"वाक्यांश के लिए एक शब्द": अवतरणों में अंतर
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[[हिन्दी भाषा]] में कई शब्दों के स्थान पर एक शब्द बोल कर हम [[भाषा]] को प्रभावशाली एवं आकर्षक बनाते हैं। इसी प्रकार, अनेक शब्दों के स्थान पर एक शब्द का प्रयोग कर सकते हैं। भाषा की सुदृढ़ता, भावों की गम्भीरता और चुस्त शैली के लिए यह आवश्यक है कि लेखक शब्दों (पदों) के प्रयोग में संयम से काम ले, ताकि वह विस्तृत विचारों या भावों को थोड़े-से-थोड़े शब्दों में व्यक्त कर सके। | |||
[[समास]], तद्धित और कृदन्त वाक्यांश या वाक्य एक शब्द या पद के रूप में संक्षिप्त किये जा सकते हैं। ऐसी हालत में मूल वाक्यांश या वाक्य के शब्दों के अनुसार ही एक शब्द या पद का निर्माण होना चाहिए। दूसरा तथ्य यह कि वाक्यांश को संक्षेप में सामासिक पद का भी रूप दिया जाता है। कुछ ऐसे लाक्षणिक पद या शब्द भी हैं, जो अपने में पूरे एक वाक्य या वाक्यांश का अर्थ रखते हैं। [[भाषा]] में कई शब्दों के स्थान पर एक शब्द बोल कर हम भाषा को प्रभावशाली एवं आकर्षक बनाते हैं, जैसे- | |||
;उदाहरण - 1. | |||
"राम [[कविता]] लिखता है।" - इस वाक्य में अनेक शब्दों के स्थान पर हम एक ही शब्द '[[कवि]]' का प्रयोग कर सकते हैं। | |||
;उदाहरण - 2. | |||
"जिस स्त्री का पति मर चुका हो।" - इस वाक्य में शब्द-समूह के स्थान पर 'विधवा' शब्द का प्रयोग करना अधिक उपयुक्त है। | |||
इसी प्रकार अनेक शब्दों के स्थान पर एक शब्द का प्रयोग कर सकते है। यहाँ पर अनेक शब्दों के लिए एक शब्द के कुछ उदाहरण दिए जा रहे हैं- | |||
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| जिसका जन्म नहीं होता | | जिसका जन्म नहीं होता | ||
| अजन्मा | | अजन्मा | ||
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| जो इन्द्रियों से परे हो | | जो [[इन्द्रियाँ|इन्द्रियों]] से परे हो | ||
| अगोचर | | अगोचर | ||
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| 9. | | 9. | ||
| जो संविधान के प्रतिकूल हो | | जो [[भारत का संविधान|संविधान]] के प्रतिकूल हो | ||
| असंवैधानिक | | असंवैधानिक | ||
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| 10. | | 10. | ||
| जिसे भले -बुरे का ज्ञान न हो | | जिसे भले-बुरे का ज्ञान न हो | ||
| अविवेकी | | अविवेकी | ||
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| 20. | | 20. | ||
| देहरी पर रंगों से बनाई गई चित्रकारी | | देहरी पर [[रंग|रंगों]] से बनाई गई चित्रकारी | ||
| | | [[अल्पना]] | ||
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| भगवान में विश्वास रखने वाला | | [[भगवान]] में विश्वास रखने वाला | ||
| आस्तिक | | आस्तिक | ||
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| 29. | | 29. | ||
| ऋषि की कही गई बात | | [[ऋषि]] की कही गई बात | ||
| आर्ष | | आर्ष | ||
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| 33. | | 33. | ||
| देश के बाहर से कोई वस्तु मंगाना | | देश के बाहर से कोई वस्तु मंगाना | ||
| | | [[आयात]] | ||
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| 34. | | 34. | ||
| जो तुरंत कविता बना सके | | जो तुरंत [[कविता]] बना सके | ||
| आशुकवि | | आशुकवि | ||
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| 35. | | 35. | ||
| नीले रंग का फूल | | [[नीला रंग|नीले रंग]] का [[फूल]] | ||
| इन्दीवर | | इन्दीवर | ||
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| 36. | | 36. | ||
| उत्तर -पूर्व का कोण | | उत्तर-पूर्व का कोण | ||
| | | [[ईशान कोण|ईशान]] | ||
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| 37. | | 37. | ||
| जिसके हाथ में चक्र हो | | जिसके हाथ में [[चक्र अस्त्र|चक्र]] हो | ||
| चक्रपाणि | | चक्रपाणि | ||
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| 38. | | 38. | ||
