"अलवर": अवतरणों में अंतर

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{{सूचना बक्सा पर्यटन
==स्थिति==
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अलवर शहर, पूर्वोत्तर [[राजस्थान]] राज्य के पश्चिमोत्तर [[भारत]] में स्थित है। अलवर का प्राचीन नाम शाल्वपुर था। चारदीवारी और खाई से घिरे इस शहर में एक पर्वतश्रेणी की पृष्ठभूमि के सामने शंक्वाकार पहाड़ पर स्थित 'बाला क़िला' इसकी विशिष्टता है। 1775 में इसे अलवर रजवाड़े की राजधानी बनाया गया था।  
|विवरण=अलवर पूर्वोत्तर [[राजस्थान]] राज्य के पश्चिमोत्तर [[भारत]] में स्थित है।
अरावली पर्वत श्रेणियों की तलहटी में बसा अलवर पूर्वी राजस्थान में 'काश्मीर' नाम से जाना जाता है तथा पर्यटकों के लिए सदैव आकर्षण का केंद्र रहा है। [[दिल्ली]] के निकट होने के कारण यह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र मे शामिल है। दिल्ली से क़रीब 100 मील दूर बसा राजस्थान का 'सिंहद्धार' अलवर ज़िला अपनी प्राकृतिक सुषमा के कारण अन्य ज़िलों से अपना अलग अस्तित्व बनाए हुए है। अलवर अरावली की पहाडियों के मध्य में बसा है। अलवर की सीमायें
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*उत्तर एवं पूर्वोत्तर में [[हरियाणा]] गाँव के [[गुडगाँव]] ज़िले।
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*पूर्व में राजस्थान का [[भरतपुर]] ज़िला।
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*पश्चिम में [[जयपुर]]
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*दक्षिण में यह [[दौसा]] ज़िलों से लगती हैं।  
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*पश्चिमोत्तर में हरियाणा राज्य का [[महेन्द्रगढ़]] ज़िला इससे लगा हुआ है। अलवर ज़िले का मध्य भाग अरावली पहाडियों से घिरा हुआ हैं। अलवर जयपुर से 150 किमी दूर स्थित है।
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'''अलवर''' शहर, पूर्वोत्तर [[राजस्थान]] राज्य के पश्चिमोत्तर [[भारत]] में स्थित है। अलवर का क्षेत्र दक्षिण से उत्तर में लगभग 13 किलोमीटर तथा पूर्व में लगभग 110 किलोमीटर तक फैला हुआ हैं। अलवर का प्राचीन नाम [[शाल्वपुर]] था। चारदीवारी और खाई से घिरे इस शहर में एक पर्वतश्रेणी की पृष्ठभूमि के सामने शंक्वाकार पहाड़ पर स्थित '''बाला क़िला''' इसकी विशिष्टता है। 1775 में इसे अलवर रजवाड़े की राजधानी बनाया गया था।
[[अरावली पर्वतमाला|अरावली पर्वत श्रेणियों]] की तलहटी में बसा अलवर पूर्वी राजस्थान में 'काश्मीर' नाम से जाना जाता है तथा पर्यटकों के लिए सदैव आकर्षण का केंद्र रहा है। [[दिल्ली]] के निकट होने के कारण यह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में शामिल है। दिल्ली से क़रीब 100 मील दूर बसा राजस्थान का 'सिंहद्धार' अलवर ज़िला अपनी प्राकृतिक सुषमा के कारण अन्य ज़िलों से अपना अलग अस्तित्व बनाए हुए है। अलवर अरावली की पहाडियों के मध्य में बसा है। अलवर की सीमायें:-
*उत्तर एवं पूर्वोत्तर में [[हरियाणा]] के [[गुड़गाँव]] से।
*पूर्व में राजस्थान के [[भरतपुर]] से।
[[चित्र:Neemrana-Fort-Palace-Alwar-2.jpg|thumb|250px|left|[[नीमराना फ़ोर्ट पैलेस अलवर|नीमराना फ़ोर्ट पैलेस]], अलवर]]
*पश्चिम में [[जयपुर]] से।
*दक्षिण में यह [[दौसा]] से लगती हैं।  
*पश्चिमोत्तर में हरियाणा राज्य का महेन्द्रगढ़ ज़िला इससे लगा हुआ है। अलवर ज़िले का मध्य भाग अरावली पहाडियों से घिरा हुआ हैं। अलवर जयपुर से 150 किलोमीटर दूर स्थित है।


==इतिहास==
==इतिहास==
किंवदंती के अनुसार महाभारतकालीन राजा [[शाल्व]] ने इसे बसाया था। अलवर शायद शाल्वपुर का अपभ्रंश है। [[महाभारत]] के अनुसार शाल्व ने जो मार्तिकावतक का राजा था तथा सौभ नामक अद्भुत विमान का स्वामी था, द्वारका पर आक्रमण किया था। मार्तिकावतक नगर की स्थिति अलवर के निकट ही मानी जा सकती है।
किंवदंती के अनुसार महाभारतकालीन राजा [[शाल्व]] ने इसे बसाया था। अलवर शायद शाल्वपुर का अपभ्रंश है। [[महाभारत]] के अनुसार शाल्व ने जो मार्तिकावतक का राजा था तथा सौभ नामक अद्भुत विमान का स्वामी था, द्वारका पर आक्रमण किया था। मार्तिकावतक नगर की स्थिति अलवर के निकट ही मानी जा सकती है।


भारतीय संस्कृति का परचम फहराने वाले [[स्वामी विवेकानन्द]] अलवर में पहली बार वर्ष 1891 ई॰ में आए। अलवर आने के बाद अलवर के चिकित्सालय में कार्यरत बंगाली चिकित्सक से उनकी मुलाकत हुई और चिकित्सक ने बाद में उन्हें वर्तमान में मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में स्थित एक कोठरीनुमा कमरे में ठहरने के लिए जगह दी। यहाँ प्रवास के दौरान उनके कम्पनी बाग में उस मिट्टी के टीले पर प्रवचन होते थे जहाँ वर्तमान में [[छत्रपति शिवाजी महाराज|शिवाजी]] की मूर्ति है। इसी दौरान उनकी शहर के कई लोगों से पहचान हो गई थी। इसके बाद वे पैदल चलकर सरिस्का गए। स्वामी विवेकानंद अलवर में दो बार आए थे। पहली बार वे 28 फरवरी 1891 में अलवर आए और पूरे एक महीने तक यहाँ रहे तथा दूसरी बार में 1897 ई॰ में अलवर आए थे। यह यात्रा उन्होंने अमेरिका से वापस लौटने के बाद की थी।
भारतीय [[संस्कृति]] का परचम फहराने वाले [[स्वामी विवेकानन्द]] अलवर में पहली बार वर्ष [[1891]] ई. में आए। अलवर आने के बाद अलवर के चिकित्सालय में कार्यरत बंगाली चिकित्सक से उनकी मुलाकत हुई और चिकित्सक ने बाद में उन्हें वर्तमान में मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में स्थित एक कोठरीनुमा कमरे में ठहरने के लिए जगह दी। यहाँ प्रवास के दौरान उनके कम्पनी बाग़ में उस मिट्टी के टीले पर प्रवचन होते थे जहाँ वर्तमान में [[छत्रपति शिवाजी महाराज|शिवाजी]] की मूर्ति है। इसी दौरान उनकी शहर के कई लोगों से पहचान हो गई थी। इसके बाद वे पैदल चलकर सरिस्का गए। [[स्वामी विवेकानंद]] अलवर में दो बार आए थे। पहली बार वे [[28 फ़रवरी]] 1891 में अलवर आए और पूरे एक महीने तक यहाँ रहे तथा दूसरी बार में 1897 ई. में अलवर आए थे। यह यात्रा उन्होंने [[अमेरिका]] से वापस लौटने के बाद की थी।
 
==कृषि और खनिज==
==कृषि और खनिज==
अलवर एक कृषि विपणन और यातायात केंद्र है। यहाँ वस्त्र निर्माण, तिलहन तथा आटा मिलें एवं पेंट, वार्निश व मिट्टी के बर्तन बनाने के उद्योग स्थित हैं।  
अलवर एक [[कृषि]] विपणन और यातायात केंद्र है। यहाँ वस्त्र निर्माण, तिलहन तथा आटा मिलें एवं पेंट, वार्निश व मिट्टी के बर्तन बनाने के उद्योग स्थित हैं।  
 
==शिक्षण संस्थान==
==शिक्षण संस्थान==
अलवर में राजस्थान विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालय भी हैं।  
अलवर में राजस्थान विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालय भी हैं।
 
==यातायात और परिवहन==
==यातायात और परिवहन==
===रेलमार्ग===
====रेलमार्ग====
उत्तर-पश्चिमी रेलवे के दिल्ली-[[अहमदाबाद]] रेलमार्ग पर स्थित अलवर दिल्ली और जयपुर के लगभग मध्य में पडता है। राष्ट्रीय राजमार्ग नम्बर-8 अलवर ज़िले से होकर ही गुजरता है। सरिस्का से 37 किमी. दूर अलवर के नजदीकी रेलवे स्टेशन है। अलवर देश के प्रमुख रेलवे स्टेशनों से अनेक रेलगाड़ियों के माध्यम से जुड़ा हुआ है।
उत्तर-पश्चिमी रेलवे के दिल्ली-[[अहमदाबाद]] रेलमार्ग पर स्थित अलवर दिल्ली और जयपुर के लगभग मध्य में पडता है। राष्ट्रीय राजमार्ग नम्बर-8 अलवर ज़िले से होकर ही गुजरता है। [[सरिस्का अलवर|सरिस्का]] से 37 किलोमीटर दूर अलवर के नज़दीकी रेलवे स्टेशन है। अलवर देश के प्रमुख रेलवे स्टेशनों से अनेक रेलगाड़ियों के माध्यम से जुड़ा हुआ है।
 
====सड़क मार्ग====
===सड़क मार्ग===
[[सरिस्का अलवर|सरिस्का]] दिल्ली-अलवर-जयपुर हाइवे पर स्थित है। जयपुर से सरिस्का जाने के लिए डीलक्स और नॉन डीलक्स बसों की व्यवस्था है। इसके अलावा दिल्ली और राजस्थान के अन्य शहरों से नियमित हैं। अलवर जयपुर से 143 किलोमीटर और दिल्ली से 164 किलोमीटर दूरी पर स्थित है।
सरिस्का दिल्ली-अलवर-जयपुर हाइवे पर स्थित है। जयपुर से सरिस्का जाने के लिए डीलक्स और नॉन डीलक्स बसों की व्यवस्था है। इसके अलावा दिल्ली और राजस्थान के अन्य शहरों से नियमित हैं।


==जनसंख्या==
==जनसंख्या==
अलवर की कुल जनसंख्या (2001 की गणना के अनुसार) 2,60,245 है। अलवर के कुल ज़िले की जनसंख्या 29,90,862 है।  
अलवर की कुल जनसंख्या ([[2001]] की गणना के अनुसार) 2,60,245 है। अलवर के कुल ज़िले की जनसंख्या 29,90,862 है।  
 
==पर्यटन==
==पर्यटन==
अलवर ऐतिहासिक इमारतों से भरा पड़ा है। अलवर में तरंग सुल्तान ([[फ़िरोज़शाह]] के भाई) का 14वीं शताब्दी में निर्मित मक़बरा और कई प्राचीन मसजिदें स्थित हैं। नयनाभिराम सिलिसर्थ झील के किनारे स्थित महल में एक संग्रहालय है, जिसमें [[हिंदी]], [[संस्कृत]] और [[फ़ारसी]] पांडुलिपियाँ तथा राजस्थानी व [[मुग़ल]] लघु चित्रों का संग्रह रखा गया है। यहाँ के अन्य दर्शनीय स्थलों में प्रसिद्ध सरिस्का बाघ अभयारण्य शामिल है।
{{main|अलवर पर्यटन}}
 
