"हनुमानगढ़": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
(''''हनुमानगढ़ / Hanumangarh'''<br /> {{tocright}} ==परिचय== हनुमानगढ़ को [[सादु...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
No edit summary
 
(10 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 42 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
'''हनुमानगढ़ / Hanumangarh'''<br />
{{सूचना बक्सा पर्यटन
{{tocright}}
|चित्र=View-Of-Hanumangarh.jpg
==परिचय==
|चित्र का नाम=हनुमानगढ़ का एक दृश्य
हनुमानगढ़ को [[सादुलगढ़]] भी कहते है्। यह नगर, उत्तर [[राजस्थान]], पश्चिमोत्तर [[भारत]], में [[घग्घर नदी]] के दाऐं तट पर स्थित है। यह [[बीकानेर]] से 144मील उत्तर-पूर्व में बसा हुआ है। यहाँ एक प्राचीन क़िला है, जिसका पुराना नाम [[भटनेर]] था। भटनेर भट्टीनगर का अपभ्रंश है, जिसका अर्थ भट्टी अथवा भट्टियों का नगर है।
|विवरण=हनुमानगढ़ में एक प्राचीन क़िला है, जिसका पुराना नाम [[भटनेर]] था। भटनेर भट्टीनगर का अपभ्रंश है, जिसका अर्थ भट्टी अथवा भट्टियों का नगर है।
|राज्य=[[राजस्थान]]
|केन्द्र शासित प्रदेश=
|ज़िला=[[हनुमानगढ़ ज़िला|हनुमानगढ़]]
|निर्माता=
|स्वामित्व=
|प्रबंधक=
|निर्माण काल=
|स्थापना=
|भौगोलिक स्थिति=[http://maps.google.com/maps?q=29.58,74.32&ll=29.590774,74.267578&spn=0.368403,0.727158&t=m&z=11&vpsrc=6 उत्तर- 29°35, पूर्व- 74°19]
|मार्ग स्थिति=हनुमानगढ़ [[दिल्ली]] से 351 किमी,  [[जयपुर]] से 400 किमी,  [[उदयपुर]] से 682 किमी की दूरी पर स्थित है।
|मौसम=
|तापमान=
|प्रसिद्धि=
|कब जाएँ=[[अक्तूबर]] से [[फ़रवरी]]
|कैसे पहुँचें=हवाई जहाज़, रेल, बस आदि
|हवाई अड्डा=भटिंडा हवाई अड्डा और बीकानेर हवाई अड्डा
|रेलवे स्टेशन=हनुमानगढ़ जंक्शन
|बस अड्डा=
|यातायात=
|क्या देखें= [[भटनेर क़िला हनुमानगढ़|भटनेर क़िला]], [[कालीबंगा संग्रहालय हनुमानगढ़|कालीबंगा संग्रहालय]], [[सिल्ला माता मंदिर हनुमानगढ़|सिल्ला माता मंदिर]], [[गोगामेड़ी मंदिर हनुमानगढ़|गोगामेड़ी मंदिर]]
|कहाँ ठहरें=
|क्या खायें=
|क्या ख़रीदें=
|एस.टी.डी. कोड=01552
|ए.टी.एम=लगभग सभी
|सावधानी=
|मानचित्र लिंक=[http://maps.google.co.in/maps?saddr=Hanumangarh,+Rajasthan&daddr=kalibangan&hl=en&sll=29.47,74.13&sspn=0.139587,0.220757&geocode=FVbuwwEdeY9tBCmzdJ43jfQWOTG7ytQrLWVXPQ%3BFTCtwQEdUCJrBCnJybrV_WMWOTGcyDrp7kMQRg&vpsrc=0&mra=ls&t=m&z=11 गूगल मानचित्र]
|संबंधित लेख=
|शीर्षक 1=[[भाषा]]
|पाठ 1=[[हिंदी]], [[राजस्थानी भाषा|राजस्थानी]], [[अंग्रेजी भाषा|अंग्रेजी]]
|शीर्षक 2=
|पाठ 2=
|अन्य जानकारी=[[मंगलवार]] के [[दिन]] इस क़िले पर अधिकार होने के कारण इस क़िले में एक छोटा सा [[हनुमान]] जी का मंदिर बनवाया गया तथा उसी दिन से उसका नाम हनुमानगढ़ रखा गया।
|बाहरी कड़ियाँ=
|अद्यतन={{अद्यतन|15:43, 24 नवम्बर 2011 (IST)}}
}}
 