| जिसके मस्तक पर चन्द्रमा हो | | जिसके मस्तक पर [[चन्द्रमा]] हो | ||
| चन्द्रमौलि | | चन्द्रमौलि | ||
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| 43. | | 43. | ||
| इन्द्रियों को जीतने वाला | | [[इन्द्रियाँ|इन्द्रियों]] को जीतने वाला | ||
| जितेन्द्रिय | | जितेन्द्रिय | ||
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| 45. | | 45. | ||
| जहाँ सिक्के ढाले जाते हैं | | जहाँ सिक्के ढाले जाते हैं | ||
| | | [[टकसाल]] | ||
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| 46. | | 46. | ||
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| 56. | | 56. | ||
| पृथ्वी से सम्बन्धित | | [[पृथ्वी]] से सम्बन्धित | ||
| पार्थिव | | पार्थिव | ||
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| 59. | | 59. | ||
| मोक्ष का इच्छुक | | [[मोक्ष]] का इच्छुक | ||
| मुमुक्षु | | मुमुक्षु | ||
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| 60. | | 60. | ||
| मृत्यु का इच्छुक | | [[मृत्यु]] का इच्छुक | ||
| मुमूर्षु | | मुमूर्षु | ||
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| 61. | | 61. | ||
| युद्ध की इच्छा रखने वाला | | युद्ध की इच्छा रखने वाला | ||
| युयुत्सु | | युयुत्सु | ||
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| 63. | | 63. | ||
| जो बहुत बोलता हो | | जो बहुत बोलता हो | ||
| | | वाचाल | ||
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| 64. | | 64. | ||
| शरण पाने का इच्छुक | | शरण पाने का इच्छुक | ||
| शरणार्थी | | शरणार्थी | ||
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| 65. | | 65. | ||
| सौ वर्ष का समय | | सौ [[वर्ष]] का समय | ||
| | | [[शताब्दी]] | ||
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| 66. | | 66. | ||
| शिव का उपासक | | [[शिव]] का उपासक | ||
| | | [[शैव]] | ||
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| 67. | | 67. | ||
| देवी का उपासक | | देवी का उपासक | ||
| | | [[शाक्त]] | ||
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| 68. | | 68. | ||
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| 69. | | 69. | ||
| जो सदा से चला आ रहा हो | | जो सदा से चला आ रहा हो | ||
| | | [[सनातन]] | ||
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| 70. | | 70. | ||
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| 72. | | 72. | ||
| फूलों का गुच्छा | | [[फूल|फूलों]] का गुच्छा | ||
| स्तवक | | स्तवक | ||
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| 73. | | 73. | ||
| संगीत जानने वाला | | [[संगीत]] जानने वाला | ||
| संगीतज्ञ | | संगीतज्ञ | ||
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| 74. | | 74. | ||
| जिसने | | जिसने मुक़दमा दायर किया है | ||
| वादी | | वादी | ||
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| 75. | | 75. | ||
| जिसके | | जिसके विरुद्ध मुक़दमा दायर किया है | ||
| प्रतिवादी | | प्रतिवादी | ||
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| 77. | | 77. | ||
| धरती और आकाश के बीच का स्थान | | [[धरती]] और [[आकाश]] के बीच का स्थान | ||
| अंतरिक्ष | | अंतरिक्ष | ||
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| 78. | | 78. | ||
| हाथी के महावत के हाथ का लोहे का हुक | | [[हाथी]] के महावत के हाथ का [[लोहा|लोहे]] का हुक | ||
| अंकुश | | अंकुश | ||
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| 86. | | 86. | ||
| माया करने वाला | | माया करने वाला | ||
| मायावी | | मायावी | ||
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| 87. | | 87. | ||
