"श्लेष अलंकार": अवतरणों में अंतर
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चिरजीवो जोरी जुरे क्यों न सनेह गंभीर। | चिरजीवो जोरी जुरे क्यों न सनेह गंभीर। | ||
को घटि ये वृष भानुजा, वे हलधर के बीर।।</poem> | को घटि ये वृष भानुजा, वे हलधर के बीर।।</poem> | ||
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09:08, 14 अक्टूबर 2011 के समय का अवतरण
जिस जगह पर ऐसे शब्दों का प्रयोग हो, जिन शब्दों के एक से अधिक अर्थ निलकते हो, वहाँ पर श्लेष अलंकार होता है।[1]
- उदाहरण
चिरजीवो जोरी जुरे क्यों न सनेह गंभीर।
को घटि ये वृष भानुजा, वे हलधर के बीर।।
- इस जगह पर वृषभानुजा के दो अर्थ हैं-
- वृषभानु की पुत्री राधा
- वृषभ की अनुजा गाय।
- इसी प्रकार हलधर के भी दो अर्थ हैं-
- बलराम
- हल को धारण करने वाला बैल
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