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'''त्रिलोक सिंह ठकुरेला''' (जन्म:[[1 अक्टूबर]] [[1966]], नगला मिश्रिया, [[हाथरस]]) सुपरिचित कुण्डलियाकार हैं। इन्होंने कुण्डलिया छंद | '''त्रिलोक सिंह ठकुरेला''' ([[अंग्रेज़ी]]:'''Trilok Singh Thakurela''' जन्म:[[1 अक्टूबर]] [[1966]], नगला मिश्रिया, [[हाथरस]]) सुपरिचित कुण्डलियाकार हैं। इन्होंने कुण्डलिया छंद को पुनर्स्थापित करने में अहम भूमिका निभाई है। राजस्थान साहित्य अकादमी द्वारा पुरस्कृत त्रिलोक सिंह ठकुरेला ने कुण्डलिया छंद को नए आयाम देने का सराहनीय प्रयास किया है। | ||
==जीवन परिचय== | ==जीवन परिचय== | ||
त्रिलोक सिंह ठकुरेला के पिता का नाम श्री खमानी सिंह एवं माता का नाम श्रीमती देवी है। इनके पिता अध्यापक थे। इनका जन्म हाथरस के निकट नगला मिश्रिया नामक ग्राम में हुआ। इनकी प्रारम्भिक शिक्षा प्राथमिक पाठशाला, बसगोई में और माध्यमिक शिक्षा विजय विद्यालय इंटर कालेज, तोछीगढ़ में हुई। प्राविधिक शिक्षा परिषद, लखनऊ ([[उत्तर प्रदेश]]) से इन्होंने विद्युत अभियांत्रिकी में डिप्लोमा प्राप्त किया। बचपन में इनके शिक्षक पिता इन्हें प्रेरक बाल-कवितायें सुनाते थे, जो [[कविता]] के प्रति इनकी अभिरुचि का कारण बना। | त्रिलोक सिंह ठकुरेला के पिता का नाम श्री खमानी सिंह एवं माता का नाम श्रीमती देवी है। इनके पिता अध्यापक थे। इनका जन्म हाथरस के निकट नगला मिश्रिया नामक ग्राम में हुआ। इनकी प्रारम्भिक शिक्षा प्राथमिक पाठशाला, बसगोई में और माध्यमिक शिक्षा विजय विद्यालय इंटर कालेज, तोछीगढ़ में हुई। प्राविधिक शिक्षा परिषद, लखनऊ ([[उत्तर प्रदेश]]) से इन्होंने विद्युत अभियांत्रिकी में डिप्लोमा प्राप्त किया। बचपन में इनके शिक्षक पिता इन्हें प्रेरक बाल-कवितायें सुनाते थे, जो [[कविता]] के प्रति इनकी अभिरुचि का कारण बना। | ||
==साहित्य सृजन== | ==साहित्य सृजन== | ||
त्रिलोक सिंह ठकुरेला छांदस कविताओं के पक्षधर हैं। इन्होंने [[कविता]], [[दोहा]], कुण्डलिया, [[गीत]] , नवगीत, हाइकु-गीत, बाल कवितायें, लघुकथा आदि अनेक विधाओं में सृजन किया है। बाल-साहित्य सृजन के लिए इन्हें राजस्थान साहित्य अकादमी द्वारा 'शम्भूदयाल सक्सेना बाल साहित्य पुरस्कार (2012 -13) से सम्मानित किया गया है। 'नया सवेरा', 'काव्यगन्धा' इनकी चर्चित कृतियाँ हैं। कुण्डलिया छंद के उन्नयन के लिए इन्होंने रचनाकारों को प्रेरित कर 'कुण्डलिया छंद के सात हस्ताक्षर' और 'कुण्डलिया-कानन' का सम्पादन किया। 'आधुनिक हिन्दी लघुकथाएँ ' इनके द्वारा संपादित लघुकथा संकलन है। | त्रिलोक सिंह ठकुरेला छांदस कविताओं के पक्षधर हैं। इन्होंने [[कविता]], [[दोहा]], कुण्डलिया, [[गीत]] , नवगीत, हाइकु-गीत, बाल कवितायें, लघुकथा आदि अनेक विधाओं में सृजन किया है। बाल-साहित्य सृजन के लिए इन्हें राजस्थान साहित्य अकादमी द्वारा 'शम्भूदयाल सक्सेना बाल साहित्य पुरस्कार (2012 -13) से सम्मानित किया गया है। 'नया सवेरा', 'काव्यगन्धा' इनकी चर्चित कृतियाँ हैं। कुण्डलिया छंद के उन्नयन के लिए इन्होंने रचनाकारों को प्रेरित कर 'कुण्डलिया छंद के सात हस्ताक्षर' और 'कुण्डलिया-कानन' का सम्पादन किया। 'आधुनिक हिन्दी लघुकथाएँ ' इनके द्वारा संपादित लघुकथा संकलन है। | ||
