"रोला": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
(''''रोला''' मात्रिक सम छंद होता है। इसमें 24 मात्राएँ हो...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
No edit summary
 
पंक्ति 14: पंक्ति 14:
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
<references/>
==बाहरी कड़ियाँ==
*[http://www.kavitakosh.org/kk/%E0%A4%B0%E0%A5%8B%E0%A4%B2%E0%A4%BE#.UrGUMCfy4dV रोला]
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{छन्द}}{{साहित्य की विधाएँ}}
{{छन्द}}{{साहित्य की विधाएँ}}

13:11, 18 दिसम्बर 2013 के समय का अवतरण

रोला मात्रिक सम छंद होता है। इसमें 24 मात्राएँ होती हैं, अर्थात विषम चरणों में 11-11 मात्राएँ और सम चरणों में 13-13 मात्राएँ। ग्यारहवीं और तेरहवीं मात्राओं पर विराम होता है। अन्त में दो 'गुरू' होने आवश्यक हैं।

उदाहरण-1

यही सयानो काम, राम को सुमिरन कीजै।
पर-स्वारथ के काज, शीश आगे धर दीजै॥

उदाहरण-2

उठो–उठो हे वीर, आज तुम निद्रा त्यागो।
करो महा संग्राम, नहीं कायर हो भागो।।
तुम्हें वरेगी विजय, अरे यह निश्चय जानो।
भारत के दिन लौट, आयगे मेरी मानो।।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख