"प्रादेशिक": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
No edit summary |
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) छो (श्रेणी:नया पन्ना सितंबर-2011; Adding category Category:मौर्य काल (को हटा दिया गया हैं।)) |
||
पंक्ति 10: | पंक्ति 10: | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{अशोक}} | {{अशोक}} | ||
__INDEX__ | __INDEX__ | ||
[[Category:अशोक]][[Category:इतिहास_कोश]] | [[Category:अशोक]][[Category:इतिहास_कोश]] | ||
[[Category:मौर्य काल]] |
09:28, 3 अगस्त 2014 के समय का अवतरण
प्रादेशिक अशोक का एक अधिकारी वर्ग विशेष कहलाता था।[1] अशोक के अभिलेखों में कई अधिकारियों का उल्लेख मिलता है। जैसे राजुकु, प्रादेशिक, युक्त आदि। इनमें अधिकांश राज्याधिकारी चंद्रगुप्त के समय से चले आ रहे थे। अशोक ने धार्मिक नीति तथा प्रजा के कल्याण की भावना से प्रेरित होकर उनके कर्तव्यों में विस्तार किया। केवल धम्म महामात्रों की नियुक्ति एक नवीन प्रकार की नियुक्ति थी।[2]
|
|
|
|
|