"हरिश्चंद्र पर्वत शृंखला": अवतरणों में अंतर

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*हरिश्चंद्र पर्वत श्रृंखला पश्चिम-मध्य [[भारत]] के पश्चिमी घाट में पूर्व की ओर विस्तृत पहाड़ियाँ है।  
*हरिश्चंद्र पर्वत श्रृंखला पश्चिम-मध्य [[भारत]] के पश्चिमी घाट में पूर्व की ओर विस्तृत पहाड़ियाँ है।  
*हरिश्चंद्र पर्वत श्रृंखला पश्चिमोत्तर दक्कन के पठार में [[गोदावरी नदी|गोदावरी]] और [[भीमा नदी|भीमा नदियों]] के बीच स्थित है।  
*हरिश्चंद्र पर्वत श्रृंखला पश्चिमोत्तर [[दक्कन का पठार|दक्कन के पठार]] में [[गोदावरी नदी|गोदावरी]] और [[भीमा नदी|भीमा नदियों]] के बीच स्थित है।  
*लगभग 600 मीटर की औसत ऊँचाई वाली इसकी चोटियाँ दक्षिण-पूर्व की ओर घटती जाती हैं और [[महाराष्ट्र]] [[राज्य]] का हिस्सा बन जाती है।  
*लगभग 600 मीटर की औसत ऊँचाई वाली इसकी चोटियाँ दक्षिण-पूर्व की ओर घटती जाती हैं और [[महाराष्ट्र]] [[राज्य]] का हिस्सा बन जाती है।  
*बेसॉल्टयुक्त लावा से बनी हरिश्चंद्र पर्वत श्रृंखला की चोटियाँ समतल हैं और पहाड़ियों की ढलान लावा के बहने की दिशा में अपक्षयित होकर सीढ़ीदार हो गई हैं।  
*बेसॉल्टयुक्त लावा से बनी हरिश्चंद्र पर्वत श्रृंखला की चोटियाँ समतल हैं और पहाड़ियों की ढलान लावा के बहने की दिशा में अपक्षयित होकर सीढ़ीदार हो गई हैं।  

10:51, 9 फ़रवरी 2021 के समय का अवतरण

  • हरिश्चंद्र पर्वत श्रृंखला पश्चिम-मध्य भारत के पश्चिमी घाट में पूर्व की ओर विस्तृत पहाड़ियाँ है।
  • हरिश्चंद्र पर्वत श्रृंखला पश्चिमोत्तर दक्कन के पठार में गोदावरी और भीमा नदियों के बीच स्थित है।
  • लगभग 600 मीटर की औसत ऊँचाई वाली इसकी चोटियाँ दक्षिण-पूर्व की ओर घटती जाती हैं और महाराष्ट्र राज्य का हिस्सा बन जाती है।
  • बेसॉल्टयुक्त लावा से बनी हरिश्चंद्र पर्वत श्रृंखला की चोटियाँ समतल हैं और पहाड़ियों की ढलान लावा के बहने की दिशा में अपक्षयित होकर सीढ़ीदार हो गई हैं।
  • हरिश्चंद्र पर्वत श्रृंखला पश्चिमी घाट में मिलने तक ऊँची होती गई हैं। इसकी सबसे ऊंची चोटी हरिश्चंद्रगढ़ के नाम पर ही इस पर्वत श्रृंखला का नामकरण हुआ है।
  • इन पहाड़ों की ढलान पर सागौन[1] सहित इमारती लकड़ी के वन पाए जाते हैं। साथ ही झाड़-झंखाड़ों में बेंत, बांस, ऊँची बेलें और फ़र्न शामिल हैं।
  • अहमदनगर इस क्षेत्र का प्रमुख नगर है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. अंगूर की बेलों से लदे हुए

बाहरी कड़ियाँ

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