"दुर्लभ वर्धन": अवतरणों में अंतर

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*7 वी शताब्दी ई. में दुर्लभ वर्धन ने [[कश्मीर]] में [[कर्कोटक वंश]] की स्थापना की।
'''दुर्लभ वर्धन''' सातवीं शताब्दी ई. में [[कश्मीर]] के [[कर्कोटक वंश]] का प्रवर्तक था। चीनी वृत्तों में इसे 'तु-लोन-प' कहा जाता है।
*चीनी वृत्तों में इसे 'तु-लोन-प' कहा जाता है।  
*[[ह्वेनसांग]] इसी के समय में कश्मीर आया था।


*कर्कोटक वंश ने 855 ई. तक कश्मीर पर राज्य किया था।
*दुर्लभ वर्धन द्वारा स्थापित वंश के बाद [[उत्पल वंश]] का शासन कश्मीर पर स्थापित हुआ।
*चीनी वृत्तों में दुर्लभ वर्धन को 'तु-लोन-प' नाम से पुकारा गया है।
*[[कर्कोटक वंश]] के प्रसिद्ध राजाओं में ललितादित्य तथा जयापीड [[विनयादित्य]] का नाम मुख्य रूप से लिया जाता है।
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13:32, 13 अप्रैल 2013 के समय का अवतरण

दुर्लभ वर्धन सातवीं शताब्दी ई. में कश्मीर के कर्कोटक वंश का प्रवर्तक था। चीनी वृत्तों में इसे 'तु-लोन-प' कहा जाता है।

  • कर्कोटक वंश ने 855 ई. तक कश्मीर पर राज्य किया था।
  • दुर्लभ वर्धन द्वारा स्थापित वंश के बाद उत्पल वंश का शासन कश्मीर पर स्थापित हुआ।
  • चीनी वृत्तों में दुर्लभ वर्धन को 'तु-लोन-प' नाम से पुकारा गया है।
  • कर्कोटक वंश के प्रसिद्ध राजाओं में ललितादित्य तथा जयापीड विनयादित्य का नाम मुख्य रूप से लिया जाता है।
  • प्रसिद्ध चीनी यात्री ह्वेनसांग दुर्लभ वर्धन के समय में कश्मीर आया था।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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