अलवर का [[राजस्थान पर्यटन|राजस्थान के पर्यटन]] स्थलों में बहुत महत्त्वपूर्ण स्थान है। अलवर ऐतिहासिक इमारतों से भरा पड़ा है। नयनाभिराम सिलिसर्थ झील के किनारे स्थित महल में एक संग्रहालय है, जिसमें [[हिन्दी]], [[संस्कृत]] और [[फ़ारसी भाषा|फ़ारसी]] पांडुलिपियाँ तथा राजस्थानी व [[चित्रकला मुग़ल शैली|मुग़ल लघु चित्रों]] का संग्रह रखा गया है।  
*[[सिटी पैलेस अलवर|सिटी पैलेस]]
*[[बाला क़िला अलवर|बाला क़िला]]
*[[फतहगंज का मक़बरा अलवर|फतहगंज का मक़बरा]]
*[[मोती डुंगरी अलवर|मोती डुंगरी]]
*[[सरिस्का अलवर|सरिस्का]]
===झील===
====<u>राजसमन्द झील</u>====
*राजसमन्द झील महाराणा [[राजसिंह]] द्वारा सन् 1669 ई॰ से 1676 ई॰ तक 14 वर्षो में बनवायी गयी चालीस लाख रूपये की लागत की यह [[मेवाड]] की विशालतम झीलों में से एक हैं।
*7 किमी. लम्बी व 3 किमी. चौडी यह झील 55 फीट गहरी हैं।
*राजसमन्द झील की पाल, नौचौकी व इस ख़ूबसूरत झील के पाल पर बनी छतरियों की छतों, स्तम्भों तथा तोरण द्वार पर की गयी मूर्तिकला व नक्काशी देखकर स्वतः ही देलवाडा के [[जैन]] मंदिरों की याद आ जाती है।
*झील के किनारे की सीढियों को हर तरफ से गिनने पर योग 9 ही होता है, इसलिए इसे नौचौकी कहा जाता हैं।
 
====<u>सिलीसेढ़ झील</u>====
यह एक प्राकृतिक झील है तथा यह झील दिल्ली-जयपुर मार्ग पर अलवर से 12 किलोमीटर दूर पश्चिम में स्थित है। यह झील सुंदर है तथा पर्यटन का मुख्य स्थल है।


{{प्रचार}}
{{लेख प्रगति |आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक2 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध=}}
==वीथिका==
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चित्र:Alwar-Palace-7.jpg|अलवर
चित्र:Siliserh-Lake-Alwar.jpg|[[सिलीसेढ़ झील अलवर|सिलीसेढ़ झील]], अलवर
चित्र:Sariska-Alwar.jpg|[[सरिस्का अलवर|सरिस्का बाघ उद्यान]], अलवर
चित्र:Neemrana-Fort-Palace-Alwar-1.jpg|[[नीमराना फ़ोर्ट पैलेस अलवर|नीमराना फ़ोर्ट पैलेस]], अलवर
चित्र:Bharthari.jpg|[[भर्तृहरि|भर्तृहरि का मन्दिर]], अलवर
चित्र:Alwar-5.jpg|अलवर
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==बाहरी कड़ियाँ==
 
*[http://www.alwar.nic.in/homepage.htm अधिकारिक वेबसाइट]
[[Category:पर्यटन कोश]]
*[http://www.archive.org/details/gazetteerofulwur00powliala Gazetteer of Ulwur]
 
