"इब्राहिमशाह शर्की": अवतरणों में अंतर

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*[[मलिक करनफूल मुबारकशाह]] की मृत्यु के बाद 1402 ई. में इब्राहिम 'शम्सुद्दीन इब्राहिमशाह' की उपाधि से गद्दी पर बैठा।
*[[मलिक करनफूल मुबारकशाह]] की मृत्यु के बाद 1402 ई. में इब्राहिम 'शम्सुद्दीन इब्राहिमशाह' की उपाधि से गद्दी पर बैठा।
*राजनीतिक उपलब्धि के क्षेत्र में शून्य रहते हुए भी सांस्कृतिक दृष्टि से उसका समय काफ़ी महत्त्वपूर्ण रहा।
*राजनीतिक उपलब्धि के क्षेत्र में शून्य रहते हुए भी सांस्कृतिक दृष्टि से उसका समय काफ़ी महत्त्वपूर्ण रहा।
*इसके समय में जौनपुर एक महान सांस्कृतिक केन्द्र के रूप में उभरा।
*इसके समय में जौनपुर एक महान् सांस्कृतिक केन्द्र के रूप में उभरा।
*इब्राहिमशाह शर्की [[हिन्दू धर्म]] के प्रति काफ़ी सहिष्णु था, तथा उसने [[हिन्दू|हिन्दुओं]] को संरक्षण भी दिया था।
*इब्राहिमशाह शर्की [[हिन्दू धर्म]] के प्रति काफ़ी सहिष्णु था, तथा उसने [[हिन्दू|हिन्दुओं]] को संरक्षण भी दिया था।
*उसे स्थापत्य कला के क्षेत्र में 'जौनपुर' व 'शर्की शैली' का जन्मदाता माना जाता है।
*उसे स्थापत्य कला के क्षेत्र में 'जौनपुर' व 'शर्की शैली' का जन्मदाता माना जाता है।

14:11, 30 जून 2017 के समय का अवतरण

  • इब्राहिमशाह शर्की जौनपुर के शर्की वंश का सबसे योग्य शासक था।
  • उसने 1402-1440 ई. तक राज्य किया था।
  • मलिक करनफूल मुबारकशाह की मृत्यु के बाद 1402 ई. में इब्राहिम 'शम्सुद्दीन इब्राहिमशाह' की उपाधि से गद्दी पर बैठा।
  • राजनीतिक उपलब्धि के क्षेत्र में शून्य रहते हुए भी सांस्कृतिक दृष्टि से उसका समय काफ़ी महत्त्वपूर्ण रहा।
  • इसके समय में जौनपुर एक महान् सांस्कृतिक केन्द्र के रूप में उभरा।
  • इब्राहिमशाह शर्की हिन्दू धर्म के प्रति काफ़ी सहिष्णु था, तथा उसने हिन्दुओं को संरक्षण भी दिया था।
  • उसे स्थापत्य कला के क्षेत्र में 'जौनपुर' व 'शर्की शैली' का जन्मदाता माना जाता है।
  • लगभग 1440 ई. में इब्राहिमशाह की मृत्यु हो गई।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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