==सम्मान और पुरस्कार== | ==सम्मान और पुरस्कार== | ||
रेलवे में इंजीनियर त्रिलोक सिंह ठकुरेला को इनके साहित्यिक अवदान के लिए अनेक साहित्यिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया गया है। | रेलवे में इंजीनियर त्रिलोक सिंह ठकुरेला को इनके साहित्यिक अवदान के लिए अनेक साहित्यिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया गया है। | ||
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*[http://www.poorvabhas.in/2016/02/blog-post_94.html त्रिलोक सिंह ठकुरेला के हाइकु] | |||
*[http://www.jatland.com/home/Thakurela Thakurela] | |||
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*[http://www.anubhuti-hindi.org/kundaliya/rachanaprasang.htm कुंडलिया कैसे लिखें -त्रिलोक सिंह ठकुरेला] | *[http://www.anubhuti-hindi.org/kundaliya/rachanaprasang.htm कुंडलिया कैसे लिखें -त्रिलोक सिंह ठकुरेला] | ||
*[http://www.abhivyakti-hindi.org/aaj_sirhane/2013/kundaliya.htm कुंडलिया छंद के सात हस्ताक्षर (कुंडलिया संग्रह)] | |||
*[http://nirjhar-sahitya.blogspot.in/2014/12/blog-post.html त्रिलोक सिंह ठकुरेला को राष्ट्र भाषा गौरव सम्मान] | |||
*[http://abhivyakti-hindi.blogspot.in/2012/10/blog-post.html 'कुंडलिया छंद के सात हस्ताक्षर' का विमोचन ] | |||
*[http://hindihomepage.org/post-in-detail-P1244 निराला स्मृति संस्थान ने किया श्री ठकुरेलाजी का सम्मान] | |||
*[http://www.anubhuti-hindi.org/haiku/triloksingh_thakurela/index.htm त्रिलोक सिंह ठकुरेला] | |||
*[http://www.openbooksonline.com/group/Pustak_samiksha/forum/topics/5170231:Topic:774341?xg_source=activity छन्दों के प्रति उत्कट आग्रह के साथ सतत क्रियाशील रहना कई अर्थों में महत्त्वपूर्ण है] | |||
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09:16, 17 सितम्बर 2016 के समय का अवतरण
त्रिलोक सिंह ठकुरेला
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पूरा नाम | त्रिलोक सिंह ठकुरेला |
जन्म | 1 अक्टूबर, 1966 |
जन्म भूमि | नगला मिश्रिया, हाथरस, (उत्तर प्रदेश) |
अभिभावक | श्री खमानी सिंह और श्रीमती देवी |
मुख्य रचनाएँ | प्रकाशित- नया सवेरा (बाल साहित्य), काव्यगंधा (कुण्डलिया संग्रह); सम्पादन- आधुनिक हिंदी लघुकथाएँ, कुण्डलिया छंद के सात हस्ताक्षर, कुण्डलिया कानन, कुण्डलिया संचयन, समसामयिक हिंदी लघुकथाएं। |
भाषा | हिंदी |
पुरस्कार-उपाधि | शम्भूदयाल सक्सेना बाल साहित्य पुरस्कार, 'विद्या- वाचस्पति', 'वाग्विदाम्वर सम्मान', 'बाल साहित्य भूषण', 'राष्ट्रीय साहित्य गौरव सम्मान', 'स्वर्ण सम्मान' |
नागरिकता | भारतीय |
सम्प्रति- | उत्तर पश्चिम रेलवे में इंजीनियर |
सम्पर्क | बंगला संख्या- 99, रेलवे चिकित्सालय के सामने, आबू रोड -307026 (राजस्थान) फ़ोन-09460714267 / 07891857409, ई-मेल- trilokthakurela@gmail.com |
अद्यतन | 14:43, 17 सितम्बर 2016 (IST)
