"आहर, उदयपुर": अवतरणों में अंतर
No edit summary |
No edit summary |
||
(6 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 8 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
[[चित्र:Ahar-Udaipur.jpg|thumb|250px|आहर, [[उदयपुर]] | [[चित्र:Ahar-Udaipur.jpg|thumb|250px|आहर, [[उदयपुर]]]] | ||
'''आहर''' [[राजस्थान]] राज्य के [[उदयपुर]] शहर में स्थित एक ऐतिहासिक स्थान है। यहाँ [[मेवाड़]] के 19 शासकों के स्मारक है। यहाँ सबसे प्रमुख स्मारक महाराणा अमर सिंह का है। अमर सिंह ने सिंहासन त्यागने के बाद अपना अंतिम समय यहीं व्यतीत किया था। इस स्थान का संबंध [[हड़प्पा सभ्यता|हड़प्पा सभ्यता]] से भी जोड़ा जाता है। यहाँ एक पुरातात्विक संग्रहालय भी है। | |||
==अवशेष== | |||
[[1954]]-[[1955|55]] में [[भारतीय पुरातत्त्व विभाग]] द्वारा की गई खुदाई में यहां से [[काला रंग|काले]] और [[लाल रंग]] के [[मिट्टी]] के बर्तनों के [[अवशेष]] प्राप्त हुए थे। इस प्रकार के मृद्भांग [[दक्षिण भारत]] के महापाषाण मृद्भांडों के सदृश हैं और ये [[प्रागैतिहासिक काल|प्रागैतिहासिक]] और ऐतिहासिक काल के अंतर्वर्तीं युग से संबंधित माने जाते हैं। | |||
==अभिलेख== | |||
आहर से प्राप्त एक [[अभिलेख]], जो 953 ई. (संवत् 1010) का था, उससे एक [[विष्णु]] जी के मंदिर का उल्लेख किया गया था, यहाँ पर एक [[वैष्णव]] [[भक्त]] द्वारा [[वराह अवतार|आदि वराह]] की प्रतिमा को स्थापित करवाया गया था। यहाँ पर एक [[सूर्य]] मंदिर भी था। इसका प्रमाण 14 द्रम्मों के दान का उल्लेख करने वाले एक अन्य [[अभिलेख]] से मिलता है। | |||
==मंदिर== | |||
यहाँ एक अन्य मंदिर में विष्णु के '''लक्ष्मीनारायण''' रूप की अर्चना होती थी, जिसे अब [[मीराबाई]] मंदिर के नाम से जाना जाता है। मंदिर के बाह्य ताखों में [[ब्रह्मा]]-[[सावित्री देवी|सावित्री]], [[गरुड़]] पर बैठे [[लक्ष्मी]]-[[विष्णु|नारायण]], [[नंदी]] पर आसीन [[उमा]]-[[महेश्वर]] आदि की प्रतिमाओं के अतिरिक्त [[मेवाड़]] के तत्कालीन सामाजिक जीवन के दृश्यों को भी प्रस्तुत किया गया है, जो उल्लेखनीय है। | |||
{{लेख प्रगति | |||
|आधार= | |||
|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 | |||
|माध्यमिक= | |||
|पूर्णता= | |||
|शोध= | |||
}} | |||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{राजस्थान के पर्यटन स्थल}} | {{राजस्थान के ऐतिहासिक स्थान}}{{राजस्थान के पर्यटन स्थल}} | ||
[[Category:राजस्थान]][[Category:राजस्थान_के_पर्यटन_स्थल]][[Category:उदयपुर]][[Category:उदयपुर_के_पर्यटन_स्थल]] | |||
[[Category:राजस्थान]][[Category:राजस्थान_के_पर्यटन_स्थल]][[Category:उदयपुर]][[Category:उदयपुर_के_पर्यटन_स्थल]][[Category:पर्यटन_कोश]]__INDEX__ | [[Category:राजस्थान के ऐतिहासिक स्थान]] | ||
[[Category:ऐतिहासिक स्थान कोश]] | |||
[[Category:पर्यटन_कोश]] | |||
__INDEX__ | |||
__NOTOC__ |
12:32, 5 मई 2018 के समय का अवतरण
आहर राजस्थान राज्य के उदयपुर शहर में स्थित एक ऐतिहासिक स्थान है। यहाँ मेवाड़ के 19 शासकों के स्मारक है। यहाँ सबसे प्रमुख स्मारक महाराणा अमर सिंह का है। अमर सिंह ने सिंहासन त्यागने के बाद अपना अंतिम समय यहीं व्यतीत किया था। इस स्थान का संबंध हड़प्पा सभ्यता से भी जोड़ा जाता है। यहाँ एक पुरातात्विक संग्रहालय भी है।
अवशेष
1954-55 में भारतीय पुरातत्त्व विभाग द्वारा की गई खुदाई में यहां से काले और लाल रंग के मिट्टी के बर्तनों के अवशेष प्राप्त हुए थे। इस प्रकार के मृद्भांग दक्षिण भारत के महापाषाण मृद्भांडों के सदृश हैं और ये प्रागैतिहासिक और ऐतिहासिक काल के अंतर्वर्तीं युग से संबंधित माने जाते हैं।
अभिलेख
आहर से प्राप्त एक अभिलेख, जो 953 ई. (संवत् 1010) का था, उससे एक विष्णु जी के मंदिर का उल्लेख किया गया था, यहाँ पर एक वैष्णव भक्त द्वारा आदि वराह की प्रतिमा को स्थापित करवाया गया था। यहाँ पर एक सूर्य मंदिर भी था। इसका प्रमाण 14 द्रम्मों के दान का उल्लेख करने वाले एक अन्य अभिलेख से मिलता है।
मंदिर
यहाँ एक अन्य मंदिर में विष्णु के लक्ष्मीनारायण रूप की अर्चना होती थी, जिसे अब मीराबाई मंदिर के नाम से जाना जाता है। मंदिर के बाह्य ताखों में ब्रह्मा-सावित्री, गरुड़ पर बैठे लक्ष्मी-नारायण, नंदी पर आसीन उमा-महेश्वर आदि की प्रतिमाओं के अतिरिक्त मेवाड़ के तत्कालीन सामाजिक जीवन के दृश्यों को भी प्रस्तुत किया गया है, जो उल्लेखनीय है।
|
|
|
|
|
संबंधित लेख