्य मंत्री थे। अन्य पिछड़ा वर्ग के लोधी समाज से ताल्लुक रखने वाले मध्य प्रदेश के कद्दावर भाजपा नेता प्रहलाद सिंह पटेल एक समय उमा भारती के कट्टर समर्थक थे। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में कई उतार चढ़ाव देखे हैं।
राजनीतिक गतिविधियाँ
- साल 2005 में प्रहलाद सिंह पटेल भाजपा से अलग होकर 'भारतीय जनशक्ति' में उमा भारती के साथ रहे थे। हालांकि तीन साल बाद ही मार्च 2009 में उन्होंने भाजपा में घर वापसी कर ली।
- 2014 में पांच साल बाद दमोह लोकसभा सीट से चुनाव लड़े और भाजपा के सांसद बने।
- प्रहलाद सिंह पटेल वर्ष 2000 में देश में गौहत्या पर प्रतिबंध के लिये एक निजी विधेयक लोकसभा में लाये थे।
- वह सबसे पहले वर्ष 1989 में लोकसभा के सदस्य चुने गये।
- प्रहलाद सिंह पटेल एक अनुभवी सांसद हैं। इसके साथ ही वह लोकसभा की अनेक समितियों के सदस्य भी रहे हैं।
- अपने छात्र जीवन से ही राजनीति में प्रहलाद सिंह पटेल सक्रिय हो गये थे।
- वर्ष 1980 में वह जबलपुर विश्वविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष चुने गये। इसके बाद उन्होंने राजनीति में पलट कर नहीं देखा और लगातार आगे बढ़ते गये।
- इसके बाद वह भाजपा की युवा शाखा 'भारतीय जनता युवा मोर्चा' के प्रदेश में कई अहम पदों पर रहे।
- उमा भारती ने वर्ष 2003 के विधानसभा चुनाव में जब प्रदेश में दिग्विजय सिंह के नेतृत्व वाले कांग्रेस के दस वर्षीय शासन को उखाड़ा, तब प्रहलाद सिंह पटेल, उमा के साथ चट्टान की तरह खड़े थे। इसके बाद भाजपा ने क्रमश: उमा भारती, बाबूलाल गौर और शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में प्रदेश में लगातार 15 साल तक शासन किया।
- प्रहलाद सिंह पटेल उन गिने चुने राजनेताओं में से हैं, जिन्होने नर्मदा परिक्रमा की है। नर्मदा नदी के दोनों किनारों पर लगभग 3300 किलोमीटर की यह पैदल परिक्रमा नर्मदा भक्तों में पवित्र मानी जाती है।
- वह विशुद्ध शाकाहरी हैं तथा हिंदुत्व की राह पर चलने वाले नेता हैं।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ प्रहलाद सिंह पटेल जीवन परिचय (हिंदी) haribhoomi.com। अभिगमन तिथि: 08 मई, 2020।
बाहरी कड़ियाँ
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नरेन्द्र मोदी का कैबिनेट मंत्रिमण्डल
क्रमांक | मंत्री नाम | मंत्रालय |
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