==संबंधित लेख==
[[Category:भारत के नगर]]
{{राजस्थान के नगर}}
 
{{राजस्थान  के पर्यटन स्थल}}
[[Category:राजस्थान]]
[[Category:राजस्थान के ऐतिहासिक नगर]]
[[Category:राजस्थान के ऐतिहासिक नगर]]
[[Category:राजस्थान के नगर]]
[[Category:राजस्थान के नगर]]
 
[[Category:भारत के नगर]]
[[Category:राजस्थान के पर्यटन स्थल]]
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__NOTOC__

11:14, 16 जुलाई 2017 के समय का अवतरण

अलवर
विवरण अलवर पूर्वोत्तर राजस्थान राज्य के पश्चिमोत्तर भारत में स्थित है।
राज्य राजस्थान
ज़िला अलवर
निर्माता प्रताप सिंह
भौगोलिक स्थिति उत्तर- 27°20 - पूर्व- 76°23
मार्ग स्थिति अलवर शहर सड़क द्वारा आगरा से 150 किमी, दिल्ली से 164 किमी, सरिस्का से 42 किमी, भरतपुर से 94 किमी, डीग से 61 किमी और जयपुर से 143 किमी दूरी पर स्थित है।
प्रसिद्धि अलवर की कलाकंद मिठाई प्रसिद्ध है।
कब जाएँ अक्टूबर से मार्च
हवाई अड्डा जयपुर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा
रेलवे स्टेशन अलवर जंक्शन
यातायात ऑटो-रिक्शा और टैक्सी
क्या देखें अलवर पर्यटन
कहाँ ठहरें होटल, गेस्ट हाउस
क्या खायें कलाकंद
क्या ख़रीदें लाख की चूड़ियाँ
एस.टी.डी. कोड 0144
ए.टी.एम लगभग सभी
गूगल मानचित्र
भाषा हिन्दी, अंग्रेज़ी और राजस्थानी
अन्य जानकारी स्वामी विवेकानंद अलवर में दो बार आए थे। पहली बार वे 28 फ़रवरी 1891 में अलवर आए और पूरे एक महीने तक यहाँ रहे तथा दूसरी बार में 1897 ई. में अलवर आए थे।
बाहरी कड़ियाँ अधिकारिक वेबसाइट
अद्यतन‎

अलवर शहर, पूर्वोत्तर राजस्थान राज्य के पश्चिमोत्तर भारत में स्थित है। अलवर का क्षेत्र दक्षिण से उत्तर में लगभग 13 किलोमीटर तथा पूर्व में लगभग 110 किलोमीटर तक फैला हुआ हैं। अलवर का प्राचीन नाम शाल्वपुर था। चारदीवारी और खाई से घिरे इस शहर में एक पर्वतश्रेणी की पृष्ठभूमि के सामने शंक्वाकार पहाड़ पर स्थित बाला क़िला इसकी विशिष्टता है। 1775 में इसे अलवर रजवाड़े की राजधानी बनाया गया था।

अरावली पर्वत श्रेणियों की तलहटी में बसा अलवर पूर्वी राजस्थान में 'काश्मीर' नाम से जाना जाता है तथा पर्यटकों के लिए सदैव आकर्षण का केंद्र रहा है। दिल्ली के निकट होने के कारण यह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में शामिल है। दिल्ली से क़रीब 100 मील दूर बसा राजस्थान का 'सिंहद्धार' अलवर ज़िला अपनी प्राकृतिक सुषमा के कारण अन्य ज़िलों से अपना अलग अस्तित्व बनाए हुए है। अलवर अरावली की पहाडियों के मध्य में बसा है। अलवर की सीमायें:-

नीमराना फ़ोर्ट पैलेस, अलवर
  • पश्चिम में जयपुर से।
  • दक्षिण में यह दौसा से लगती हैं।
  • पश्चिमोत्तर में हरियाणा राज्य का महेन्द्रगढ़ ज़िला इससे लगा हुआ है। अलवर ज़िले का मध्य भाग अरावली पहाडियों से घिरा हुआ हैं। अलवर जयपुर से 150 किलोमीटर दूर स्थित है।

