"मातृ दिवस": अवतरणों में अंतर
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}}'''मातृ दिवस''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Mother's Day'') प्रत्येक [[वर्ष]] [[मई]] [[माह]] के दूसरे [[रविवार]] को मनाया जाता है। माँ को खुशियाँ और सम्मान देने के लिए पूरी ज़िंदगी भी कम होती है। फिर भी विश्व में माँ के सम्मान में मातृ दिवस मनाया जाता है। मातृ दिवस विश्व के अलग-अलग भागों में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है, परन्तु '''मई माह के दूसरे [[रविवार]]''' को सर्वाधिक महत्त्व दिया जाता है। हालांकि [[भारत]] के कुछ भागों में इसे [[19 अगस्त]] को भी मनाया जाता है, परन्तु अधिक महत्ता अमरीकी आधार पर मनाए जाने वाले मातृ दिवस की है, [[अमेरिका]] में यह दिन इतना महत्त्वपूर्ण है कि यह एकदम से उत्सव की तरह मनाया जाता है।<ref name="abdc">{{cite web |url=http://www.aadhiabadi.com/content/%E0%A4%95%E0%A5%88%E0%A4%B8%E0%A5%87-%E0%A4%AC%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%8F-%E0%A4%AE%E0%A4%A6%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%B8-%E0%A4%A1%E0%A5%87-%E0%A4%95%E0%A5%8B-%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%A6%E0%A4%97%E0%A4%BE%E0%A4%B0 |title=कैसे बनाए मदर्स डे को यादगार |accessmonthday=[[9 मई]] |accessyear=[[2011]] |last= |first= |authorlink= |format=एच.टी.एम.एल |publisher=आधी आबादी डॉट कॉम |language=[[हिन्दी]]}}</ref> | |||
==इतिहास== | ==इतिहास== | ||
मातृ दिवस का इतिहास सदियों पुराना एवं प्राचीन है। [[यूनान]] में [[बसंत ऋतु]] के आगमन पर रिहा परमेश्वर की माँ को सम्मानित करने के लिए यह दिवस मनाया जाता था। 16वीं [[सदी]] में [[इंग्लैण्ड]] का [[ईसाई धर्म|ईसाई समुदाय]] [[ईसा मसीह|ईशु]] की माँ मदर मेरी को सम्मानित करने के लिए यह त्योहार मनाने लगा। 'मदर्स डे' मनाने का मूल कारण समस्त माओं को सम्मान देना और एक [[शिशु]] के उत्थान में उसकी महान् भूमिका को सलाम करना है। इस को आधिकारिक बनाने का निर्णय पूर्व अमरीकी राष्ट्रपति '''वूडरो विलसन''' ने [[8 मई]], [[1914]] को लिया। 8 मई, 1914 में अन्ना की कठिन मेहनत के बाद तत्कालीन अमरीकी राष्ट्रपति वुडरो विल्सन ने मई के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाने और माँ के सम्मान में एक दिन के अवकाश की सार्वजनिक घोषणा की। वे समझ रहे थे कि सम्मान, श्रद्धा के साथ माताओं का सशक्तीकरण होना चाहिए, जिससे मातृत्व शक्ति के प्रभाव से युद्धों की विभीषिका रुके। तब से हर वर्ष मई के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाया जाता है।<ref name="abdc"/>[[चित्र:mothers_day_03.gif|thumb|left|right|मातृ दिवस पर माँ बच्चा]] | |||