| किसी टूटी - | | किसी टूटी-फूटी इमारत का अंश | ||
| | | [[भग्नावशेष]] | ||
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| 88. | | 88. | ||
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| 96. | | 96. | ||
| बाएँ हाथ से तीर चला सकने वाला | | बाएँ हाथ से [[बाण अस्त्र|तीर]] चला सकने वाला | ||
| सव्यसाची | | सव्यसाची | ||
|- | |- | ||
| 97. | | 97. | ||
| वह स्त्री जिसे सूर्य ने भी न देखा हो | | वह स्त्री जिसे [[सूर्य]] ने भी न देखा हो | ||
| असुर्यम्पश्या | | असुर्यम्पश्या | ||
|- | |- | ||
| 98. | | 98. | ||
| यज्ञ में आहुति देने वाला | | [[यज्ञ]] में आहुति देने वाला | ||
| | | होता | ||
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| 99. | | 99. | ||
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| जिसने किसी दूसरे का स्थान अस्थाई रूप से ग्रहण किया हो | | जिसने किसी दूसरे का स्थान अस्थाई रूप से ग्रहण किया हो | ||
| स्थानापन्न | | स्थानापन्न | ||
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
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==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
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06:33, 5 मार्च 2017 के समय का अवतरण
हिन्दी भाषा में कई शब्दों के स्थान पर एक शब्द बोल कर हम भाषा को प्रभावशाली एवं आकर्षक बनाते हैं। इसी प्रकार, अनेक शब्दों के स्थान पर एक शब्द का प्रयोग कर सकते हैं। भाषा की सुदृढ़ता, भावों की गम्भीरता और चुस्त शैली के लिए यह आवश्यक है कि लेखक शब्दों (पदों) के प्रयोग में संयम से काम ले, ताकि वह विस्तृत विचारों या भावों को थोड़े-से-थोड़े शब्दों में व्यक्त कर सके।
समास, तद्धित और कृदन्त वाक्यांश या वाक्य एक शब्द या पद के रूप में संक्षिप्त किये जा सकते हैं। ऐसी हालत में मूल वाक्यांश या वाक्य के शब्दों के अनुसार ही एक शब्द या पद का निर्माण होना चाहिए। दूसरा तथ्य यह कि वाक्यांश को संक्षेप में सामासिक पद का भी रूप दिया जाता है। कुछ ऐसे लाक्षणिक पद या शब्द भी हैं, जो अपने में पूरे एक वाक्य या वाक्यांश का अर्थ रखते हैं। भाषा में कई शब्दों के स्थान पर एक शब्द बोल कर हम भाषा को प्रभावशाली एवं आकर्षक बनाते हैं, जैसे-
- उदाहरण - 1.
"राम कविता लिखता है।" - इस वाक्य में अनेक शब्दों के स्थान पर हम एक ही शब्द 'कवि' का प्रयोग कर सकते हैं।
- उदाहरण - 2.
"जिस स्त्री का पति मर चुका हो।" - इस वाक्य में शब्द-समूह के स्थान पर 'विधवा' शब्द का प्रयोग करना अधिक उपयुक्त है।
इसी प्रकार अनेक शब्दों के स्थान पर एक शब्द का प्रयोग कर सकते है। यहाँ पर अनेक शब्दों के लिए एक शब्द के कुछ उदाहरण दिए जा रहे हैं-
क्रमांक | वाक्यांश या शब्द-समूह | शब्द |
---|---|---|
1. | जिसका जन्म नहीं होता | अजन्मा |
2. | पुस्तकों की समीक्षा करने वाला | समीक्षक , आलोचक |
3. | जिसे गिना न जा सके | अगणित |
4. | जो कुछ भी नहीं जानता हो | अज्ञ |
5. | जो बहुत थोड़ा जानता हो | अल्पज्ञ |
6. | जिसकी आशा न की गई हो | अप्रत्याशित |
7. | जो इन्द्रियों से परे हो | अगोचर |
8. | जो विधान के विपरीत हो | अवैधानिक |
9. | जो संविधान के प्रतिकूल हो | असंवैधानिक |
10. | जिसे भले-बुरे का ज्ञान न हो | अविवेकी |
11. | जिसके समान कोई दूसरा न हो | अद्वितीय |
12. | जिसे वाणी व्यक्त न कर सके | अनिर्वचनीय |
13. | जैसा पहले कभी न हुआ हो | अभूतपूर्व |
14. | जो व्यर्थ का व्यय करता हो | अपव्ययी |
15. | बहुत कम खर्च करने वाला | मितव्ययी |
16. | सरकारी गजट में छपी सूचना | अधिसूचना |
17. | जिसके पास कुछ भी न हो | अकिंचन |
18. | दोपहर के बाद का समय | अपराह्न |
19. | जिसका निवारण न हो सके | अनिवार्य |
20. | देहरी पर रंगों से बनाई गई चित्रकारी | अल्पना |
21. | आदि से अन्त तक | आघन्त |
22. | जिसका परिहार करना सम्भव न हो | अपरिहार्य |
23. | जो ग्रहण करने योग्य न हो | अग्राह्य |
