"अष्टदिग्गज": अवतरणों में अंतर
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11:47, 11 अक्टूबर 2022 के समय का अवतरण
अष्टदिग्गज विजयनगर साम्राज्य के राजा कृष्णदेव राय के दरबार में विभूषित आठ कवियों के लिये प्रयुक्त शब्द है। कहा जाता है कि इस काल में तेलुगु साहित्य अपनी पराकाष्ठा तक पहुंच गया था।
- कृष्णदेव के दरबार में उनके आठ कवि 'साहित्य सभा के आठ स्तम्भ' माने जाते थे। इस काल (1540 से 1600 ई.) को तेलुगु कविता के सन्दर्भ में 'प्रबन्ध काल' भी कहा जाता है।
- अष्टदिग्गजों में शामिल कवियों के नाम निम्न प्रकार हैं-
- अल्ल सानि पेद्दन
- नन्दी तिम्मन
- धूर्जटि
- मादय्यगरि मल्लन
- अय्यलराजु रामभध्रुडु
- पिंगलीसूरन्न
- रामराजभूषणुडु (भट्टूमुर्ति)
- तेनाली रामकृष्णा
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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