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इन्हें भी देखें | कवि सूची, साहित्यकार सूची |
त्रिलोक सिंह ठकुरेला (अंग्रेज़ी:Trilok Singh Thakurela जन्म:1 अक्टूबर 1966, नगला मिश्रिया, हाथरस) सुपरिचित कुण्डलियाकार हैं। इन्होंने कुण्डलिया छंद को पुनर्स्थापित करने में अहम भूमिका निभाई है। राजस्थान साहित्य अकादमी द्वारा पुरस्कृत त्रिलोक सिंह ठकुरेला ने कुण्डलिया छंद को नए आयाम देने का सराहनीय प्रयास किया है।
जीवन परिचय
त्रिलोक सिंह ठकुरेला के पिता का नाम श्री खमानी सिंह एवं माता का नाम श्रीमती देवी है। इनके पिता अध्यापक थे। इनका जन्म हाथरस के निकट नगला मिश्रिया नामक ग्राम में हुआ। इनकी प्रारम्भिक शिक्षा प्राथमिक पाठशाला, बसगोई में और माध्यमिक शिक्षा विजय विद्यालय इंटर कालेज, तोछीगढ़ में हुई। प्राविधिक शिक्षा परिषद, लखनऊ (उत्तर प्रदेश) से इन्होंने विद्युत अभियांत्रिकी में डिप्लोमा प्राप्त किया। बचपन में इनके शिक्षक पिता इन्हें प्रेरक बाल-कवितायें सुनाते थे, जो कविता के प्रति इनकी अभिरुचि का कारण बना।
साहित्य सृजन
त्रिलोक सिंह ठकुरेला छांदस कविताओं के पक्षधर हैं। इन्होंने कविता, दोहा, कुण्डलिया, गीत , नवगीत, हाइकु-गीत, बाल कवितायें, लघुकथा आदि अनेक विधाओं में सृजन किया है। बाल-साहित्य सृजन के लिए इन्हें राजस्थान साहित्य अकादमी द्वारा 'शम्भूदयाल सक्सेना बाल साहित्य पुरस्कार (2012 -13) से सम्मानित किया गया है। 'नया सवेरा', 'काव्यगन्धा' इनकी चर्चित कृतियाँ हैं। कुण्डलिया छंद के उन्नयन के लिए इन्होंने रचनाकारों को प्रेरित कर 'कुण्डलिया छंद के सात हस्ताक्षर' और 'कुण्डलिया-कानन' का सम्पादन किया। 'आधुनिक हिन्दी लघुकथाएँ ' इनके द्वारा संपादित लघुकथा संकलन है।
सम्मान और पुरस्कार
रेलवे में इंजीनियर त्रिलोक सिंह ठकुरेला को इनके साहित्यिक अवदान के लिए अनेक साहित्यिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया गया है।
- राजस्थान साहित्य अकादमी द्वारा 'शम्भूदयाल सक्सेना बाल साहित्य पुरस्कार
- पंजाब कला, साहित्य अकादमी, जालंधर ( पंजाब) द्वारा ' विशेष अकादमी सम्मान'
- विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, गांधीनगर (बिहार) द्वारा 'विद्या- वाचस्पति'
- हिंदी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग द्वारा 'वाग्विदाम्वर सम्मान'
- राष्ट्रभाषा स्वाभिमान ट्रस्ट (भारत) गाज़ियाबाद द्वारा 'बाल साहित्य भूषण'
- निराला साहित्य एवं संस्कृति संस्थान, बस्ती (उत्तर प्रदेश) द्वारा 'राष्ट्रीय साहित्य गौरव सम्मान'
- हिंदी साहित्य परिषद, खगड़िया (बिहार) द्वारा स्वर्ण सम्मान
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
- कुंडलिया कैसे लिखें -त्रिलोक सिंह ठकुरेला
- कुंडलिया छंद के सात हस्ताक्षर (कुंडलिया संग्रह)
- त्रिलोक सिंह ठकुरेला को राष्ट्र भाषा गौरव सम्मान
- 'कुंडलिया छंद के सात हस्ताक्षर' का विमोचन
- निराला स्मृति संस्थान ने किया श्री ठकुरेलाजी का सम्मान
- त्रिलोक सिंह ठकुरेला
- छन्दों के प्रति उत्कट आग्रह के साथ सतत क्रियाशील रहना कई अर्थों में महत्त्वपूर्ण है
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