हनुमानगढ़ नगर, उत्तर [[राजस्थान]], [[भारत|पश्चिमोत्तर भारत]], में [[घग्घर नदी]] के दाऐं तट पर स्थित है। हनुमानगढ़ को 'सादुलगढ़' भी कहते हैं। यह [[बीकानेर]] से 144 मील उत्तर-पूर्व में बसा हुआ है। यहाँ एक प्राचीन क़िला है, जिसका पुराना नाम [[भटनेर]] था। भटनेर भट्टीनगर का अपभ्रंश है, जिसका अर्थ भट्टी अथवा भट्टियों का नगर है।
==स्थिति==
==स्थिति==
बीकानेर राज्य के दो प्रमुख क़िलों में से हनुमानगढ़ दूसरा क़िला है। यह क़िला लगभग 52 बीघे भूमि में फैला हुआ है और ईंटों से सुद्दुढ़ बना है। चारों ओर की दीवारों पर बुर्जियाँ बनी हैं। क़िले का एक द्वार कुछ अधिक पुराना प्रतीत होता है। प्रधान प्रवेश द्वार पर संगमरमर के काम के चिह्म अब तक विद्यमान है। कहा जाता है कि इस क़िले में कई गुम्बदाकार इमारतें बनी थी पर अब वह नहीं है। क़िले के एक द्वार के पत्थर पर 1620 ई० खुदी है। उसके नीचे राजा का नाम व 6 रानियों की आकृतियाँ भी बनी हैं जो अब स्पष्ट नही हैं।
[[बीकानेर]] राज्य के दो प्रमुख क़िलों में से 'हनुमानगढ़ दूसरा क़िला' है। यह क़िला लगभग 52 बीघे भूमि में फैला हुआ है और ईंटों से सुदुढ़ बना है। चारों ओर की दीवारों पर बुर्जियाँ बनी हैं। क़िले का एक द्वार कुछ अधिक पुराना प्रतीत होता है। प्रधान प्रवेश द्वार पर संगमरमर के काम के चिह्न अब तक विद्यमान हैं। कहा जाता है कि इस क़िले में कई गुम्बदाकार इमारतें बनी थीं पर अब वह नहीं हैं। क़िले के एक द्वार के पत्थर पर 1620 ई. खुदी है। उसके नीचे राजा का नाम व 6 रानियों की आकृतियाँ भी बनी हैं जो अब स्पष्ट नहीं हैं। क़िले के भीतर का जैन उपासरा प्राचीन है। क़िले में एक लेख [[फ़ारसी भाषा|फ़ारसी लिपि]] में लगा है, जिससे बताया जाता है कि यह बादशाह की आज्ञा से 'कद्दवाहा राय मनोहर' ने [[संवत]] 1665 (1608 ई.) में 'मनोहर पोल नाम का दरवाज़ा' बनवाया था।
क़िले के भीतर का जैन उपासरा प्राचीन है। क़िले में एक लेख फ़ारसी लिपि में लगा है, जिससे बताया जाता है कि यह बादशाह की आज्ञा से कद्दवाहा राय मनोहर ने संवत् 1665 (1608 ई०) में वहाँ मनोहर पोल नाम का दरवाजा बनवाया।
==इतिहास==
==इतिहास==
पहले हनुमानगढ़ को भटनेर (भट्टी राजपूतों का दुर्ग) कहा जाता था। 1805 में बीकानेर रियासत में शामिल किये जाने के बाद इसको हनुमानगढ़ का नाम दिया गया था। 1398 में मंगोल विजेता [[तैमूरलंग]] ने दुर्ग सहित इस शहर पर क़ब्ज़ा कर लिया था। उसके बाद से इस पर विभिन्न शासकों का अधिकार रहा है। हनुमानगढ़ किसने बसाया है, इसका ठीक से पता नही चलता। पहले यह भाटियों के क़ब्ज़े में था तथा 1527 ई० में बीकानेर के चौथे शासक [[राव जैतसिंह]] ने यहाँ राठौड़ों का अधिपत्य स्थापित कर दिया।11 वर्ष के बाद [[बाबर]] के पुत्र [[कामरां]] ने इसे जीता। फिर कुछ दिनों तक चायलों का अधिकार रहा, जिनसे पुन: राठौड़ों ने इसे जीत लिया। फिर बाद में यह मुग़ल क़ब्ज़े में चला गया। बीच में कई बार अधिकारियों में परिवर्तन हुए। अंत में [[सूरत सिंह]] के समय 1805 ई० में माह के विकट घेरे के बाद राठौड़ों ने इसे [[ज़ाबता खाँ]] भट्टी से छीना और यहाँ बीकानेर राज्य का एकाधिकार हुआ। मंगलवार के दिन अधिकार होने के कारण इस क़िले में एक छोटा सा [[हनुमान]] जी का मंदिर बनवाया गया तथा उसी दिन से उसका नाम हनुमानगढ़ रखा गया।
हनुमानगढ़ को पहले भटनेर (भट्टी [[राजपूत|राजपूतों]] का दुर्ग) कहा जाता था। 1805 में बीकानेर रियासत में शामिल किये जाने के बाद इसको 'हनुमानगढ़' का नाम दिया गया था। 1398 में [[मंगोल]] विजेता [[तैमूर लंग]] ने दुर्ग सहित इस शहर पर क़ब्ज़ा कर लिया था। उसके बाद से इस पर विभिन्न शासकों का अधिकार रहा है। हनुमानगढ़ किसने बसाया है, इसका ठीक से पता नहीं चलता। पहले यह भाटियों के क़ब्ज़े में था तथा 1527 ई. में बीकानेर के चौथे शासक 'राव जैतसिंह' ने यहाँ राठौड़ों का आधिपत्य स्थापित कर दिया। 11 [[वर्ष]] के बाद [[बाबर]] के पुत्र 'कामरां' ने इसे जीता। फिर कुछ दिनों तक राठौड़ों के अधिकार में रहा। फिर बाद में यह [[मुग़ल]] क़ब्ज़े में चला गया, और बीच में कई बार अधिकारियों में परिवर्तन हुए। अंत में 'सूरत सिंह' के समय 1805 ई. में 5 [[माह]] के विकट घेरे के बाद राठौड़ों ने इसे ज़ाबता ख़ाँ भट्टी से छीना और यहाँ बीकानेर राज्य का एकाधिकार हुआ। [[मंगलवार]] के [[दिन]] इस क़िले पर अधिकार होने के कारण इस क़िले में एक छोटा सा [[हनुमान]] जी का मंदिर बनवाया गया तथा उसी दिन से उसका नाम 'हनुमानगढ़' रखा गया।
