"राम-पद-पदुम पराग परी -तुलसीदास": अवतरणों में अंतर
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निगम अगम मूरति महेस मति जुबति बराय बरी। | निगम अगम मूरति महेस मति जुबति बराय बरी। | ||
सोइ मूरति भइ जानि नयन-पथ इकटकतें न टरी॥3॥ | सोइ मूरति भइ जानि नयन-पथ इकटकतें न टरी॥3॥ | ||
बरनति | बरनति हृदय सरूप सील गुन प्रेम-प्रमोद भरी। | ||
तुलसीदास अस केहि आरतकी आरति प्रभु न हरी॥4॥ | तुलसीदास अस केहि आरतकी आरति प्रभु न हरी॥4॥ | ||
09:57, 24 फ़रवरी 2017 के समय का अवतरण
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राम-पद-पदुम पराग परी। |
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