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*इसका शासनकाल | *इसका शासनकाल 978 से 1038 ई. तक माना जाता है। | ||
*महिपाल प्रथम का राज्य [[मगध]] तक काफ़ी बड़े क्षेत्रफल में विस्तृत था। | *महिपाल प्रथम का राज्य [[मगध]] तक काफ़ी बड़े क्षेत्रफल में विस्तृत था। | ||
*उसने [[पाल वंश]] की खोई हुई शक्ति को पुनर्जीवन देने के लिए कठिन प्रयत्न किया। | *उसने [[पाल वंश]] की खोई हुई शक्ति को पुनर्जीवन देने के लिए कठिन प्रयत्न किया। | ||
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11:37, 27 जून 2011 के समय का अवतरण
- महिपाल प्रथम 'विग्रहपाल' का पुत्र तथा उसका उत्तराधिकारी था।
- इसका शासनकाल 978 से 1038 ई. तक माना जाता है।
- महिपाल प्रथम का राज्य मगध तक काफ़ी बड़े क्षेत्रफल में विस्तृत था।
- उसने पाल वंश की खोई हुई शक्ति को पुनर्जीवन देने के लिए कठिन प्रयत्न किया।
- महिपाल प्रथम को चोल वंश के राजेन्द्र प्रथम एवं कलचुरी वंश के गांगेयदेव से युद्ध में परास्त होना पड़ा।
- महिपाल प्रथम को पाल वंश का द्वितीय संस्थापक भी माना जाता है।
- महिपाल ने बौद्ध भिक्षु अतिशा के नेतृत्व में तिब्बत में एक 'धर्म प्रचारक मण्डल' भेजा था।
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