"देबल बन्दरगाह": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
छो (Text replace - "जिक्र" to "ज़िक्र")
 
(एक दूसरे सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया)
पंक्ति 3: पंक्ति 3:
*अरब भूगोलवेत्ता सिंधु में देबल बन्दरगाह से परिचित थे। परंतु बाढ़ में नष्ट होकर इसका नाम विलीन हो गया और बाद में दीदूल सिंध के नाम से जाना जाने लगा। लेकिन इसका वास्तविक नाम लारी बन्दरगाह था।  
*अरब भूगोलवेत्ता सिंधु में देबल बन्दरगाह से परिचित थे। परंतु बाढ़ में नष्ट होकर इसका नाम विलीन हो गया और बाद में दीदूल सिंध के नाम से जाना जाने लगा। लेकिन इसका वास्तविक नाम लारी बन्दरगाह था।  
*देबल का [[थट्टा]], मुल्तान और [[लाहौर]] से सीधा सम्पर्क था।  
*देबल का [[थट्टा]], मुल्तान और [[लाहौर]] से सीधा सम्पर्क था।  
*[[इब्नबतूता]] ने भी देबल का जिक्र किया है।  
*[[इब्नबतूता]] ने भी देबल का ज़िक्र किया है।  
*तत्कालीन ग्रंथों के अध्ययन से पता चलता है कि मध्यकाल में यहाँ के निवासी देश-विदेश की अनेक व्यापारिक वस्तुओं का संग्रह करते थे और बाद में उनको ऊँचे दामों पर बेचकर लाभ कमाते थे।  
*तत्कालीन ग्रंथों के अध्ययन से पता चलता है कि मध्यकाल में यहाँ के निवासी देश-विदेश की अनेक व्यापारिक वस्तुओं का संग्रह करते थे और बाद में उनको ऊँचे दामों पर बेचकर लाभ कमाते थे।  
*मोरलैण्ड  ''इण्डिया एट दि डेथ ऑफ अकबर'' में लिखा है कि मानसून की [[दृष्टि]] से इस बन्दरगाह की स्थिति ठीक नहीं थी।  
*मोरलैण्ड  ''इण्डिया एट दि डेथ ऑफ अकबर'' में लिखा है कि मानसून की [[दृष्टि]] से इस बन्दरगाह की स्थिति ठीक नहीं थी।  
पंक्ति 17: पंक्ति 17:


__INDEX__
__INDEX__
{{विदेशी स्थान और नगर}}
{{विदेशी स्थान}}
[[Category:विदेशी स्थान]]
[[Category:विदेशी स्थान]]
[[Category:ऐतिहासिक स्थान कोश]]
[[Category:ऐतिहासिक स्थान कोश]]
[[Category:इतिहास कोश]]
[[Category:इतिहास कोश]]

10:31, 11 जुलाई 2011 के समय का अवतरण

इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव"
  • देबल बन्दरगाह सिंधु नदी के मुहाने पर समुद्र के किनारे स्थित था।
  • अरब भूगोलवेत्ता सिंधु में देबल बन्दरगाह से परिचित थे। परंतु बाढ़ में नष्ट होकर इसका नाम विलीन हो गया और बाद में दीदूल सिंध के नाम से जाना जाने लगा। लेकिन इसका वास्तविक नाम लारी बन्दरगाह था।
  • देबल का थट्टा, मुल्तान और लाहौर से सीधा सम्पर्क था।
  • इब्नबतूता ने भी देबल का ज़िक्र किया है।
  • तत्कालीन ग्रंथों के अध्ययन से पता चलता है कि मध्यकाल में यहाँ के निवासी देश-विदेश की अनेक व्यापारिक वस्तुओं का संग्रह करते थे और बाद में उनको ऊँचे दामों पर बेचकर लाभ कमाते थे।
  • मोरलैण्ड इण्डिया एट दि डेथ ऑफ अकबर में लिखा है कि मानसून की दृष्टि से इस बन्दरगाह की स्थिति ठीक नहीं थी।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख