"जोधपुर पर्यटन": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
छो (श्रेणी:नया पन्ना (को हटा दिया गया हैं।))
No edit summary
 
(2 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 2 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
[[चित्र:View-Of-Jodhpur-2.jpg|thumb|250px|[[जोधपुर]] का एक दृश्य<br /> A View Of Jodhpur]]
[[चित्र:View-Of-Jodhpur-2.jpg|thumb|250px|[[जोधपुर]] का एक दृश्य]]
[[जोधपुर]] शहर, जोधपुर ज़िले का प्रशासनिक मुख्यालय, [[राजस्थान]] राज्य, पश्चिमोत्तर [[भारत]] में है। जोधपुर प्रमुख सड़क और रेल जंक्शन वाला शहर है। जोधपुर शहर के कुछ हिस्से 18वीं शताब्दी के परकोटे से घिरे हुए हैं। यह दुर्ग, जिसमें महल और ऐतिहासिक संग्रहालय हैं, एक अलग-थलग, लेकिन ऊँची चट्टान पर बना हुआ है, जो दूर से ही दिखाई देता है। इसके ठीक उत्तर में [[मारवाड़]] की प्राचीन राजधानी [[मंडौर जोधपुर राजस्थान|मंडौर]] के चौथी शताब्दी के अवशेष विद्यमान हैं। जोधपुर मारवाड़ों का मुख्‍य वित्तिय राजधानी था, जहाँ [[राठौड़ वंश]] ने शासन किया था। जोधपुर [[थार मरुस्‍थल]] के दाहिने छोर पर स्थित है।
[[जोधपुर]] शहर, [[जोधपुर ज़िला|जोधपुर ज़िले]] का प्रशासनिक मुख्यालय, [[राजस्थान]] राज्य, पश्चिमोत्तर [[भारत]] में है। जोधपुर प्रमुख सड़क और रेल जंक्शन वाला शहर है। जोधपुर शहर के कुछ हिस्से 18वीं शताब्दी के परकोटे से घिरे हुए हैं। यह दुर्ग, जिसमें महल और ऐतिहासिक संग्रहालय हैं, एक अलग-थलग, लेकिन ऊँची चट्टान पर बना हुआ है, जो दूर से ही दिखाई देता है। इसके ठीक उत्तर में [[मारवाड़]] की प्राचीन राजधानी [[मंडौर जोधपुर राजस्थान|मंडौर]] के चौथी शताब्दी के [[अवशेष]] विद्यमान हैं। जोधपुर मारवाड़ों का मुख्‍य वित्तिय राजधानी था, जहाँ राठौड़ वंश ने शासन किया था। जोधपुर [[थार मरुस्थल]] के दाहिने छोर पर स्थित है।
==पर्यटन स्थल==
==पर्यटन स्थल==
भारत में राजस्‍थान को मरुस्‍थलों का राजा कहा जाता है। यहाँ अनेक ऐसे स्‍थान हैं जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। इन्‍हीं में से एक है-जोधपुर। 15वीं शदी में निर्मित क़िला और महलें यहाँ आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का प्रमुख केंद्र रहा है। पहाड़ी के शिखर और शहर के अंतिम छोर पर अवस्थित मेहरानगढ़ क़िला मध्‍यकालीन राजशाही का मानो प्रति‍बिंब है।
भारत में राजस्‍थान को [[मरुस्थल|मरुस्‍थलों]] का राजा कहा जाता है। यहाँ अनेक ऐसे स्‍थान हैं जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। इन्‍हीं में से एक है-जोधपुर। 15वीं शदी में निर्मित क़िला और महलें यहाँ आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का प्रमुख केंद्र रहा है। पहाड़ी के शिखर और शहर के अंतिम छोर पर अवस्थित मेहरानगढ़ क़िला मध्‍यकालीन राजशाही का मानो प्रति‍बिंब है।
[[चित्र:Mehrangarh-Fort-Jodhpur-1.jpg|thumb|250px|left|[[मेहरानगढ़ क़िला जोधपुर|मेहरानगढ़ क़िला]], [[जोधपुर]] <br /> Mehrangarh Fort, Jodhpur]]
[[चित्र:Mehrangarh-Fort-Jodhpur-1.jpg|thumb|250px|left|[[मेहरानगढ़ क़िला जोधपुर|मेहरानगढ़ क़िला]], [[जोधपुर]]]]
;<u>मेहरानगढ़ क़िला</u>
====मेहरानगढ़ क़िला====
{{main|मेहरानगढ़ क़िला जोधपुर}}
{{main|मेहरानगढ़ क़िला जोधपुर}}
[[चित्र:Phool-Mahal-Jodhpur.jpg|thumb|फूलमहल, [[मेहरानगढ़ क़िला जोधपुर|मेहरानगढ़ क़िला]], [[जोधपुर]] <br />Phool Mahal, Mehrangarh Fort, Jodhpur]]
*जोधपुर मेहरानगढ़ क़िला पहाड़ी के बिल्‍कुल ऊपर बसे होने के कारण राजस्थान के सबसे ख़ूबसूरत क़िलों में से एक है।  
*जोधपुर मेहरानगढ़ क़िला पहाड़ी के बिल्‍कुल ऊपर बसे होने के कारण राजस्थान के सबसे ख़ूबसूरत क़िलों में से एक है।  
*मेहरानगढ़ क़िला 120 मीटर ऊँची एक चट्टान पहाड़ी पर निर्मित है। इस दुर्ग के परकोटे की परिधि 10 किलोमीटर है।  
*मेहरानगढ़ क़िला 120 मीटर ऊँची एक चट्टान पहाड़ी पर निर्मित है। इस दुर्ग के परकोटे की परिधि 10 किलोमीटर है।  
*दुर्ग के भीतर राजप्रासाद स्थित है। दुर्ग के भीतर सिलहखाना (शस्त्रागार), मोती महल, जवाहरखाना आदि मुख्य इमारतें हैं।  
*दुर्ग के भीतर राजप्रासाद स्थित है। दुर्ग के भीतर सिलहखाना (शस्त्रागार), मोती महल, जवाहरखाना आदि मुख्य इमारतें हैं।  
;<u>जसवंत थाड़ा</u>
[[चित्र:Phool-Mahal-Jodhpur.jpg|thumb|फूलमहल, [[मेहरानगढ़ क़िला जोधपुर|मेहरानगढ़ क़िला]], [[जोधपुर]]]]
====जसवंत थाड़ा====
{{main|जसवंत थाड़ा जोधपुर}}
{{main|जसवंत थाड़ा जोधपुर}}
*जसवंत थाड़ा पूरी तरह से मार्बल निर्मित है।
*जसवंत थाड़ा पूरी तरह से मार्बल निर्मित है।
*जसवंत थाड़ा का निर्माण [[1899]] में राजा जसवंत सिंह द्वितीय और उनके सैनिकों की याद में किया गया था।  
*जसवंत थाड़ा का निर्माण [[1899]] में राजा जसवंत सिंह द्वितीय और उनके सैनिकों की याद में किया गया था।  
;<u>उम्‍मैद महल</u>
====उम्मेद महल====
{{main|उम्‍मैद महल जोधपुर}}
{{main|उम्मेद महल जोधपुर}}
* मार्बल और बालू का पत्‍थर से बने इस महल का दृश्‍य पर्यटकों को ख़ासतौर पर लुभाता है।
* मार्बल और बालू का पत्‍थर से बने इस महल का [[दृश्य]] पर्यटकों को ख़ासतौर पर लुभाता है।
* उम्‍मैद महल के संग्रहालय में पुरातन युग की घडियाँ और पेंटिंग्‍स भी संरक्षित हैं।  
* उम्मेद महल के संग्रहालय में पुरातन युग की घडियाँ और पेंटिंग्‍स भी संरक्षित हैं।  
 
