"जुस्तिन": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
छो (Text replacement - "khoj.bharatdiscovery.org" to "bharatkhoj.org")
 
पंक्ति 2: पंक्ति 2:


*जुस्तिन ने आगुस्तस के समकालीन त्रागस पांपियस द्वारा लिखित प्राचीन काल के [[इतिहास]] का संक्षिप्त रूप प्रस्तुत किया। उस समय तक त्रागस पांपियस का लिखा [[साहित्य]] अप्राप्य था।
*जुस्तिन ने आगुस्तस के समकालीन त्रागस पांपियस द्वारा लिखित प्राचीन काल के [[इतिहास]] का संक्षिप्त रूप प्रस्तुत किया। उस समय तक त्रागस पांपियस का लिखा [[साहित्य]] अप्राप्य था।
*यद्यपि जुस्तिन द्वारा प्रस्तुत प्राचीन इतिहास वैज्ञानिक दृष्टि से पूरा सही नहीं कहा जा सकता तथापि अप्राप्य इतिहास का अकेला साधन होने के कारण इसका यथेष्ट महत्व है। गोल्डिंग द्वारा इसका प्रथम [[अंग्रेज़ी]] अनुवाद 1574 ई. में प्रकाशित हुआ था।<ref>{{cite web |url= http://khoj.bharatdiscovery.org/india/%E0%A4%9C%E0%A5%81%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A4%BF%E0%A4%A8|title= जुस्तिन|accessmonthday= 18 अगस्त|accessyear= 2014|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= भारतखोज|language= हिन्दी}}</ref>
*यद्यपि जुस्तिन द्वारा प्रस्तुत प्राचीन इतिहास वैज्ञानिक दृष्टि से पूरा सही नहीं कहा जा सकता तथापि अप्राप्य इतिहास का अकेला साधन होने के कारण इसका यथेष्ट महत्व है। गोल्डिंग द्वारा इसका प्रथम [[अंग्रेज़ी]] अनुवाद 1574 ई. में प्रकाशित हुआ था।<ref>{{cite web |url= http://bharatkhoj.org/india/%E0%A4%9C%E0%A5%81%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A4%BF%E0%A4%A8|title= जुस्तिन|accessmonthday= 18 अगस्त|accessyear= 2014|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= भारतखोज|language= हिन्दी}}</ref>


{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक= प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक= प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}

12:28, 25 अक्टूबर 2017 के समय का अवतरण

जुस्तिन जस्टिन (मार्कस जस्तिनियनस, जस्तिनस) लातिनी इतिहासकार था। यह रोम में लगभग दूसरी-तीसरी शताब्दी में रहा।

  • जुस्तिन ने आगुस्तस के समकालीन त्रागस पांपियस द्वारा लिखित प्राचीन काल के इतिहास का संक्षिप्त रूप प्रस्तुत किया। उस समय तक त्रागस पांपियस का लिखा साहित्य अप्राप्य था।
  • यद्यपि जुस्तिन द्वारा प्रस्तुत प्राचीन इतिहास वैज्ञानिक दृष्टि से पूरा सही नहीं कहा जा सकता तथापि अप्राप्य इतिहास का अकेला साधन होने के कारण इसका यथेष्ट महत्व है। गोल्डिंग द्वारा इसका प्रथम अंग्रेज़ी अनुवाद 1574 ई. में प्रकाशित हुआ था।[1]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. जुस्तिन (हिन्दी) भारतखोज। अभिगमन तिथि: 18 अगस्त, 2014।

संबंधित लेख