*मदर्स डे की शुरुआत अमेरिका से हुई। वहाँ एक कवयित्री और लेखिका जूलिया वार्ड होव ने 1870 में 10 मई को माँ के नाम समर्पित करते हुए कई रचनाएँ लिखीं। वे मानती थीं कि महिलाओं की सामाजिक ज़िम्मेदारी व्यापक होनी चाहिए। अमेरिका में मातृ दिवस (मदर्स डे) पर राष्ट्रीय अवकाश होता है। अलग-अलग देशों में मदर्स डे अलग अलग तारीख पर मनाया जाता है। भारत में भी मदर्स डे का महत्व बढ़ रहा है।<ref>{{cite web |url=http://hindi.webdunia.com/%E0%A4%AC%E0%A4%9A%E0%A5%8D%E0%A4%9A%E0%A5%8B%E0%A4%82-%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%B0-%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%81/%E0%A4%B9%E0%A4%B0-%E0%A4%B9%E0%A4%BE%E0%A4%B2-%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%82-%E0%A4%AC%E0%A4%9A%E0%A5%8D%E0%A4%9A%E0%A5%8B%E0%A4%82-%E0%A4%AA%E0%A4%B0-%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%B0-%E0%A4%89%E0%A5%9C%E0%A5%87%E0%A4%B2%E0%A4%A4%E0%A5%80-%E0%A4%B9%E0%A5%88-%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%81-1090509075_1.htm |title=हर हाल में बच्चों पर प्यार उड़ेलती है माँ |accessmonthday=[[9 मई]] |accessyear=[[2011]] |last= |first= |authorlink= |format=एच.टी.एम.एल |publisher=वेब दुनिया हिन्दी |language=[[हिन्दी]]}}</ref> | |||
==माँ से जुड़ी कुछ बातें== | |||
*'''जब मैं पैदा हुआ, इस दुनिया में आया, वो एकमात्र ऐसा दिन था मेरे जीवन का जब मैं रो रहा था और मेरी मॉं के चेहरे पर एक सन्तोषजनक मुस्कान थी।''' ये शब्द हैं प्रख्यात वैज्ञानिक और भारत के पूर्व [[राष्ट्रपति]] [[अब्दुल कलाम|डॉ.ए.पी.जे. अब्दुल कलाम]] के। एक माँ हमारी भावनाओं के साथ कितनी खूबी से जुड़ी होती है, ये समझाने के लिए उपरोक्त पंक्तियां अपने आप में सम्पूर्ण हैं।<ref name="abdc"/> | |||
*किसी औलाद के लिए 'माँ' शब्द का मतलब सिर्फ पुकारने या फिर संबोधित करने से ही नहीं होता बल्कि उसके लिए माँ शब्द में ही सारी दुनिया बसती है, दूसरी ओर संतान की खुशी और उसका सुख ही माँ के लिए उसका संसार होता है। क्या कभी आपने सोचा है कि ठोकर लगने पर या मुसीबत की घड़ी में माँ ही क्यों याद आती है क्योंकि वो माँ ही होती है जो हमें तब से जानती है जब हम अजन्में होते हैं। बचपन में हमारा रातों का जागना.. जिस वजह से कई रातों तक माँ सो भी नहीं पाती थी। जितना माँ ने हमारे लिए किया है उतना कोई दूसरा कर ही नहीं सकता। ज़ाहिर है माँ के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए एक दिन नहीं बल्कि एक [[सदी]] भी कम है।<ref>{{cite web |url=http://www.khasamkhas.blogspot.com/ |title=हर हाल में बच्चों पर प्यार उड़ेलती है माँ |accessmonthday=[[9 मई]] |accessyear=[[2011]] |last= |first= |authorlink= |format=एच.टी.एम.एल |publisher=ख़ास बात |language=[[हिन्दी]]}}</ref> | |||
== | |||
* '''जब मैं पैदा हुआ, इस दुनिया में आया, वो एकमात्र ऐसा दिन था मेरे जीवन का जब मैं रो रहा था और मेरी मॉं के चेहरे पर एक सन्तोषजनक मुस्कान थी।''' ये शब्द हैं प्रख्यात वैज्ञानिक और भारत के पूर्व राष्ट्रपति | |||
