"मिन्टो हॉल (भोपाल)": अवतरणों में अंतर

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'''मिन्टो हॉल''' [[भोपाल]], [[मध्य प्रदेश]] की ऐतिहासिक इमारतों में से एक है। [[12 नवम्बर]] सन [[1909]] में सुल्तान जहाँ बेगम ने राज्य में आने वाले विशेष अतिथियों के लिए [[वायसराय]] [[लॉर्ड मिन्टो द्वितीय|लॉर्ड मिन्टो]] से इस भवन की आधारशिला रखवाई थी। इस भवन का आकार जॉर्ज पंचम के मुकुट के समान था।
'''मिन्टो हॉल''' [[भोपाल]], [[मध्य प्रदेश]] की ऐतिहासिक इमारतों में से एक है। [[12 नवम्बर]] सन [[1909]] में सुल्तान जहाँ बेगम ने राज्य में आने वाले विशेष अतिथियों के लिए [[वायसराय]] [[लॉर्ड मिन्टो द्वितीय|लॉर्ड मिन्टो]] से इस भवन की आधारशिला रखवाई थी। इस भवन का आकार जॉर्ज पंचम के मुकुट के समान था।


*इस भवन के निर्माण की अधिकांश सामग्री [[इंग्लैंड]] से मंगाई गई थी।  
*इस भवन के निर्माण की अधिकांश सामग्री [[इंग्लैंड]] से मंगवाई गई थी।  
*तत्कालीन समय में इस भवन की निर्माण लागत लगभग तीन लाख रुपये थी।
*तत्कालीन समय में इस भवन की निर्माण लागत लगभग तीन लाख रुपये थी।
*काफ़ी लम्बे समय तक मिन्टो हॉल का उपयोग भोपाल राज्य की सेना के मुख्यालय के रूप में होता रहा, जिसे बाद में 'लेक व्यू' होटल में परिवर्तित कर दिया गया।
*काफ़ी लम्बे समय तक मिन्टो हॉल का उपयोग भोपाल राज्य की सेना के मुख्यालय के रूप में होता रहा, जिसे बाद में 'लेक व्यू' होटल में परिवर्तित कर दिया गया।
*नवाब हमीदुल्ला के समय इसका फर्श संगमरमर का बनवाया गया और उनकी बड़ी बेटी आबिदा बेगम ने इसे स्केटिंग का मैंदान बना दिया।
*नवाब हमीदुल्ला के समय इसका फर्श संगमरमर का बनवाया गया और नवाब की बड़ी बेटी आबिदा बेगम ने इसे स्केटिंग का मैदान बना दिया।
*बाद के समय में इस हॉल का एक हिस्सा पुलिस मुख्यालय तथा सुरक्षा विभाग को दे दिया गया।
*बाद के समय में इस हॉल का एक हिस्सा पुलिस मुख्यालय तथा सुरक्षा विभाग को दे दिया गया।
*[[1946]] में इसे इंटर कालेज बनाया गया, जो बाद में 'हमीदिया कॉलेज' के रूप में स्थापित हुआ। ये कॉलेज [[1956]] तक चलता रहा।
*[[1946]] में इसे इंटर कॉलेज बनाया गया, जो बाद में 'हमीदिया कॉलेज' के रूप में स्थापित हुआ। ये कॉलेज [[1956]] तक चलता रहा।
*[[सितम्बर]] 1956 में इसका चयन विधानसभा भवन के लिये हुआ और [[1 नवम्बर]], 1956 से इसका [[मध्य प्रदेश]] के विधानसभा भवन के रूप में प्रयोग होने लगा।<ref>{{cite web |url=http://citybhopal.com/Kyadekhen.html |title=मिन्टो हॉल |accessmonthday=12 अक्टूबर|accessyear=2012|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=[[हिन्दी]]}}</ref>
*[[सितम्बर]] 1956 में इसका चयन विधानसभा भवन के लिये हुआ और [[1 नवम्बर]], 1956 से इसका [[मध्य प्रदेश]] के विधानसभा भवन के रूप में प्रयोग होने लगा।<ref>{{cite web |url=http://citybhopal.com/Kyadekhen.html |title=मिन्टो हॉल |accessmonthday=12 अक्टूबर|accessyear=2012|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=[[हिन्दी]]}}</ref>



13:32, 25 अक्टूबर 2012 के समय का अवतरण

मिन्टो हॉल भोपाल, मध्य प्रदेश की ऐतिहासिक इमारतों में से एक है। 12 नवम्बर सन 1909 में सुल्तान जहाँ बेगम ने राज्य में आने वाले विशेष अतिथियों के लिए वायसराय लॉर्ड मिन्टो से इस भवन की आधारशिला रखवाई थी। इस भवन का आकार जॉर्ज पंचम के मुकुट के समान था।

  • इस भवन के निर्माण की अधिकांश सामग्री इंग्लैंड से मंगवाई गई थी।
  • तत्कालीन समय में इस भवन की निर्माण लागत लगभग तीन लाख रुपये थी।
  • काफ़ी लम्बे समय तक मिन्टो हॉल का उपयोग भोपाल राज्य की सेना के मुख्यालय के रूप में होता रहा, जिसे बाद में 'लेक व्यू' होटल में परिवर्तित कर दिया गया।
  • नवाब हमीदुल्ला के समय इसका फर्श संगमरमर का बनवाया गया और नवाब की बड़ी बेटी आबिदा बेगम ने इसे स्केटिंग का मैदान बना दिया।
  • बाद के समय में इस हॉल का एक हिस्सा पुलिस मुख्यालय तथा सुरक्षा विभाग को दे दिया गया।
  • 1946 में इसे इंटर कॉलेज बनाया गया, जो बाद में 'हमीदिया कॉलेज' के रूप में स्थापित हुआ। ये कॉलेज 1956 तक चलता रहा।
  • सितम्बर 1956 में इसका चयन विधानसभा भवन के लिये हुआ और 1 नवम्बर, 1956 से इसका मध्य प्रदेश के विधानसभा भवन के रूप में प्रयोग होने लगा।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. मिन्टो हॉल (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 12 अक्टूबर, 2012।

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