24. | जिसे प्राप्त न किया जा सके | अप्राप्य |
25. | जिसका उपचार सम्भव न हो | असाध्य |
26. | भगवान में विश्वास रखने वाला | आस्तिक |
27. | भगवान में विश्वास न रखने वाला | नास्तिक |
28. | आशा से अधिक | आशातीत |
29. | ऋषि की कही गई बात | आर्ष |
30. | पैर से मस्तक तक | आपादमस्तक |
31. | अत्यंत लगन एवं परिश्रम वाला | अध्यवसायी |
32. | आतंक फैलाने वाला | आंतकवादी |
33. | देश के बाहर से कोई वस्तु मंगाना | आयात |
34. | जो तुरंत कविता बना सके | आशुकवि |
35. | नीले रंग का फूल | इन्दीवर |
36. | उत्तर-पूर्व का कोण | ईशान |
37. | जिसके हाथ में चक्र हो | चक्रपाणि |
38. | जिसके मस्तक पर चन्द्रमा हो | चन्द्रमौलि |
39. | जो दूसरों के दोष खोजे | छिद्रान्वेषी |
40. | जानने की इच्छा | जिज्ञासा |
41. | जानने को इच्छुक | जिज्ञासु |
42. | जीवित रहने की इच्छा | जिजीविषा |
43. | इन्द्रियों को जीतने वाला | जितेन्द्रिय |
44. | जीतने की इच्छा वाला | जिगीषु |
45. | जहाँ सिक्के ढाले जाते हैं | टकसाल |
46. | जो त्यागने योग्य हो | त्याज्य |
47. | जिसे पार करना कठिन हो | दुस्तर |
48. | जंगल की आग | दावाग्नि |
49. | गोद लिया हुआ पुत्र | दत्तक |
50. | बिना पलक झपकाए हुए | निर्निमेष |
51. | जिसमें कोई विवाद ही न हो | निर्विवाद |
52. | जो निन्दा के योग्य हो | निन्दनीय |
53. | मांस रहित भोजन | निरामिष |
54. | रात्रि में विचरण करने वाला | निशाचर |
55. | किसी विषय का पूर्ण ज्ञाता | पारंगत |
56. | पृथ्वी से सम्बन्धित | पार्थिव |
57. | रात्रि का प्रथम प्रहर | प्रदोष |
58. | जिसे तुरंत उचित उत्तर सूझ जाए | प्रत्युत्पन्नमति |
59. | मोक्ष का इच्छुक | मुमुक्षु |
60. | मृत्यु का इच्छुक | मुमूर्षु |
61. | युद्ध की इच्छा रखने वाला | युयुत्सु |
62. | जो विधि के अनुकूल है | वैध |
63. | जो बहुत बोलता हो | वाचाल |
64. | शरण पाने का इच्छुक | शरणार्थी |
65. | सौ वर्ष का समय | शताब्दी |
66. | शिव का उपासक | शैव |
67. | देवी का उपासक | शाक्त |
68. | समान रूप से ठंडा और गर्म | समशीतोष्ण |
69. | जो सदा से चला आ रहा हो | सनातन |
70. | समान दृष्टि से देखने वाला | समदर्शी |
71. | जो क्षण भर में नष्ट हो जाए | क्षणभंगुर |
72. | फूलों का गुच्छा | स्तवक |
73. | संगीत जानने वाला | संगीतज्ञ |
74. | जिसने मुक़दमा दायर किया है | वादी |
75. | जिसके विरुद्ध मुक़दमा दायर किया है | प्रतिवादी |
76. | मधुर बोलने वाला | मधुरभाषी |
77. | धरती और आकाश के बीच का स्थान | अंतरिक्ष |
78. | हाथी के महावत के हाथ का लोहे का हुक | अंकुश |
79. | जो बुलाया न गया हो | अनाहूत |
80. | सीमा का अनुचित उल्लंघन | अतिक्रमण |
81. | जिस नायिका का पति परदेश चला गया हो | प्रोषित पतिका |
82. | जिसका पति परदेश से वापस आ गया हो | आगत पतिका |
83. | जिसका पति परदेश जाने वाला हो | प्रवत्स्यत्पतिका |
84. | जिसका मन दूसरी ओर हो | अन्यमनस्क |
85. | संध्या और रात्रि के बीच की वेला | गोधुलि |
86. | माया करने वाला | मायावी |
87. | किसी टूटी-फूटी इमारत का अंश | भग्नावशेष |
88. | दोपहर से पहले का समय | पूर्वाह्न |
89. | कनक जैसी आभा वाला | कनकाय |
90. | हृदय को विदीर्ण कर देने वाला | हृदय विदारक |
91. | हाथ से कार्य करने का कौशल | हस्तलाघव |
92. | अपने आप उत्पन्न होने वाला | स्त्रैण |
93. | जो लौटकर आया है | प्रत्यागत |
94. | जो कार्य कठिनता से हो सके | दुष्कर |
95. | जो देखा न जा सके | अलक्ष्य |
96. | बाएँ हाथ से तीर चला सकने वाला | सव्यसाची |
97. | वह स्त्री जिसे सूर्य ने भी न देखा हो | असुर्यम्पश्या |
98. | यज्ञ में आहुति देने वाला | होता |
99. | जिसे नापना सम्भव न हो | असाध्य |
100. | जिसने किसी दूसरे का स्थान अस्थाई रूप से ग्रहण किया हो | स्थानापन्न |
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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