* किसी औलाद के लिए 'माँ' शब्द का मतलब सिर्फ पुकारने या फिर संबोधित करने से ही नहीं होता बल्कि उसके लिए | |||
*पृथिव्यां पुत्रास्ते जननि बहवः सन्ति सरलाः<br /> | |||
परं तेषां मध्ये विरलतरलोऽहं तव सुतः।<br /> | |||
मदीयोऽयं त्यागः समुचितमिदं नो तव शिवे<br /> | |||
कुपुत्रो जायेत क्वचिदपि कुमाता न भवति<ref>देव्यपराधक्षमापनस्तोत्रम्।- [[शंकराचार्य|आदि गुरु शंकराचार्य]] द्वारा रचित स्तुति</ref> | |||
==कैसे | अर्थात : पृथ्वी पर जितने भी पुत्रों की माँ हैं, वह अत्यंत सरल रूप में हैं। कहने का मतलब कि माँ एकदम से सहज रूप में होती हैं। वे अपने पुत्रों पर शीघ्रता से प्रसन्न हो जाती हैं। वह अपनी समस्त खुशियां पुत्रों के लिए त्याग देती हैं, क्योंकि पुत्र कुपुत्र हो सकता है, लेकिन माता कुमाता नहीं हो सकती।<ref name="bdc">{{cite web |url=http://www.bhaskar.com/2010/05/09/522499-952366.html |title=मां! तुझे प्रणाम |accessmonthday=[[9 मई]] |accessyear=[[2011]] |last= |first= |authorlink= |format=एच.टी.एम.एल |publisher=भास्कर डॉट कॉम |language=[[हिन्दी]]}}</ref> | ||
====[[निदा फ़ाज़ली]] का दोहा==== | |||
* सुबह उठते ही अपनी | <poem>इक पलड़े में प्यार रख, दूजे में संसार, | ||
तोले से ही जानिए, किसमें कितना प्यार<ref name="bdc"/></poem> | |||
* यदि उन्हें संगीत का | ====[[सुभद्रा कुमारी चौहान]] की कविता==== | ||
* आए दिन छोटे होते घरों को देखते हुए आप उन्हें एक | [[चित्र:Subhadra-Kumari-Chauhan.jpg|thumb|[[सुभद्रा कुमारी चौहान]]]] | ||
* आपका घर व किचन एक ऐसा स्थान है | '''...बेटा! कहीं चोट तो नहीं लगी''' <br /> | ||
* उन्हें कहीं बाहर घुमाने ले | देश के सुदूर पश्चिम में स्थित अर्बुदांचल की एक जीवंत संस्कृति है, जहां विपुल मात्रा में कथा, बोध कथाएं, कहानियां, गीत, संगीत लोक में प्रचलित है। माँ की ममता पर यहां लोक में एक कहानी प्रचलित है, जो अविरल प्रस्तुत किया जाता रहा है। कहते हैं एक बार एक युवक को एक लड़की पर दिल आ गया। प्रेम में वह ऐसा खोया कि वह सबकुछ भुला बैठा। लड़के के शादी का प्रस्ताव रखने पर लड़की ने जवाब दिया कि वह उससे विवाह करने को तैयार तो है, लेकिन वह अपनी सास के रूप में किसी को देखना नहीं चाहती। अत: वह अपनी माँ का कत्ल कर उसका कलेजा निकाल लाए, तो वह उससे शादी करेगी। युवक पहले काफ़ी दुविधा में रहा, लेकिन फिर अपनी माशूका के लिए माँ का कत्ल कर उसका कलेजा निकाल तेज़ीसे प्रेमिका की ओर बढ़ा। तेज़ीमें जाने की हड़बड़ी में उसे ठोकर लगी और वह गिर पड़ा। इस पर माँ का कलेजा गिर पड़ा और कलेजे से आवाज़ आई, बेटा, कहीं चोट तो नहीं लगी...आ बेटा, पट्टी बांध दूं...।<ref name="bdc"/> | ||
====मां में छिपी है सृष्टि==== | |||
मां शब्द में संपूर्ण सृष्टि का बोध होता है। माँ के शब्द में वह आत्मीयता एवं मिठास छिपी हुई होती है, जो अन्य किसी शब्दों में नहीं होती। इसका अनुभव भी एक माँ ही कर सकती है। माँ अपने आप में पूर्ण संस्कारवान, मनुष्यत्व व सरलता के गुणों का सागर है। माँ जन्मदाता ही नहीं, बल्कि पालन-पोषण करने वाली भी है।<ref name="bdc"/> | |||