[[चित्र:Hanuman-Statue-Hanumangarh.jpg|[[हनुमान|हनुमानजी]] की मूर्ति, हनुमानगढ़|thumb|left]]
==यातायात और परिवहन==
==यातायात और परिवहन==
हनुमानगढ़ रेलमार्ग द्वारा बीकानेर, [[जोधपुर]] और गंगानगर से जुड़ा हुआ है। यहाँ पर रेल व सड़क द्वारा दो प्रकार के यातायात के साधन उपलब्ध हैं।  
हनुमानगढ़ रेलमार्ग द्वारा [[बीकानेर]], [[जोधपुर]] और [[गंगानगर]] से जुड़ा हुआ है। यहाँ पर रेल व सड़क द्वारा दो प्रकार के यातायात के साधन उपलब्ध हैं।  
==कृषि और खनिज==
==कृषि और खनिज==
हनुमानगढ़ एक कृषि विपणन केंद्र है, जहाँ हथकरघा पर [[कपास]] और ऊन की बुनाई होती है। हनुमानगढ़ में [[रबी]] की मुख्य फसलें पायी जाती हैं। जैसे- [[चना]], [[सरसों]], [[गेहूँ]], [[अरंड]] और [[तारामीरा]] की फसलें हैं. और [[खरीफ]] की भी कई मुख्य फसलें पायी जाती हैं। जैसे- [[नरमा]], [[कपास]], [[ग्वार]], [[मूंग]], [[मोठ]], [[बाजरा]] और [[ज्वार]] की फसलें हैं। घग्घर नदी इलाके की एकमात्र नदी है। [[इंदिरा गांधी]] फीडर यहाँ की प्रमुख नहर है। [[भाखरा]] और [[गंग कैनाल]] यहाँ की अन्य नहरें हैं।
हनुमानगढ़ एक [[कृषि]] विपणन केंद्र है, जहाँ हथकरघा पर [[कपास]] और ऊन की बुनाई होती है। हनुमानगढ़ में रबी की मुख्य फ़सलें पायी जाती हैं। जैसे- [[चना]], सरसों, [[गेहूँ]], अरंड और तारामीरा की फ़सलें हैं और खरीफ की भी कई मुख्य फ़सलें पायी जाती हैं। जैसे- नरमा, [[कपास |कपास]], ग्वार, मूँग, मोठ, [[बाजरा |बाजरा]] और [[ज्वार]] की फ़सलें हैं। [[घग्घर नदी]] इलाके की एकमात्र नदी है। इंदिरा गांधी फीडर यहाँ की प्रमुख नहर है। भाखरा और गंग कैनाल यहाँ की अन्य नहरें हैं।
==उद्योग और व्यापार==
==उद्योग और व्यापार==
हनुमानगढ़ में पकी हुई मिट्टी की बड़ी सुन्दर मुर्तियाँ बनाई जाती हैं। हनुमानगढ़ में अधिकतर इन्हीं मूर्तियों का व्यवसाय होता है।
हनुमानगढ़ में पकी हुई [[मिट्टी]] की बड़ी सुन्दर मूर्तियाँ बनाई जाती हैं। हनुमानगढ़ में अधिकतर इन्हीं मूर्तियों का व्यवसाय होता है।
==शिक्षण संस्थान==
==शिक्षण संस्थान==
यहाँ राजस्थान विश्वविद्यालय से संबद्ध नेहरू मेमोरियल लॉ कॉलेज और सरस्वती कन्या महाविद्यालय समेत कई कॉलेज हैं।
यहाँ राजस्थान विश्वविद्यालय से संबद्ध 'नेहरू मेमोरियल लॉ कॉलेज' और 'सरस्वती कन्या महाविद्यालय' समेत कई कॉलेज हैं।
==जनसंख्या==
==जनसंख्या==
हनुमानगढ़ नगर की जनसंख्या (2001) 1,29,654; है। और हनुमानगढ़ ज़िले की कुल जनसंख्या 15,17,390 है।
[[2001]] की जनगणना के अनुसार हनुमानगढ़ नगर की जनसंख्या 1,29,654 है, और [[हनुमानगढ़ ज़िला|हनुमानगढ़ ज़िले]] की कुल जनसंख्या 15,17,390 है।
==पर्यटन==  
==पर्यटन==
यहाँ एक प्राचीन क़िला है, जिसका पुराना नाम भटनेर था। मंगलवार के दिन अधिकार होने के कारण इस क़िले में एक छोटा सा हनुमान जी का मंदिर बनवाया गया तथा उसी दिन से उसका नाम हनुमानगढ़ रखा गया। घग्घर के आस-पास का प्रदेश होने के कारण यह बीकानेर का संपन्न भाग था तथा यहां शिल्पकला एवं हस्तकला का काफी विकास हुआ।
{{मुख्य|हनुमानगढ़ पर्यटन}}
====आदर्श स्थल====
पर्यटकों के आकर्षण के लिए यहाँ बहुत कुछ है। हनुमानगढ़ में कई प्रसिद्ध स्थान जैसे [[भटनेर क़िला हनुमानगढ़|भटनेर क़िला]], [[कालीबंगा संग्रहालय हनुमानगढ़|कालीबंगा संग्रहालय]], [[सिल्ला माता मंदिर हनुमानगढ़|सिल्ला माता मंदिर]], [[गोगामेड़ी मंदिर हनुमानगढ़|गोगामेड़ी मंदिर]] आदि हैं।
*'''गुरुद्वारा सुखासिंह महताबसिंह''' यहाँ पर दो भाई [[सुखासिंह]] व भाई [[महताबसिंह]] ने गुरुद्वारा हरिमंदर साहब पर [[अमृतसर]] में मस्सा रंघङ का सिर कलम कर बुडा जोहङ लौटते समय इस स्थान पर रुक कर घोङों को पेङ से बांध कर कुछ देर आराम किया था।
*'''भटनेर''' यह हनुमानगढ़ टाऊन में स्थित प्राचीन क़िला है।
 