इतिहास

किंवदंती के अनुसार महाभारतकालीन राजा शाल्व ने इसे बसाया था। अलवर शायद शाल्वपुर का अपभ्रंश है। महाभारत के अनुसार शाल्व ने जो मार्तिकावतक का राजा था तथा सौभ नामक अद्भुत विमान का स्वामी था, द्वारका पर आक्रमण किया था। मार्तिकावतक नगर की स्थिति अलवर के निकट ही मानी जा सकती है।

भारतीय संस्कृति का परचम फहराने वाले स्वामी विवेकानन्द अलवर में पहली बार वर्ष 1891 ई. में आए। अलवर आने के बाद अलवर के चिकित्सालय में कार्यरत बंगाली चिकित्सक से उनकी मुलाकत हुई और चिकित्सक ने बाद में उन्हें वर्तमान में मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में स्थित एक कोठरीनुमा कमरे में ठहरने के लिए जगह दी। यहाँ प्रवास के दौरान उनके कम्पनी बाग़ में उस मिट्टी के टीले पर प्रवचन होते थे जहाँ वर्तमान में शिवाजी की मूर्ति है। इसी दौरान उनकी शहर के कई लोगों से पहचान हो गई थी। इसके बाद वे पैदल चलकर सरिस्का गए। स्वामी विवेकानंद अलवर में दो बार आए थे। पहली बार वे 28 फ़रवरी 1891 में अलवर आए और पूरे एक महीने तक यहाँ रहे तथा दूसरी बार में 1897 ई. में अलवर आए थे। यह यात्रा उन्होंने अमेरिका से वापस लौटने के बाद की थी।

कृषि और खनिज

अलवर एक कृषि विपणन और यातायात केंद्र है। यहाँ वस्त्र निर्माण, तिलहन तथा आटा मिलें एवं पेंट, वार्निश व मिट्टी के बर्तन बनाने के उद्योग स्थित हैं।

शिक्षण संस्थान

अलवर में राजस्थान विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालय भी हैं।

यातायात और परिवहन

रेलमार्ग

उत्तर-पश्चिमी रेलवे के दिल्ली-अहमदाबाद रेलमार्ग पर स्थित अलवर दिल्ली और जयपुर के लगभग मध्य में पडता है। राष्ट्रीय राजमार्ग नम्बर-8 अलवर ज़िले से होकर ही गुजरता है। सरिस्का से 37 किलोमीटर दूर अलवर के नज़दीकी रेलवे स्टेशन है। अलवर देश के प्रमुख रेलवे स्टेशनों से अनेक रेलगाड़ियों के माध्यम से जुड़ा हुआ है।

सड़क मार्ग

सरिस्का दिल्ली-अलवर-जयपुर हाइवे पर स्थित है। जयपुर से सरिस्का जाने के लिए डीलक्स और नॉन डीलक्स बसों की व्यवस्था है। इसके अलावा दिल्ली और राजस्थान के अन्य शहरों से नियमित हैं। अलवर जयपुर से 143 किलोमीटर और दिल्ली से 164 किलोमीटर दूरी पर स्थित है।

जनसंख्या

अलवर की कुल जनसंख्या (2001 की गणना के अनुसार) 2,60,245 है। अलवर के कुल ज़िले की जनसंख्या 29,90,862 है।

पर्यटन

अलवर का राजस्थान के पर्यटन स्थलों में बहुत महत्त्वपूर्ण स्थान है। अलवर ऐतिहासिक इमारतों से भरा पड़ा है। नयनाभिराम सिलिसर्थ झील के किनारे स्थित महल में एक संग्रहालय है, जिसमें हिन्दी, संस्कृत और फ़ारसी पांडुलिपियाँ तथा राजस्थानी व मुग़ल लघु चित्रों का संग्रह रखा गया है।


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