====मां है ममता का सागर==== | |||
मां तो ममता की सागर होती है। जब वह बच्चे को जन्म देकर बड़ा करती है तो उसे इस बात की खुशी होती है, उसके लाड़ले पुत्र-पुत्री से अब सुख मिल जाएगा। लेकिन माँ की इस ममता को नहीं समझने वाले कुछ बच्चे यह भूल बैठते हैं कि इनके पालन-पोषण के दौरान इस माँ ने कितनी कठिनाइयां झेली होगी।<ref name="bdc"/> | |||
==कैसे बनाएँ इस दिन को यादगार== | |||
* सुबह उठते ही अपनी माँ को इस दिन की बधाई दें। यदि आपको उनके हाथ का भोजन बहुत पंसद है, और खाना बनाना उनका शौक़ भी है, तो उन्हें नए और स्वादिष्ट व्यंजन की एक किताब व डिनर टेबल गिफ़्ट सेट जैसा कुछ उपहार दें। | |||
* यदि उन्हें [[संगीत]] का शौक़ है, तो उनके पसन्दीदा गानों व संगीत की कोई डीवीडी व कैसेट् उपहार में दें, जिससे व ख़ाली समय में घर का काम करते समय सुन सकें। | |||
* आए दिन छोटे होते घरों को देखते हुए आप उन्हें एक 'होम गार्डन' भी उपहार में दे सकते हैं। ये छोटा बगीचा घर की रौनक भी बढ़ाएगा और आपकी माँ को व्यस्त भी रखेगा। सुन्दर पौधे घर में बेहतर वातावरण भी बनाए रखेगा। | |||
* आपका घर व किचन एक ऐसा स्थान है, जहाँ आपकी माँ अधिक समय बिताती हैं। तो इस अवसर पर आप ड्राइंग रूम और बेडरूम के साथ-साथ किचन को भी अच्छे से सज़ा सकते हैं। | |||
* उन्हें कहीं बाहर घुमाने ले जाएँ और यदि किसी नज़दीकी जगह पर घूमने का कार्यक्रम बना सकते हों, तो इससे बेहतर और क्या हो सकता है। मूड़ बदलने के साथ-साथ आपकी पिकनिक ट्रिप उन्हें प्रकृति के क़रीब लाएगी और वे बेहतर महसूस करेगीं। | |||
इस प्रकार आप अपनी | इस प्रकार आप अपनी माँ के लिए मातृ दिवस (मदर्स डे) स्पेशल बना सकते हैं। अगाथा क्रिस्टी के शब्दों में, '''एक शिशु के लिए उसकी माँ का लाड़ - प्यार दुनिया की किसी भी वस्तु के सामने अतुलनीय है। इस प्रेम की कोई सीमा नहीं होती और ये किसी क़ानून को नहीं मानता।''' <ref name="abdc"/> | ||
==गूगल डूडल, 2021== | |||
[[चित्र:Mother's-Day-2021.jpg|thumb|250px|गूगल का डूडल (मातृ दिवस, [[2021]])]] | |||
मां को समर्पित मातृ दिवस, 2021 के दिन पर गूगल ने बेहद शानदार और मनमोहक अंदाज में डूडल बनाकर दुनिया भर की मांओं को सलाम किया है। मदर्स डे के मौके पर गूगल ने दुनियाभर की माताओं को उनके बलिदान और त्याग के लिए याद किया है। गूगल ने रंग-बिरंगे खूबसूरत पॉप अप कार्ड के जरिये सभी मांओं को शुभकामनाएं दीं हैं। | |||
दुनिया भर में हर साल सभी मांओं को सम्मान देने के लिए मदर्स डे सेलिब्रेट किया जाता है। ये दिन मां को समर्पित होता है। [[भारत]] में [[मई]] के दूसरे [[रविवार]] को मदर्स डे मनाया जाता है। मदर्स डे, 2021 पर गूगल ने एक खास अंदाज में डूडल बनाया है। इस एनिमेटेड डूडल के जरिये गूगल ने मां के दिन को सेलिब्रेट किया है। ये डूडल एक स्टिल इमेज ना होकर पोप-अप कार्ड है, जिसमें कई रंगों का इस्तेमाल किया गया है। ये डूडल एक खास तरीका का डिजिटल कार्ड है। रंग-बिरंगे खूबसूरत गूगल के इस डूडल को ओलिविया ने डिजाइन किया है। यह गूगल उन मांओं को समर्पित है, जिन्होंने बिना किसी शर्त अपने बच्चों को अथाह प्यार दिया है। गूगल द्वारा बनाए गए डूडल पर क्लिक करने से एक कार्ड पॉप-अप होकर खुलता है, जिस पर कई सारे दिल बन जाते हैं। ये गूगल डूडल वाकई बेहद खूबसूरत है। | |||