*'''गोगामेडी''' हिंदू और मुस्लिम दोनों में समान रूप से मान्य [[गोगा/जाहर पीर]] कि समाधी है, जहाँ पर पशुओं का मेला भी भाद्रपद माह में लगता है।
*'''कालीबंगा''' यहाँ पर ५००० ईसा पूर्व कि सिन्धु घाटी सभ्यता का केंद्र है जहाँ एक म्यूजियम भी है।
*'''नोहर''' सन् १७३० में यहाँ दसवें [[गुरु गोविन्द सिंह]] के आगमन पर बना [[कबूतर साहिब]] का गुरुद्वारा है तथा यह मिट्टी के बने बर्तनों के लिए प्रसिद्ध है्।
*'''तलवाङा झील''' यहाँ पर [[पृथ्वीराज चौहान]] और [[मोहम्मद गौरी]] के बीच तराइन का युद्घ लड़ा गया था।
*'''मसीतां वाली हेड''' जहाँ से इंदिरा गाँधी नहर राजस्थान में प्रवेश करती है।
*'''सिल्ला माता मंदिर''' यहाँ पर यह माना जाता है कि मंदिर में स्थापित सिल्ल पत्थर घग्घर नदी में बहकर आया था।
*'''भद्र्काली मंदिर''' यह घग्घर नदी के किनारे बना एक प्राचीन मंदिर है।
 