{{प्रचार}}
{{लेख प्रगति
{{लेख प्रगति
|आधार=
|आधार=
पंक्ति 34: पंक्ति 33:
[[Category:जोधपुर के पर्यटन स्थल]]  
[[Category:जोधपुर के पर्यटन स्थल]]  
[[Category:पर्यटन_कोश]]
[[Category:पर्यटन_कोश]]
[[Category:जोधपुर]]
__INDEX__
__INDEX__
__NOTOC__

05:02, 8 अगस्त 2012 के समय का अवतरण

जोधपुर का एक दृश्य

जोधपुर शहर, जोधपुर ज़िले का प्रशासनिक मुख्यालय, राजस्थान राज्य, पश्चिमोत्तर भारत में है। जोधपुर प्रमुख सड़क और रेल जंक्शन वाला शहर है। जोधपुर शहर के कुछ हिस्से 18वीं शताब्दी के परकोटे से घिरे हुए हैं। यह दुर्ग, जिसमें महल और ऐतिहासिक संग्रहालय हैं, एक अलग-थलग, लेकिन ऊँची चट्टान पर बना हुआ है, जो दूर से ही दिखाई देता है। इसके ठीक उत्तर में मारवाड़ की प्राचीन राजधानी मंडौर के चौथी शताब्दी के अवशेष विद्यमान हैं। जोधपुर मारवाड़ों का मुख्‍य वित्तिय राजधानी था, जहाँ राठौड़ वंश ने शासन किया था। जोधपुर थार मरुस्थल के दाहिने छोर पर स्थित है।

पर्यटन स्थल

भारत में राजस्‍थान को मरुस्‍थलों का राजा कहा जाता है। यहाँ अनेक ऐसे स्‍थान हैं जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। इन्‍हीं में से एक है-जोधपुर। 15वीं शदी में निर्मित क़िला और महलें यहाँ आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का प्रमुख केंद्र रहा है। पहाड़ी के शिखर और शहर के अंतिम छोर पर अवस्थित मेहरानगढ़ क़िला मध्‍यकालीन राजशाही का मानो प्रति‍बिंब है।

मेहरानगढ़ क़िला, जोधपुर

मेहरानगढ़ क़िला

  • जोधपुर मेहरानगढ़ क़िला पहाड़ी के बिल्‍कुल ऊपर बसे होने के कारण राजस्थान के सबसे ख़ूबसूरत क़िलों में से एक है।
  • मेहरानगढ़ क़िला 120 मीटर ऊँची एक चट्टान पहाड़ी पर निर्मित है। इस दुर्ग के परकोटे की परिधि 10 किलोमीटर है।
  • दुर्ग के भीतर राजप्रासाद स्थित है। दुर्ग के भीतर सिलहखाना (शस्त्रागार), मोती महल, जवाहरखाना आदि मुख्य इमारतें हैं।
फूलमहल, मेहरानगढ़ क़िला, जोधपुर

जसवंत थाड़ा

  • जसवंत थाड़ा पूरी तरह से मार्बल निर्मित है।
  • जसवंत थाड़ा का निर्माण 1899 में राजा जसवंत सिंह द्वितीय और उनके सैनिकों की याद में किया गया था।

उम्मेद महल

  • मार्बल और बालू का पत्‍थर से बने इस महल का दृश्य पर्यटकों को ख़ासतौर पर लुभाता है।
  • उम्मेद महल के संग्रहालय में पुरातन युग की घडियाँ और पेंटिंग्‍स भी संरक्षित हैं।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

संबंधित लेख