अलग-अलग देशों में मातृ दिवस को अलग-अलग तारीख पर मनाया जाता है। [[ब्रिटेन]] में [[मार्च]] के चौथे रविवार को मदर्स डे सेलिब्रेट किया जाता है। जबकि ग्रीस में [[2 फ़रवरी]] को यह खास दिन मनाया जाता है। बोलीविया में मदर्स डे [[27 मई]] को मनाया जाता है। इसके पीछे की वजह 27 मई, [[1812]] की क्रांति है, जिसमें [[स्पेन]] की सेना ने बॉलीविन में उन महिलाओं की नृसंश हत्या कर दी थी, जो आजादी के लिए लड़ रही थीं। उन साहसी महिलाओं को सम्मान देने के लिए वहां [[27 मई]] को मदर्स डे मनाया जाता है। | |||
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
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*[http://webvarta.com/ds_detail.php?ds_id=78 मातृ दिवस] | |||
==संबंधित लेख== | |||
{{महत्त्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय दिवस}} | |||
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09:16, 9 मई 2021 के समय का अवतरण
मातृ दिवस
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विवरण | विश्व में माँ के सम्मान में मातृ दिवस मनाया जाता है। |
उद्देश्य | 'मातृ दिवस' मनाने का मूल उद्देश्य समस्त माताओं को सम्मान देना और एक शिशु के उत्थान में उनकी महान् भूमिका को सलाम करना है। |
तिथि | मई का दूसरा रविवार |
कैसे मनाएँ | सुबह उठते ही अपनी माँ को इस दिन की बधाई दें। यदि आपको उनके हाथ का भोजन बहुत पंसद है और खाना बनाना उनका शौक़ भी है, तो उन्हें नए और स्वादिष्ट व्यंजन की एक किताब व डिनर टेबल गिफ़्ट सेट जैसा कुछ उपहार दें। |
संबंधित लेख | बाल दिवस, पितृ दिवस, विश्व परिवार दिवस |
अन्य जानकारी | 16वीं सदी में इंग्लैण्ड का ईसाई समुदाय ईशु की माँ मदर मेरी को सम्मानित करने से इसकी शुरुआत हुई। |
मातृ दिवस (अंग्रेज़ी: Mother's Day) प्रत्येक वर्ष मई माह के दूसरे रविवार को मनाया जाता है। माँ को खुशियाँ और सम्मान देने के लिए पूरी ज़िंदगी भी कम होती है। फिर भी विश्व में माँ के सम्मान में मातृ दिवस मनाया जाता है। मातृ दिवस विश्व के अलग-अलग भागों में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है, परन्तु मई माह के दूसरे रविवार को सर्वाधिक महत्त्व दिया जाता है। हालांकि भारत के कुछ भागों में इसे 19 अगस्त को भी मनाया जाता है, परन्तु अधिक महत्ता अमरीकी आधार पर मनाए जाने वाले मातृ दिवस की है, अमेरिका में यह दिन इतना महत्त्वपूर्ण है कि यह एकदम से उत्सव की तरह मनाया जाता है।[1]
इतिहास
