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'''अवन्ति वर्मन''' अथवा 'अवन्तिवर्मा' [[कश्मीर]] के [[उत्पल वंश]] का संस्थापक था। उसका शासन काल 855 से 883 ई. तक माना जाता है। | |||
* | *अवन्ति वर्मन ने शासन काल का अधिकांश समय लोकोपकारी कार्यो में व्यतीत किया था। | ||
*उसने कृषि के विकास हेतु अभियन्ता 'सुय्य' निरीक्षण में कई नहरों का निर्माण करवाया। | *उसने [[कृषि]] के विकास हेतु अभियन्ता 'सुय्य' निरीक्षण में कई नहरों का निर्माण करवाया। | ||
*नगरों एवं कस्बों के निर्माण के अन्तर्गत अवन्ति वर्मन ने अविन्तपुर नामक नगर एवं 'सुय्यापुरा' (आधुनिक सोपारा) नामक कस्बे का निर्माण करवाया। | *नगरों एवं कस्बों के निर्माण के अन्तर्गत अवन्ति वर्मन ने अविन्तपुर नामक नगर एवं 'सुय्यापुरा' (आधुनिक सोपारा) नामक कस्बे का निर्माण करवाया। | ||
*उसके संरक्षण में दो कवि रत्नाकर एवं आनन्द वर्धन उसके दरबार की शोभा बढ़ाते थे। | *उसके संरक्षण में दो [[कवि]] [[रत्नाकर]] एवं 'आनन्द वर्धन' उसके दरबार की शोभा बढ़ाते थे। | ||
*अवन्ति वर्मन ने अपने सुयोग्य मंत्री सूर के साथ शासन किया। | *अवन्ति वर्मन ने अपने सुयोग्य मंत्री सूर के साथ सफल शासन किया। | ||
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09:36, 4 अगस्त 2012 के समय का अवतरण
अवन्ति वर्मन अथवा 'अवन्तिवर्मा' कश्मीर के उत्पल वंश का संस्थापक था। उसका शासन काल 855 से 883 ई. तक माना जाता है।
- अवन्ति वर्मन ने शासन काल का अधिकांश समय लोकोपकारी कार्यो में व्यतीत किया था।
- उसने कृषि के विकास हेतु अभियन्ता 'सुय्य' निरीक्षण में कई नहरों का निर्माण करवाया।
- नगरों एवं कस्बों के निर्माण के अन्तर्गत अवन्ति वर्मन ने अविन्तपुर नामक नगर एवं 'सुय्यापुरा' (आधुनिक सोपारा) नामक कस्बे का निर्माण करवाया।
- उसके संरक्षण में दो कवि रत्नाकर एवं 'आनन्द वर्धन' उसके दरबार की शोभा बढ़ाते थे।
- अवन्ति वर्मन ने अपने सुयोग्य मंत्री सूर के साथ सफल शासन किया।
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