{{प्रचार}}
{{लेख प्रगति
|आधार=
|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1
|माध्यमिक=
|पूर्णता=
|शोध=
}}


==संबंधित लेख==
{{राजस्थान के नगर}}
{{राजस्थान के पर्यटन स्थल}}
[[Category:राजस्थान]][[Category:राजस्थान_के_नगर]][[Category:राजस्थान_के_पर्यटन_स्थल]]
[[Category:राजस्थान]][[Category:राजस्थान_के_नगर]][[Category:राजस्थान_के_पर्यटन_स्थल]]
[[Category:पर्यटन_कोश]][[Category:भारत_के_नगर]]__INDEX__
[[Category:पर्यटन_कोश]][[Category:भारत_के_नगर]]
__INDEX__
__NOTOC__

11:24, 1 अप्रैल 2012 के समय का अवतरण

हनुमानगढ़
हनुमानगढ़ का एक दृश्य
हनुमानगढ़ का एक दृश्य
विवरण हनुमानगढ़ में एक प्राचीन क़िला है, जिसका पुराना नाम भटनेर था। भटनेर भट्टीनगर का अपभ्रंश है, जिसका अर्थ भट्टी अथवा भट्टियों का नगर है।
राज्य राजस्थान
ज़िला हनुमानगढ़
भौगोलिक स्थिति उत्तर- 29°35, पूर्व- 74°19
मार्ग स्थिति हनुमानगढ़ दिल्ली से 351 किमी, जयपुर से 400 किमी, उदयपुर से 682 किमी की दूरी पर स्थित है।
कब जाएँ अक्तूबर से फ़रवरी
कैसे पहुँचें हवाई जहाज़, रेल, बस आदि
हवाई अड्डा भटिंडा हवाई अड्डा और बीकानेर हवाई अड्डा
रेलवे स्टेशन हनुमानगढ़ जंक्शन
क्या देखें भटनेर क़िला, कालीबंगा संग्रहालय, सिल्ला माता मंदिर, गोगामेड़ी मंदिर
एस.टी.डी. कोड 01552
ए.टी.एम लगभग सभी
गूगल मानचित्र
भाषा हिंदी, राजस्थानी, अंग्रेजी
अन्य जानकारी मंगलवार के दिन इस क़िले पर अधिकार होने के कारण इस क़िले में एक छोटा सा हनुमान जी का मंदिर बनवाया गया तथा उसी दिन से उसका नाम हनुमानगढ़ रखा गया।
अद्यतन‎

हनुमानगढ़ नगर, उत्तर राजस्थान, पश्चिमोत्तर भारत, में घग्घर नदी के दाऐं तट पर स्थित है। हनुमानगढ़ को 'सादुलगढ़' भी कहते हैं। यह बीकानेर से 144 मील उत्तर-पूर्व में बसा हुआ है। यहाँ एक प्राचीन क़िला है, जिसका पुराना नाम भटनेर था। भटनेर भट्टीनगर का अपभ्रंश है, जिसका अर्थ भट्टी अथवा भट्टियों का नगर है।

स्थिति

बीकानेर राज्य के दो प्रमुख क़िलों में से 'हनुमानगढ़ दूसरा क़िला' है। यह क़िला लगभग 52 बीघे भूमि में फैला हुआ है और ईंटों से सुदुढ़ बना है। चारों ओर की दीवारों पर बुर्जियाँ बनी हैं। क़िले का एक द्वार कुछ अधिक पुराना प्रतीत होता है। प्रधान प्रवेश द्वार पर संगमरमर के काम के चिह्न अब तक विद्यमान हैं। कहा जाता है कि इस क़िले में कई गुम्बदाकार इमारतें बनी थीं पर अब वह नहीं हैं। क़िले के एक द्वार के पत्थर पर 1620 ई. खुदी है। उसके नीचे राजा का नाम व 6 रानियों की आकृतियाँ भी बनी हैं जो अब स्पष्ट नहीं हैं। क़िले के भीतर का जैन उपासरा प्राचीन है। क़िले में एक लेख फ़ारसी लिपि में लगा है, जिससे बताया जाता है कि यह बादशाह की आज्ञा से 'कद्दवाहा राय मनोहर' ने संवत 1665 (1608 ई.) में 'मनोहर पोल नाम का दरवाज़ा' बनवाया था।