मातृ दिवस का इतिहास सदियों पुराना एवं प्राचीन है। यूनान में बसंत ऋतु के आगमन पर रिहा परमेश्वर की माँ को सम्मानित करने के लिए यह दिवस मनाया जाता था। 16वीं सदी में इंग्लैण्ड का ईसाई समुदाय ईशु की माँ मदर मेरी को सम्मानित करने के लिए यह त्योहार मनाने लगा। 'मदर्स डे' मनाने का मूल कारण समस्त माओं को सम्मान देना और एक शिशु के उत्थान में उसकी महान् भूमिका को सलाम करना है। इस को आधिकारिक बनाने का निर्णय पूर्व अमरीकी राष्ट्रपति वूडरो विलसन ने 8 मई, 1914 को लिया। 8 मई, 1914 में अन्ना की कठिन मेहनत के बाद तत्कालीन अमरीकी राष्ट्रपति वुडरो विल्सन ने मई के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाने और माँ के सम्मान में एक दिन के अवकाश की सार्वजनिक घोषणा की। वे समझ रहे थे कि सम्मान, श्रद्धा के साथ माताओं का सशक्तीकरण होना चाहिए, जिससे मातृत्व शक्ति के प्रभाव से युद्धों की विभीषिका रुके। तब से हर वर्ष मई के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाया जाता है।[1]
- मदर्स डे की शुरुआत अमेरिका से हुई। वहाँ एक कवयित्री और लेखिका जूलिया वार्ड होव ने 1870 में 10 मई को माँ के नाम समर्पित करते हुए कई रचनाएँ लिखीं। वे मानती थीं कि महिलाओं की सामाजिक ज़िम्मेदारी व्यापक होनी चाहिए। अमेरिका में मातृ दिवस (मदर्स डे) पर राष्ट्रीय अवकाश होता है। अलग-अलग देशों में मदर्स डे अलग अलग तारीख पर मनाया जाता है। भारत में भी मदर्स डे का महत्व बढ़ रहा है।[2]
माँ से जुड़ी कुछ बातें
- जब मैं पैदा हुआ, इस दुनिया में आया, वो एकमात्र ऐसा दिन था मेरे जीवन का जब मैं रो रहा था और मेरी मॉं के चेहरे पर एक सन्तोषजनक मुस्कान थी। ये शब्द हैं प्रख्यात वैज्ञानिक और भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ.ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के। एक माँ हमारी भावनाओं के साथ कितनी खूबी से जुड़ी होती है, ये समझाने के लिए उपरोक्त पंक्तियां अपने आप में सम्पूर्ण हैं।[1]
- किसी औलाद के लिए 'माँ' शब्द का मतलब सिर्फ पुकारने या फिर संबोधित करने से ही नहीं होता बल्कि उसके लिए माँ शब्द में ही सारी दुनिया बसती है, दूसरी ओर संतान की खुशी और उसका सुख ही माँ के लिए उसका संसार होता है। क्या कभी आपने सोचा है कि ठोकर लगने पर या मुसीबत की घड़ी में माँ ही क्यों याद आती है क्योंकि वो माँ ही होती है जो हमें तब से जानती है जब हम अजन्में होते हैं। बचपन में हमारा रातों का जागना.. जिस वजह से कई रातों तक माँ सो भी नहीं पाती थी। जितना माँ ने हमारे लिए किया है उतना कोई दूसरा कर ही नहीं सकता। ज़ाहिर है माँ के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए एक दिन नहीं बल्कि एक सदी भी कम है।[3]
- पृथिव्यां पुत्रास्ते जननि बहवः सन्ति सरलाः
परं तेषां मध्ये विरलतरलोऽहं तव सुतः।
मदीयोऽयं त्यागः समुचितमिदं नो तव शिवे
कुपुत्रो जायेत क्वचिदपि कुमाता न भवति[4]
अर्थात : पृथ्वी पर जितने भी पुत्रों की माँ हैं, वह अत्यंत सरल रूप में हैं। कहने का मतलब कि माँ एकदम से सहज रूप में होती हैं। वे अपने पुत्रों पर शीघ्रता से प्रसन्न हो जाती हैं। वह अपनी समस्त खुशियां पुत्रों के लिए त्याग देती हैं, क्योंकि पुत्र कुपुत्र हो सकता है, लेकिन माता कुमाता नहीं हो सकती।[5]
