"लाज के निगड़ गड़दार -देव": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
छो (Text replacement - " दुख " to " दु:ख ")
 
(इसी सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया)
पंक्ति 4: पंक्ति 4:
|
|
{{सूचना बक्सा कविता
{{सूचना बक्सा कविता
|चित्र=Blankimage.gif
|चित्र=Blankimage.png
|चित्र का नाम=उपलब्ध नहीं है
|चित्र का नाम=उपलब्ध नहीं है
|कवि =[[देव (कवि)|देव]]
|कवि =[[देव (कवि)|देव]]
पंक्ति 38: पंक्ति 38:
रँजित रजोगुन सिँगार पुंञ कुँजरत ,
रँजित रजोगुन सिँगार पुंञ कुँजरत ,
अंञन सोहन मनमोहन दतारे हैँ ।
अंञन सोहन मनमोहन दतारे हैँ ।
देव दुख मोचन सकोच न सकत चलि ,
देव दु:ख मोचन सकोच न सकत चलि ,
लोचन अचल ये मतँग मतवारे हैँ ।
लोचन अचल ये मतँग मतवारे हैँ ।



14:02, 2 जून 2017 के समय का अवतरण

इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव"
लाज के निगड़ गड़दार -देव
उपलब्ध नहीं है
उपलब्ध नहीं है
कवि देव
जन्म सन 1673 (संवत- 1730)
मृत्यु सन 1768 (संवत- 1825)
मुख्य रचनाएँ भाव-विलास, भवानी-विलास, कुशल-विलास, रस-विलास, प्रेम-चंद्रिका, सुजान-मणि, सुजान-विनोद, सुख-सागर
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
देव की रचनाएँ

लाज के निगड़ गड़दार अड़दार चँहु,
चौँकि चितवन चरखीन चमकारे हैँ ।
बरुनी अरुन लीक पलक झलक फूल ,
झूमत सघन घन घूमत घुमारे हैँ ।
रँजित रजोगुन सिँगार पुंञ कुँजरत ,
अंञन सोहन मनमोहन दतारे हैँ ।
देव दु:ख मोचन सकोच न सकत चलि ,
लोचन अचल ये मतँग मतवारे हैँ ।

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख