"वाक्यांश अ": अवतरणों में अंतर
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[[हिन्दी भाषा]] में कई शब्दों के स्थान पर एक शब्द बोल कर हम [[भाषा]] को प्रभावशाली एवं आकर्षक बनाते हैं। इसी प्रकार, अनेक शब्दों के स्थान पर एक शब्द का प्रयोग कर सकते हैं। यहाँ पर अनेक शब्दों के लिए एक शब्द के कुछ उदाहरण दिए जा रहे हैं- | {{वाक्यांश}} | ||
[[हिन्दी भाषा]] में कई शब्दों के स्थान पर एक शब्द बोल कर हम [[भाषा]] को प्रभावशाली एवं आकर्षक बनाते हैं। इसी प्रकार, अनेक शब्दों के स्थान पर एक शब्द का प्रयोग कर सकते हैं। भाषा की सुदृढ़ता, भावों की गम्भीरता और चुस्त शैली के लिए यह आवश्यक है कि लेखक शब्दों (पदों) के प्रयोग में संयम से काम ले, ताकि वह विस्तृत विचारों या भावों को थोड़े-से-थोड़े शब्दों में व्यक्त कर सके। | |||
[[समास]], तद्धित और कृदन्त वाक्यांश या वाक्य एक शब्द या पद के रूप में संक्षिप्त किये जा सकते हैं। ऐसी हालत में मूल वाक्यांश या वाक्य के शब्दों के अनुसार ही एक शब्द या पद का निर्माण होना चाहिए। दूसरा तथ्य यह कि वाक्यांश को संक्षेप में सामासिक पद का भी रूप दिया जाता है। कुछ ऐसे लाक्षणिक पद या शब्द भी हैं, जो अपने में पूरे एक वाक्य या वाक्यांश का अर्थ रखते हैं। [[भाषा]] में कई शब्दों के स्थान पर एक शब्द बोल कर हम भाषा को प्रभावशाली एवं आकर्षक बनाते हैं, जैसे- | |||
;उदाहरण - 1. | |||
"राम [[कविता]] लिखता है।" - इस वाक्य में अनेक शब्दों के स्थान पर हम एक ही शब्द '[[कवि]]' का प्रयोग कर सकते हैं। | |||
;उदाहरण - 2. | |||
"जिस स्त्री का पति मर चुका हो।" - इस वाक्य में शब्द-समूह के स्थान पर 'विधवा' शब्द का प्रयोग करना अधिक उपयुक्त है। | |||
इसी प्रकार अनेक शब्दों के स्थान पर एक शब्द का प्रयोग कर सकते है। यहाँ पर अनेक शब्दों के लिए एक शब्द के कुछ उदाहरण दिए जा रहे हैं- | |||
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{| class="bharattable-pink | {| class="bharattable-pink" | ||
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! वाक्यांश या शब्द-समूह | ! वाक्यांश या शब्द-समूह | ||
! शब्द | ! शब्द | ||
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| | | जो [[नेत्र|नेत्रों]] से दिखाई न दे || अगोचर | ||
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| | | जो [[इन्द्रियाँ|इन्द्रियों]] से परे हो || अगोचर | ||
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| | | [[समाचार पत्र]] का मुख्य लेख<ref>सम्पादकीय</ref> || अग्रलेख | ||
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| | | जिसकी कल्पना न की जा सके || अकल्पनीय | ||
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| | | जो कहा न जा सके || अकथनीय | ||
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| आगे का विचार करने वाला || अग्रसोची | |||
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| जो सबके आगे रहता हो || अग्रणी | |||
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| जिसका ज्ञान [[इन्द्रियाँ|इन्द्रियों]] के द्वारा न हो || अगोचर | |||
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| जो ख़ाली न जाये || अचूक | |||
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| जो अपने स्थान या स्थिति से अलग न किया जा सके || अच्युत | |||
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| | | जिसकी चिंता नहीं हो सकती || अचिंत्य | ||
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| | | [[हाथी]] को हाँकने वाला [[लोहा|लोहे]] का हुक || अंकुश | ||
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| जो खाया न जा सके || अखाद्य | |||
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| | | जिसका जन्म पहले हुआ हो || अग्रज | ||
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| जो छूने योग्य न हो || अछूत | |||
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| जो छुआ न गया हो || अछूता | |||
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| जो बूढ़ा ना हो || अजर | |||
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| जिसका कोई शत्रु उत्पत्र न हुआ हो || अजातशत्रु | |||
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| जिसे जीता न जा सके || अजेय | |||
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| जो जाना ना गया हो || अज्ञात | |||
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| जो कुछ नहीं जानता हो || अज्ञानी | |||
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| जिसके कुल का पता ज्ञात न हो || अज्ञातकुल | |||
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| जिस हँसी से अट्टालिका तक हिल जाये || अट्टहास | |||
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| जो अपनी बात से न टले || अटल | |||
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| न टूटने वाला || अटूट | |||
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| जो अपनी जगह से न डिगे || अडिग | |||
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| आढ़त का व्यापार करने वाला || आढ़तिया | |||
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| [[पदार्थ]] का सबसे छोटा इन्द्रिय-ग्राह्य विभाग या मात्रा || [[अणु]] | |||
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| सीमा का अनुचित उल्लंघन || अतिक्रमण | |||
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| जिसके आने की [[तिथि]] ज्ञात न हो || अतिथि | |||
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| किसी [[कथा]] के अंतर्गत आने वाली दूसरी [[कथा]] || अंत:कथा | |||
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| जो सबके मन की जानता हो || अन्तर्यामी | |||
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| आवश्यकता से अधिक [[वर्षा]] || अतिवृष्टि | |||
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| किसी बात या कथन को बढ़ा-चढ़ा कर कहना || अतिशयोक्ति | |||
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| जो बीत गया है || अतीत | |||
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| [[इन्द्रियाँ|इन्द्रियों]] की पहुँच से बाहर || अतींद्रिय | |||
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| जिसकी तुलना न की जा सके || अतुलनीय | |||
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| जो दबाया न जा सके || अदम्य | |||
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| जो देखा न जा सके || अदृश्य | |||
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| जिसके समान दूसरा न हो || अद्वितीय | |||
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| जो देखने योग्य न हो || अदर्शनीय | |||
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| जो पहले ना देखा गया हो || अदृष्टपूर्व | |||
|- | |- | ||
| [[धर्म]] या [[शास्त्र]] के विरुद्ध कार्य || अधर्म | |||
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|अधिकार या कब्ज़े में आया हुआ || अधिकृत | |||
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|सर्वाधिकार सम्पन्न शासक या अधिकारी || अधिनायक | |||
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|विधानमंडल द्वारा परित या स्वीकृत नियम || अधिनियम | |||
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|कर या शुल्क का वह अंश जो किसी कारणवश अधिक से अधिक लिया जाता है || अधिभार | |||
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|वह पत्र, जिसमें किसी को कोई काम करने का अधिकार दिया जाये || अधिपत्र | |||
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|किसी पक्ष का समर्थन करने वाला || अधिवक्ता | |||
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|वास्तविक मूल्य से अधिक लिया जाने वाला शुल्क || अधिशुल्क | |||
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|सरकार द्वारा प्रकाशित या सरकारी बजट में छपी सूचना || अधिसूचना | |||
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|किसी कार्यालय या विभाग का वह अधिकारी जो अपने अधीन कार्य करने वाले कर्मचारियों की निगरानी रखे || अधीक्षक | |||
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|किसी सभा, संस्था का प्रधान || अध्यक्ष | |||
|- | |- | ||
|नीचे की ओर मुख किये हुए || अधोमुख | |||
|- | |- | ||
| | |[[राज्य]] के अधिपति द्वारा जारी किया गया वह अधिकारिक आदेश जो किसी विशेष समय तक ही लागू हो || अध्यादेश | ||
|- | |- | ||
|वह स्त्री जिसका पति दूसरा [[विवाह]] कर ले || अध्गूढ़ा | |||
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|अन्य से सम्बंध न रखने वाला || अनन्य | |||
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|जिसका कोई दूसरा उपाय न हो || अनन्योपाय | |||
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|जिसका स्वामी न हो || अनाथ | |||
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|जिसका आदर न किया गया हो || अनादृत | |||
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|दूसरों के गुणों में दोष दूँढने की वृति का न होना || अनसूया | |||
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|जिसका वचन द्वारा वर्णन न किया जा सके || अनिवर्चनीय | |||
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|जिसका निवारण न किया जा सके || अनिवार्य | |||
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|बिना पलक गिराये हुए || अनिमेष | |||
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|जिसका उच्चारण न किया जा सके || अनुच्चरित | |||
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|जो परीक्षा में उत्तीर्ण न हुआ हो || अनुत्तीर्ण | |||
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|किसी कार्य के लिए दी जाने वाली सहायता || अनुदान | |||
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|जिसकी उपमा न दी जा सके || अनुपम | |||
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|जिसका अनुभव किया गया हो || अनुभूत | |||
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|किसी मत या प्रस्ताव का समर्थन करने की क्रिया || अनुमोदन | |||
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|किसी व्यक्ति या सिद्धांत का समर्थन करने वाला || अनुयायी | |||
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|एक [[भाषा]] की लिखी हुई बात को दूसरी [[भाषा]] में लिखना या कहना || अनुवाद | |||
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|परम्परा से चली आई हुई बात, उक्ति या कला || अनुश्रुति | |||
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|जिसका मन किसी दूसरी ओर हो || अन्यमनस्यक/अनमना | |||
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|जिसका कोई निश्चित घर न हो || अनिकेत | |||
|- | |- | ||
|नीचे की ओर लाना या खींचना || अपकर्ष | |||
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|जो पहले पढ़ा न गया हो || अपठित | |||
|- | |- | ||
|दोपहर के बाद का समय || अपराह्न | |||
|- | |- | ||
|[[मानव शरीर|शरीर]] के लिए जितना धन आवश्यक हो उससे अधिक न लेना || अपरिग्रह | |||
|- | |- | ||
|जो मापा न जा सके || अपरिमेय | |||
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|जिसके बिना कार्य न चल सके || अपरिहार्य | |||
|- | |- | ||
|जो [[आँख|आँखों]] के सामने न हो || अप्रत्यक्ष/परोक्ष | |||
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|जिसके पार न देखा जा सके || अपारदर्शक/अपारदर्शी | |||
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|जो पूरा या भरा हुआ न हो || अपूर्ण | |||
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|जिसकी अपेक्षा (उम्मीद) हो || अपेक्षित | |||
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|[[अभिनय]] करने वाला पुरुष || [[अभिनेता]] | |||
|- | |- | ||
|[[अभिनय]] करने वाली स्त्री || [[अभिनेत्री]] | |||
|- | |- | ||
|जो किसी की ओर मुँह किये हुए हो || अभिमुख | |||
|- | |- | ||
|जिस पर अभियोग लगाया गया हो || अभियुक्त | |||
|- | |- | ||
|जिसका जन्म उच्च कुल में हुआ हो || अभिजात | |||
|- | |- | ||
|किसी कार्य को बार-बार करना || अभ्यास | |||
|- | |- | ||
|भली प्रकार से सीखा हुआ || अभ्यस्त | |||
|- | |- | ||
|किसी वस्तु का भीतरी भाग || अभ्यन्तर | |||
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|किसी वस्तु को प्राप्त करने की तीव्र इच्छा || अभीप्सा | |||
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|जो कभी मृत्यु को प्राप्त न हो || अमर | |||
|- | |- | ||
|जो काव्य, [[संगीत]] आदि का रस न ले || अरसिक | |||
|- | |- | ||
| | |द्वार या आँगन के फर्श पर [[रंग|रंगों]] से चित्र बनाने या चौक पूरने की कला || [[अल्पना]] | ||
|- | |- | ||
|जो अल्प (कम) जानता हो || अल्पज्ञ | |||
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|जो इस लोक का न हो || अलौकिक | |||
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|जो कम बोलता हो || अल्पभाषी | |||
|- | |- | ||
| | |[[मानव शरीर|शरीर]] का कोई भाग || अवयव | ||
|- | |- | ||
|जिस पर विचार न किया गया हो || अविचारित | |||
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|सरकार द्वारा दूसरे देश की तुलना में अपने देश की मुद्रा का मूल्य कम कर देना || अवमूल्यन | |||
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|बिना वेतन के कार्य करने वाला || अवैतनिक | |||
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|जो साधा (ठीक किया) न जा सके || असाध्य | |||
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|जो शोक करने योग्य नहीं है || अशोक्य | |||
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|जो स्त्री (ऐसी पर्दानशीन है कि) [[सूर्य]] को भी न देख सके || असूर्यम्पश्या | |||
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|जिसका विभाजन न किया जा सके || अविभाजित | |||
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|अच्छा-बुरा समझने की शक्ति का अभाव || अविवेक | |||
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|जो विधान या नियम के विरुद्ध हो || असंवैधानिक | |||
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|जिसमें शक्ति नहीं है || अशक्त | |||
|- | |- | ||
|न हो सकने वाला || अशक्य/असंभव | |||
|- | |- | ||
| | |गुरु के समीप रहने वाला विद्यार्थी || अंतेवासी | ||
|- | |- | ||
| | |जिसका जन्म छोटी (अंत्य) जाति में हुआ हो || अंत्यज | ||
|- | |- | ||
| | |जिसका जन्म अनु (पीछे) हुआ हो || अनुज | ||
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| | |जो पहले कभी भी न हुआ हो || अभूतपूर्व | ||
|- | |- | ||
| | |जो बीत चुका है || अतीत | ||
|- | |- | ||
| | |जिसकी गहराई की थाह न लग सके || अथाह | ||
|- | |- | ||
| | |जो सदा से चलता आ रहा है || अनवरत | ||
|- | |- | ||
| | |जो आगे की न सोचता हो || अदूरदर्शी | ||
|- | |- | ||
| | |[[धरती]] और [[आकाश]] के बीच का स्थान || [[अंतरिक्ष]] | ||
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| | |जिस पर आक्रमण न किया गया हो || अनाक्रान्त | ||
|- | |- | ||
| | |जो जीता न जा सके || अजेय | ||
|- | |- | ||
| | |जिसके पास कुछ न हो || अकिंचन | ||
|- | |- | ||
|जो क़ानून के विरुद्ध हो || अवैध | |||
|- | |- | ||
| | |जो समय पर न हो || असामयिक | ||
|- | |- | ||
| | |अपने हिस्से या अंश के रूप में कुछ देना || अंशदान | ||
|- | |- | ||
| | |जिसमें कुछ करने की क्षमता न हो || अक्षम | ||
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| | |जो गिना न जा सके || अनगिनत | ||
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|जो कार्य रूप में न लाया जा सके || अव्यावहारिक | |||
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| | |जिसका खण्डन न हो सके || अकाट्य | ||
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| | |जिस पर मुक़दमा चल रहा हो || अभियुक्त | ||
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| | |जिसकी सीमा न हो || असीम/असीमित | ||
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|जो दिया न जा सके || अदेय | |||
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| | |अनुकरण करने योग्य || अनुकरणीय | ||
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| | |जो मानव के योग्य न हो || अमानुषिक | ||
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| | |जो बिना बुलाये आया हो || अनाहूत | ||
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| | |जिस पर कोई नियंत्रण न हो || अनियंत्रित | ||
|- | |- | ||
|जो शोक करने योग्य नहीं || अशोक्य | |||
|- | |- | ||
| | |फेंककर चलाया जाने वाला हथियार || [[अस्त्र शस्त्र|अस्त्र]] | ||
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| | |किसी प्राणी को न मारना || अहिंसा | ||
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| | |अंडे से जन्म लेने वाला || अंडज | ||
|- | |- | ||
| | |महल का भीतरी भाग || अंत:पुर | ||
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|जिसे अधिकार दिया गया हो || अधिकृत | |||
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|जारी किया गया आधिकारिक आदेश || अध्यादेश | |||
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| | |[[वर्षा]] का अभाव || अनावृष्टि | ||
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|जिस पर निर्णय न हुआ हो || अनिर्णीत | |||
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|जिस पर अनुग्रह किया गया हो || अनुग्रहीत | |||
|- | |- | ||
| | |सीमा का उल्लंघन करना || अतिक्रमण | ||
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| | |जो पहले कभी नहीं सुना गया हो || अश्रुतपूर्व | ||
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| | |जिसमें सामर्थ्य नहीं है || असमर्थ | ||
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| | |जिसकी आशा न की जाये || अप्रत्याशित | ||
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| | |जिसे पढ़ा न जा सके || अपाठ्य | ||
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| | |जिसे भेदा (तोड़ा) न जो सके || अभेद्य | ||
|- | |- | ||
| | |आत्मा व परमात्मा का द्वैत (अलग-अलग होना) न मानने वाला || [[अद्वैतवाद|अद्वैतवादी]] | ||
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| | |अल्प (कम) वेतन भोगने वाला (पाने वाला) || अल्पवेतनभोगी | ||
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| | |अध्ययन (पढ़ना) प्राप्त करने वाला || अध्यापक | ||
|- | |- | ||
| | |[[आग]] से झुलसा हुआ || अनलदग्ध | ||
|- | |- | ||
| | |जहाँ गमन (जाया) न किया जा सके || अगम्य | ||
|- | |- | ||
| | |जो हिसाब-क़िताब की जाँच करता हो || अंकेक्षक | ||
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| | |जिसकी परिभाषा देना संभव न हो || अपरिभाषित | ||
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| | |जो पहले कभी घटित न हुआ हो || अघटित | ||
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| | |वह पत्र जिसमें किसी को कुछ करने का अधिकार दिया गया हो || अधिपत्र | ||
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{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | ||
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==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
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11:17, 5 जुलाई 2017 के समय का अवतरण
हिन्दी भाषा में कई शब्दों के स्थान पर एक शब्द बोल कर हम भाषा को प्रभावशाली एवं आकर्षक बनाते हैं। इसी प्रकार, अनेक शब्दों के स्थान पर एक शब्द का प्रयोग कर सकते हैं। भाषा की सुदृढ़ता, भावों की गम्भीरता और चुस्त शैली के लिए यह आवश्यक है कि लेखक शब्दों (पदों) के प्रयोग में संयम से काम ले, ताकि वह विस्तृत विचारों या भावों को थोड़े-से-थोड़े शब्दों में व्यक्त कर सके।
समास, तद्धित और कृदन्त वाक्यांश या वाक्य एक शब्द या पद के रूप में संक्षिप्त किये जा सकते हैं। ऐसी हालत में मूल वाक्यांश या वाक्य के शब्दों के अनुसार ही एक शब्द या पद का निर्माण होना चाहिए। दूसरा तथ्य यह कि वाक्यांश को संक्षेप में सामासिक पद का भी रूप दिया जाता है। कुछ ऐसे लाक्षणिक पद या शब्द भी हैं, जो अपने में पूरे एक वाक्य या वाक्यांश का अर्थ रखते हैं। भाषा में कई शब्दों के स्थान पर एक शब्द बोल कर हम भाषा को प्रभावशाली एवं आकर्षक बनाते हैं, जैसे-
- उदाहरण - 1.
"राम कविता लिखता है।" - इस वाक्य में अनेक शब्दों के स्थान पर हम एक ही शब्द 'कवि' का प्रयोग कर सकते हैं।
- उदाहरण - 2.
"जिस स्त्री का पति मर चुका हो।" - इस वाक्य में शब्द-समूह के स्थान पर 'विधवा' शब्द का प्रयोग करना अधिक उपयुक्त है।
इसी प्रकार अनेक शब्दों के स्थान पर एक शब्द का प्रयोग कर सकते है। यहाँ पर अनेक शब्दों के लिए एक शब्द के कुछ उदाहरण दिए जा रहे हैं-
वाक्यांश या शब्द-समूह | शब्द |
---|---|
जो नेत्रों से दिखाई न दे | अगोचर |
जो इन्द्रियों से परे हो | अगोचर |
समाचार पत्र का मुख्य लेख[1] | अग्रलेख |
जिसकी कल्पना न की जा सके | अकल्पनीय |
जो कहा न जा सके | अकथनीय |
आगे का विचार करने वाला | अग्रसोची |
जो सबके आगे रहता हो | अग्रणी |
जिसका ज्ञान इन्द्रियों के द्वारा न हो | अगोचर |
जो ख़ाली न जाये | अचूक |
जो अपने स्थान या स्थिति से अलग न किया जा सके | अच्युत |
जिसकी चिंता नहीं हो सकती | अचिंत्य |
हाथी को हाँकने वाला लोहे का हुक | अंकुश |
जो खाया न जा सके | अखाद्य |
जिसका जन्म पहले हुआ हो | अग्रज |
जो छूने योग्य न हो | अछूत |
जो छुआ न गया हो | अछूता |
जो बूढ़ा ना हो | अजर |
जिसका कोई शत्रु उत्पत्र न हुआ हो | अजातशत्रु |
जिसे जीता न जा सके | अजेय |
जो जाना ना गया हो | अज्ञात |
जो कुछ नहीं जानता हो | अज्ञानी |
जिसके कुल का पता ज्ञात न हो | अज्ञातकुल |
जिस हँसी से अट्टालिका तक हिल जाये | अट्टहास |
जो अपनी बात से न टले | अटल |
न टूटने वाला | अटूट |
जो अपनी जगह से न डिगे | अडिग |
आढ़त का व्यापार करने वाला | आढ़तिया |
पदार्थ का सबसे छोटा इन्द्रिय-ग्राह्य विभाग या मात्रा | अणु |
सीमा का अनुचित उल्लंघन | अतिक्रमण |
जिसके आने की तिथि ज्ञात न हो | अतिथि |
किसी कथा के अंतर्गत आने वाली दूसरी कथा | अंत:कथा |
जो सबके मन की जानता हो | अन्तर्यामी |
आवश्यकता से अधिक वर्षा | अतिवृष्टि |
किसी बात या कथन को बढ़ा-चढ़ा कर कहना | अतिशयोक्ति |
जो बीत गया है | अतीत |
इन्द्रियों की पहुँच से बाहर | अतींद्रिय |
जिसकी तुलना न की जा सके | अतुलनीय |
जो दबाया न जा सके | अदम्य |
जो देखा न जा सके | अदृश्य |
जिसके समान दूसरा न हो | अद्वितीय |
जो देखने योग्य न हो | अदर्शनीय |
जो पहले ना देखा गया हो | अदृष्टपूर्व |
धर्म या शास्त्र के विरुद्ध कार्य | अधर्म |
अधिकार या कब्ज़े में आया हुआ | अधिकृत |
सर्वाधिकार सम्पन्न शासक या अधिकारी | अधिनायक |
विधानमंडल द्वारा परित या स्वीकृत नियम | अधिनियम |
कर या शुल्क का वह अंश जो किसी कारणवश अधिक से अधिक लिया जाता है | अधिभार |
वह पत्र, जिसमें किसी को कोई काम करने का अधिकार दिया जाये | अधिपत्र |
किसी पक्ष का समर्थन करने वाला | अधिवक्ता |
वास्तविक मूल्य से अधिक लिया जाने वाला शुल्क | अधिशुल्क |
सरकार द्वारा प्रकाशित या सरकारी बजट में छपी सूचना | अधिसूचना |
किसी कार्यालय या विभाग का वह अधिकारी जो अपने अधीन कार्य करने वाले कर्मचारियों की निगरानी रखे | अधीक्षक |
किसी सभा, संस्था का प्रधान | अध्यक्ष |
नीचे की ओर मुख किये हुए | अधोमुख |
राज्य के अधिपति द्वारा जारी किया गया वह अधिकारिक आदेश जो किसी विशेष समय तक ही लागू हो | अध्यादेश |
वह स्त्री जिसका पति दूसरा विवाह कर ले | अध्गूढ़ा |
अन्य से सम्बंध न रखने वाला | अनन्य |
जिसका कोई दूसरा उपाय न हो | अनन्योपाय |
जिसका स्वामी न हो | अनाथ |
जिसका आदर न किया गया हो | अनादृत |
दूसरों के गुणों में दोष दूँढने की वृति का न होना | अनसूया |
जिसका वचन द्वारा वर्णन न किया जा सके | अनिवर्चनीय |
जिसका निवारण न किया जा सके | अनिवार्य |
बिना पलक गिराये हुए | अनिमेष |
जिसका उच्चारण न किया जा सके | अनुच्चरित |
जो परीक्षा में उत्तीर्ण न हुआ हो | अनुत्तीर्ण |
किसी कार्य के लिए दी जाने वाली सहायता | अनुदान |
जिसकी उपमा न दी जा सके | अनुपम |
जिसका अनुभव किया गया हो | अनुभूत |
किसी मत या प्रस्ताव का समर्थन करने की क्रिया | अनुमोदन |
किसी व्यक्ति या सिद्धांत का समर्थन करने वाला | अनुयायी |
एक भाषा की लिखी हुई बात को दूसरी भाषा में लिखना या कहना | अनुवाद |
परम्परा से चली आई हुई बात, उक्ति या कला | अनुश्रुति |
जिसका मन किसी दूसरी ओर हो | अन्यमनस्यक/अनमना |
जिसका कोई निश्चित घर न हो | अनिकेत |
नीचे की ओर लाना या खींचना | अपकर्ष |
जो पहले पढ़ा न गया हो | अपठित |
दोपहर के बाद का समय | अपराह्न |
शरीर के लिए जितना धन आवश्यक हो उससे अधिक न लेना | अपरिग्रह |
जो मापा न जा सके | अपरिमेय |
जिसके बिना कार्य न चल सके | अपरिहार्य |
जो आँखों के सामने न हो | अप्रत्यक्ष/परोक्ष |
जिसके पार न देखा जा सके | अपारदर्शक/अपारदर्शी |
जो पूरा या भरा हुआ न हो | अपूर्ण |
जिसकी अपेक्षा (उम्मीद) हो | अपेक्षित |
अभिनय करने वाला पुरुष | अभिनेता |
अभिनय करने वाली स्त्री | अभिनेत्री |
जो किसी की ओर मुँह किये हुए हो | अभिमुख |
जिस पर अभियोग लगाया गया हो | अभियुक्त |
जिसका जन्म उच्च कुल में हुआ हो | अभिजात |
किसी कार्य को बार-बार करना | अभ्यास |
भली प्रकार से सीखा हुआ | अभ्यस्त |
किसी वस्तु का भीतरी भाग | अभ्यन्तर |
किसी वस्तु को प्राप्त करने की तीव्र इच्छा | अभीप्सा |
जो कभी मृत्यु को प्राप्त न हो | अमर |
जो काव्य, संगीत आदि का रस न ले | अरसिक |
द्वार या आँगन के फर्श पर रंगों से चित्र बनाने या चौक पूरने की कला | अल्पना |
जो अल्प (कम) जानता हो | अल्पज्ञ |
जो इस लोक का न हो | अलौकिक |
जो कम बोलता हो | अल्पभाषी |
शरीर का कोई भाग | अवयव |
जिस पर विचार न किया गया हो | अविचारित |
सरकार द्वारा दूसरे देश की तुलना में अपने देश की मुद्रा का मूल्य कम कर देना | अवमूल्यन |
बिना वेतन के कार्य करने वाला | अवैतनिक |
जो साधा (ठीक किया) न जा सके | असाध्य |
जो शोक करने योग्य नहीं है | अशोक्य |
जो स्त्री (ऐसी पर्दानशीन है कि) सूर्य को भी न देख सके | असूर्यम्पश्या |
जिसका विभाजन न किया जा सके | अविभाजित |
अच्छा-बुरा समझने की शक्ति का अभाव | अविवेक |
जो विधान या नियम के विरुद्ध हो | असंवैधानिक |
जिसमें शक्ति नहीं है | अशक्त |
न हो सकने वाला | अशक्य/असंभव |
गुरु के समीप रहने वाला विद्यार्थी | अंतेवासी |
जिसका जन्म छोटी (अंत्य) जाति में हुआ हो | अंत्यज |
जिसका जन्म अनु (पीछे) हुआ हो | अनुज |
जो पहले कभी भी न हुआ हो | अभूतपूर्व |
जो बीत चुका है | अतीत |
जिसकी गहराई की थाह न लग सके | अथाह |
जो सदा से चलता आ रहा है | अनवरत |
जो आगे की न सोचता हो | अदूरदर्शी |
धरती और आकाश के बीच का स्थान | अंतरिक्ष |
जिस पर आक्रमण न किया गया हो | अनाक्रान्त |
जो जीता न जा सके | अजेय |
जिसके पास कुछ न हो | अकिंचन |
जो क़ानून के विरुद्ध हो | अवैध |
जो समय पर न हो | असामयिक |
अपने हिस्से या अंश के रूप में कुछ देना | अंशदान |
जिसमें कुछ करने की क्षमता न हो | अक्षम |
जो गिना न जा सके | अनगिनत |
जो कार्य रूप में न लाया जा सके | अव्यावहारिक |
जिसका खण्डन न हो सके | अकाट्य |
जिस पर मुक़दमा चल रहा हो | अभियुक्त |
जिसकी सीमा न हो | असीम/असीमित |
जो दिया न जा सके | अदेय |
अनुकरण करने योग्य | अनुकरणीय |
जो मानव के योग्य न हो | अमानुषिक |
जो बिना बुलाये आया हो | अनाहूत |
जिस पर कोई नियंत्रण न हो | अनियंत्रित |
जो शोक करने योग्य नहीं | अशोक्य |
फेंककर चलाया जाने वाला हथियार | अस्त्र |
किसी प्राणी को न मारना | अहिंसा |
अंडे से जन्म लेने वाला | अंडज |
महल का भीतरी भाग | अंत:पुर |
जिसे अधिकार दिया गया हो | अधिकृत |
जारी किया गया आधिकारिक आदेश | अध्यादेश |
वर्षा का अभाव | अनावृष्टि |
जिस पर निर्णय न हुआ हो | अनिर्णीत |
जिस पर अनुग्रह किया गया हो | अनुग्रहीत |
सीमा का उल्लंघन करना | अतिक्रमण |
जो पहले कभी नहीं सुना गया हो | अश्रुतपूर्व |
जिसमें सामर्थ्य नहीं है | असमर्थ |
जिसकी आशा न की जाये | अप्रत्याशित |
जिसे पढ़ा न जा सके | अपाठ्य |
जिसे भेदा (तोड़ा) न जो सके | अभेद्य |
आत्मा व परमात्मा का द्वैत (अलग-अलग होना) न मानने वाला | अद्वैतवादी |
अल्प (कम) वेतन भोगने वाला (पाने वाला) | अल्पवेतनभोगी |
अध्ययन (पढ़ना) प्राप्त करने वाला | अध्यापक |
आग से झुलसा हुआ | अनलदग्ध |
जहाँ गमन (जाया) न किया जा सके | अगम्य |
जो हिसाब-क़िताब की जाँच करता हो | अंकेक्षक |
जिसकी परिभाषा देना संभव न हो | अपरिभाषित |
जो पहले कभी घटित न हुआ हो | अघटित |
वह पत्र जिसमें किसी को कुछ करने का अधिकार दिया गया हो | अधिपत्र |
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ सम्पादकीय
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