निदा फ़ाज़ली का दोहा
इक पलड़े में प्यार रख, दूजे में संसार,
तोले से ही जानिए, किसमें कितना प्यार[5]
सुभद्रा कुमारी चौहान की कविता
...बेटा! कहीं चोट तो नहीं लगी
देश के सुदूर पश्चिम में स्थित अर्बुदांचल की एक जीवंत संस्कृति है, जहां विपुल मात्रा में कथा, बोध कथाएं, कहानियां, गीत, संगीत लोक में प्रचलित है। माँ की ममता पर यहां लोक में एक कहानी प्रचलित है, जो अविरल प्रस्तुत किया जाता रहा है। कहते हैं एक बार एक युवक को एक लड़की पर दिल आ गया। प्रेम में वह ऐसा खोया कि वह सबकुछ भुला बैठा। लड़के के शादी का प्रस्ताव रखने पर लड़की ने जवाब दिया कि वह उससे विवाह करने को तैयार तो है, लेकिन वह अपनी सास के रूप में किसी को देखना नहीं चाहती। अत: वह अपनी माँ का कत्ल कर उसका कलेजा निकाल लाए, तो वह उससे शादी करेगी। युवक पहले काफ़ी दुविधा में रहा, लेकिन फिर अपनी माशूका के लिए माँ का कत्ल कर उसका कलेजा निकाल तेज़ीसे प्रेमिका की ओर बढ़ा। तेज़ीमें जाने की हड़बड़ी में उसे ठोकर लगी और वह गिर पड़ा। इस पर माँ का कलेजा गिर पड़ा और कलेजे से आवाज़ आई, बेटा, कहीं चोट तो नहीं लगी...आ बेटा, पट्टी बांध दूं...।[5]
मां में छिपी है सृष्टि
मां शब्द में संपूर्ण सृष्टि का बोध होता है। माँ के शब्द में वह आत्मीयता एवं मिठास छिपी हुई होती है, जो अन्य किसी शब्दों में नहीं होती। इसका अनुभव भी एक माँ ही कर सकती है। माँ अपने आप में पूर्ण संस्कारवान, मनुष्यत्व व सरलता के गुणों का सागर है। माँ जन्मदाता ही नहीं, बल्कि पालन-पोषण करने वाली भी है।[5]
मां है ममता का सागर
मां तो ममता की सागर होती है। जब वह बच्चे को जन्म देकर बड़ा करती है तो उसे इस बात की खुशी होती है, उसके लाड़ले पुत्र-पुत्री से अब सुख मिल जाएगा। लेकिन माँ की इस ममता को नहीं समझने वाले कुछ बच्चे यह भूल बैठते हैं कि इनके पालन-पोषण के दौरान इस माँ ने कितनी कठिनाइयां झेली होगी।[5]
कैसे बनाएँ इस दिन को यादगार
- सुबह उठते ही अपनी माँ को इस दिन की बधाई दें। यदि आपको उनके हाथ का भोजन बहुत पंसद है, और खाना बनाना उनका शौक़ भी है, तो उन्हें नए और स्वादिष्ट व्यंजन की एक किताब व डिनर टेबल गिफ़्ट सेट जैसा कुछ उपहार दें।
- यदि उन्हें संगीत का शौक़ है, तो उनके पसन्दीदा गानों व संगीत की कोई डीवीडी व कैसेट् उपहार में दें, जिससे व ख़ाली समय में घर का काम करते समय सुन सकें।
- आए दिन छोटे होते घरों को देखते हुए आप उन्हें एक 'होम गार्डन' भी उपहार में दे सकते हैं। ये छोटा बगीचा घर की रौनक भी बढ़ाएगा और आपकी माँ को व्यस्त भी रखेगा। सुन्दर पौधे घर में बेहतर वातावरण भी बनाए रखेगा।
- आपका घर व किचन एक ऐसा स्थान है, जहाँ आपकी माँ अधिक समय बिताती हैं। तो इस अवसर पर आप ड्राइंग रूम और बेडरूम के साथ-साथ किचन को भी अच्छे से सज़ा सकते हैं।