इतिहास

हनुमानगढ़ को पहले भटनेर (भट्टी राजपूतों का दुर्ग) कहा जाता था। 1805 में बीकानेर रियासत में शामिल किये जाने के बाद इसको 'हनुमानगढ़' का नाम दिया गया था। 1398 में मंगोल विजेता तैमूर लंग ने दुर्ग सहित इस शहर पर क़ब्ज़ा कर लिया था। उसके बाद से इस पर विभिन्न शासकों का अधिकार रहा है। हनुमानगढ़ किसने बसाया है, इसका ठीक से पता नहीं चलता। पहले यह भाटियों के क़ब्ज़े में था तथा 1527 ई. में बीकानेर के चौथे शासक 'राव जैतसिंह' ने यहाँ राठौड़ों का आधिपत्य स्थापित कर दिया। 11 वर्ष के बाद बाबर के पुत्र 'कामरां' ने इसे जीता। फिर कुछ दिनों तक राठौड़ों के अधिकार में रहा। फिर बाद में यह मुग़ल क़ब्ज़े में चला गया, और बीच में कई बार अधिकारियों में परिवर्तन हुए। अंत में 'सूरत सिंह' के समय 1805 ई. में 5 माह के विकट घेरे के बाद राठौड़ों ने इसे ज़ाबता ख़ाँ भट्टी से छीना और यहाँ बीकानेर राज्य का एकाधिकार हुआ। मंगलवार के दिन इस क़िले पर अधिकार होने के कारण इस क़िले में एक छोटा सा हनुमान जी का मंदिर बनवाया गया तथा उसी दिन से उसका नाम 'हनुमानगढ़' रखा गया।

हनुमानजी की मूर्ति, हनुमानगढ़

यातायात और परिवहन

हनुमानगढ़ रेलमार्ग द्वारा बीकानेर, जोधपुर और गंगानगर से जुड़ा हुआ है। यहाँ पर रेल व सड़क द्वारा दो प्रकार के यातायात के साधन उपलब्ध हैं।

कृषि और खनिज

हनुमानगढ़ एक कृषि विपणन केंद्र है, जहाँ हथकरघा पर कपास और ऊन की बुनाई होती है। हनुमानगढ़ में रबी की मुख्य फ़सलें पायी जाती हैं। जैसे- चना, सरसों, गेहूँ, अरंड और तारामीरा की फ़सलें हैं और खरीफ की भी कई मुख्य फ़सलें पायी जाती हैं। जैसे- नरमा, कपास, ग्वार, मूँग, मोठ, बाजरा और ज्वार की फ़सलें हैं। घग्घर नदी इलाके की एकमात्र नदी है। इंदिरा गांधी फीडर यहाँ की प्रमुख नहर है। भाखरा और गंग कैनाल यहाँ की अन्य नहरें हैं।

उद्योग और व्यापार

हनुमानगढ़ में पकी हुई मिट्टी की बड़ी सुन्दर मूर्तियाँ बनाई जाती हैं। हनुमानगढ़ में अधिकतर इन्हीं मूर्तियों का व्यवसाय होता है।

शिक्षण संस्थान

यहाँ राजस्थान विश्वविद्यालय से संबद्ध 'नेहरू मेमोरियल लॉ कॉलेज' और 'सरस्वती कन्या महाविद्यालय' समेत कई कॉलेज हैं।

जनसंख्या

2001 की जनगणना के अनुसार हनुमानगढ़ नगर की जनसंख्या 1,29,654 है, और हनुमानगढ़ ज़िले की कुल जनसंख्या 15,17,390 है।

पर्यटन

पर्यटकों के आकर्षण के लिए यहाँ बहुत कुछ है। हनुमानगढ़ में कई प्रसिद्ध स्थान जैसे भटनेर क़िला, कालीबंगा संग्रहालय, सिल्ला माता मंदिर, गोगामेड़ी मंदिर आदि हैं।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

संबंधित लेख