"उद्भांडपुर": अवतरणों में अंतर
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'''उद्भांडपुर''' वर्तमान ओहिंद, [[पाकिस्तान]] में है। प्राचीन समय में [[उत्तर (दिशा)|उत्तरी]]-[[पश्चिम दिशा|पश्चिमी]] भाग में '[[हिन्दू शाही वंश]]' [[भारत]] का महत्त्वपूर्ण हिन्दू राज्य था। इसकी राजधानी उद्भांडपुर ही थी। यह राज्य [[मुस्लिम]] आक्रमण का प्रथम शिकार हुआ था। | '''उद्भांडपुर''' वर्तमान [[ओहिंद]], [[पाकिस्तान]] में है। प्राचीन समय में [[उत्तर (दिशा)|उत्तरी]]-[[पश्चिम दिशा|पश्चिमी]] भाग में '[[हिन्दू शाही वंश]]' [[भारत]] का महत्त्वपूर्ण हिन्दू राज्य था। इसकी राजधानी उद्भांडपुर ही थी। यह राज्य [[मुस्लिम]] आक्रमण का प्रथम शिकार हुआ था। | ||
*उद्भांडपुर [[सिंधु नदी]] के तट पर स्थित [[अटक]] से 16 मील उत्तर की ओर स्थित है। | *उद्भांडपुर [[सिंधु नदी]] के तट पर स्थित [[अटक]] से 16 मील उत्तर की ओर स्थित है। | ||
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*'[[पाणिनि]]' का जन्म स्थान [[शलातुर]], वर्तमान [[लाहौर]] '''उद्भांडपुर''' से छ:-सात मील उत्तर-पश्चिम की ओर है। | *'[[पाणिनि]]' का जन्म स्थान [[शलातुर]], वर्तमान [[लाहौर]] '''उद्भांडपुर''' से छ:-सात मील उत्तर-पश्चिम की ओर है। | ||
*[[महमूद ग़ज़नवी]] के आक्रमण के समय उद्भांडपुर का शासक [[जयपाल]] था। | *[[महमूद ग़ज़नवी]] के आक्रमण के समय उद्भांडपुर का शासक [[जयपाल]] था। | ||
*' | *'[[राजतरंगिणी]]'<ref>'[[राजतरंगिणी]]' 2, पृ. 337, डॉ. स्टाइन द्वारा संपादित।</ref> में उल्लिखित ''''उदखंड'''', ''''उद्भांग'''' का ही रूपांतरण जान पड़ता है। | ||
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11:18, 22 मई 2018 के समय का अवतरण
उद्भांडपुर वर्तमान ओहिंद, पाकिस्तान में है। प्राचीन समय में उत्तरी-पश्चिमी भाग में 'हिन्दू शाही वंश' भारत का महत्त्वपूर्ण हिन्दू राज्य था। इसकी राजधानी उद्भांडपुर ही थी। यह राज्य मुस्लिम आक्रमण का प्रथम शिकार हुआ था।
- उद्भांडपुर सिंधु नदी के तट पर स्थित अटक से 16 मील उत्तर की ओर स्थित है।
- जब अलक्षेन्द्र ने भारत पर आक्रमण किया, तब उस समय 327 ई. पू. में तक्षशिला नरेश आम्भि ने यवनराज के पास संधि की वार्ता करने के लिए जो दूत भेजा था, वह इसी स्थान पर अलक्षेन्द्र से मिला था।
- सिंधु नदी के तट पर स्थित इस नगर का अलक्षेंद्र के समय के इतिहास-लेखकों ने भी उल्लेख किया है।
- 'पाणिनि' का जन्म स्थान शलातुर, वर्तमान लाहौर उद्भांडपुर से छ:-सात मील उत्तर-पश्चिम की ओर है।
- महमूद ग़ज़नवी के आक्रमण के समय उद्भांडपुर का शासक जयपाल था।
- 'राजतरंगिणी'[1] में उल्लिखित 'उदखंड', 'उद्भांग' का ही रूपांतरण जान पड़ता है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ऐतिहासिक स्थानावली | पृष्ठ संख्या= 96| विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार
- ↑ 'राजतरंगिणी' 2, पृ. 337, डॉ. स्टाइन द्वारा संपादित।