- उन्हें कहीं बाहर घुमाने ले जाएँ और यदि किसी नज़दीकी जगह पर घूमने का कार्यक्रम बना सकते हों, तो इससे बेहतर और क्या हो सकता है। मूड़ बदलने के साथ-साथ आपकी पिकनिक ट्रिप उन्हें प्रकृति के क़रीब लाएगी और वे बेहतर महसूस करेगीं।
इस प्रकार आप अपनी माँ के लिए मातृ दिवस (मदर्स डे) स्पेशल बना सकते हैं। अगाथा क्रिस्टी के शब्दों में, एक शिशु के लिए उसकी माँ का लाड़ - प्यार दुनिया की किसी भी वस्तु के सामने अतुलनीय है। इस प्रेम की कोई सीमा नहीं होती और ये किसी क़ानून को नहीं मानता। [1]
गूगल डूडल, 2021
मां को समर्पित मातृ दिवस, 2021 के दिन पर गूगल ने बेहद शानदार और मनमोहक अंदाज में डूडल बनाकर दुनिया भर की मांओं को सलाम किया है। मदर्स डे के मौके पर गूगल ने दुनियाभर की माताओं को उनके बलिदान और त्याग के लिए याद किया है। गूगल ने रंग-बिरंगे खूबसूरत पॉप अप कार्ड के जरिये सभी मांओं को शुभकामनाएं दीं हैं।
दुनिया भर में हर साल सभी मांओं को सम्मान देने के लिए मदर्स डे सेलिब्रेट किया जाता है। ये दिन मां को समर्पित होता है। भारत में मई के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाया जाता है। मदर्स डे, 2021 पर गूगल ने एक खास अंदाज में डूडल बनाया है। इस एनिमेटेड डूडल के जरिये गूगल ने मां के दिन को सेलिब्रेट किया है। ये डूडल एक स्टिल इमेज ना होकर पोप-अप कार्ड है, जिसमें कई रंगों का इस्तेमाल किया गया है। ये डूडल एक खास तरीका का डिजिटल कार्ड है। रंग-बिरंगे खूबसूरत गूगल के इस डूडल को ओलिविया ने डिजाइन किया है। यह गूगल उन मांओं को समर्पित है, जिन्होंने बिना किसी शर्त अपने बच्चों को अथाह प्यार दिया है। गूगल द्वारा बनाए गए डूडल पर क्लिक करने से एक कार्ड पॉप-अप होकर खुलता है, जिस पर कई सारे दिल बन जाते हैं। ये गूगल डूडल वाकई बेहद खूबसूरत है।
अलग-अलग देशों में मातृ दिवस को अलग-अलग तारीख पर मनाया जाता है। ब्रिटेन में मार्च के चौथे रविवार को मदर्स डे सेलिब्रेट किया जाता है। जबकि ग्रीस में 2 फ़रवरी को यह खास दिन मनाया जाता है। बोलीविया में मदर्स डे 27 मई को मनाया जाता है। इसके पीछे की वजह 27 मई, 1812 की क्रांति है, जिसमें स्पेन की सेना ने बॉलीविन में उन महिलाओं की नृसंश हत्या कर दी थी, जो आजादी के लिए लड़ रही थीं। उन साहसी महिलाओं को सम्मान देने के लिए वहां 27 मई को मदर्स डे मनाया जाता है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 1.2 1.3 कैसे बनाए मदर्स डे को यादगार (हिन्दी) (एच.टी.एम.एल) आधी आबादी डॉट कॉम। अभिगमन तिथि: 9 मई, 2011।
- ↑ हर हाल में बच्चों पर प्यार उड़ेलती है माँ (हिन्दी) (एच.टी.एम.एल) वेब दुनिया हिन्दी। अभिगमन तिथि: 9 मई, 2011।
- ↑ हर हाल में बच्चों पर प्यार उड़ेलती है माँ (हिन्दी) (एच.टी.एम.एल) ख़ास बात। अभिगमन तिथि: 9 मई, 2011।
- ↑ देव्यपराधक्षमापनस्तोत्रम्।- आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा रचित स्तुति
- ↑ 5.0 5.1 5.2 5.3 5.4 मां! तुझे प्रणाम (हिन्दी) (एच.टी.एम.एल) भास्कर डॉट कॉम। अभिगमन तिथि: 9 मई, 2011।
बाहरी कड़ियाँ
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