"रवि शंकर (आध्यात्मिक गुरु)": अवतरणों में अंतर
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'''रवि शंकर''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Ravi Shankar'', जन्म- [[13 मई]], [[1951]]) संसार भर में श्रद्धेय एक आध्यात्मिक और मानववादी गुरु हैं। उन्होंने तनावमुक्त एवं हिंसामुक्त समाज की स्थापना के लिए एक अभूतपूर्व विश्वव्यापी आंदोलन चलाया है। विभिन्न कार्यकर्मों और पाठ्यक्रमों, आर्ट ऑफ लिविंग एवं इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर ह्यूमन वैल्यूज सहित संगठनों के एक नेटवर्क तथा 156 देशों से भी अधिक देशों में तेजी से बढ़ रही अपनी उपस्थिति से गुरुदेव रवि शंकर अब तक अनुमानतः 45 करोड़ लोगों तक पहुँच चुके हैं। रवि शंकर ने ऐसे अनोखे एवं प्रभावशाली कार्यक्रमों का विकास किया है, जिन्होंने व्यक्ति को वैश्विक, राष्ट्रीय, सामुदायिक और व्यक्तिगत स्तरों पर चुनौतियों से निपटने के लिए सशक्त , सुसज्जित और परिवर्तित किया है। | {{सूचना बक्सा प्रसिद्ध व्यक्तित्व | ||
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}}'''रवि शंकर''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Ravi Shankar'', जन्म- [[13 मई]], [[1951]]) संसार भर में श्रद्धेय एक आध्यात्मिक और मानववादी गुरु हैं। उन्होंने तनावमुक्त एवं हिंसामुक्त समाज की स्थापना के लिए एक अभूतपूर्व विश्वव्यापी आंदोलन चलाया है। विभिन्न कार्यकर्मों और पाठ्यक्रमों, आर्ट ऑफ लिविंग एवं इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर ह्यूमन वैल्यूज सहित संगठनों के एक नेटवर्क तथा 156 देशों से भी अधिक देशों में तेजी से बढ़ रही अपनी उपस्थिति से गुरुदेव रवि शंकर अब तक अनुमानतः 45 करोड़ लोगों तक पहुँच चुके हैं। रवि शंकर ने ऐसे अनोखे एवं प्रभावशाली कार्यक्रमों का विकास किया है, जिन्होंने व्यक्ति को वैश्विक, राष्ट्रीय, सामुदायिक और व्यक्तिगत स्तरों पर चुनौतियों से निपटने के लिए सशक्त , सुसज्जित और परिवर्तित किया है। | |||
==परिचय== | ==परिचय== | ||
13 मई, 1951 में [[दक्षिणी भारत]] में जन्मे रवि शंकर अत्यंत प्रतिभा सम्पन्न संतान थे। चार साल की उम्र में ही वे भगवद गीता का पाठ करने में सक्षम थे और अक्सर [[ध्यान]] में लीन पाए जाते थे। उनके पास वैदिक साहित्य और भौतिकी दोनों ही डिग्रियां हैं। सन [[1982]] में रवि शंकर भारत के [[कर्नाटक]] राज्य स्थित शिमोगा में दस दिनों के मौन में गए और वहीं पर एक शक्तिशाली श्वास तकनीक 'सुदर्शन क्रिया' का जन्म हुआ। समय के साथ सुदर्शन क्रिया आर्ट ऑफ लिविंग के पाठ्यक्रमों का केंद्र बिंदु बन गयी। | 13 मई, 1951 में [[दक्षिणी भारत]] में जन्मे रवि शंकर अत्यंत प्रतिभा सम्पन्न संतान थे। चार साल की उम्र में ही वे भगवद गीता का पाठ करने में सक्षम थे और अक्सर [[ध्यान]] में लीन पाए जाते थे। उनके पास वैदिक साहित्य और भौतिकी दोनों ही डिग्रियां हैं। सन [[1982]] में रवि शंकर भारत के [[कर्नाटक]] राज्य स्थित शिमोगा में दस दिनों के मौन में गए और वहीं पर एक शक्तिशाली श्वास तकनीक 'सुदर्शन क्रिया' का जन्म हुआ। समय के साथ सुदर्शन क्रिया आर्ट ऑफ लिविंग के पाठ्यक्रमों का केंद्र बिंदु बन गयी।<ref name="pp">{{cite web |url= https://www.srisriravishankar.org/hi/life/biography|title=श्री श्री रवि शंकर जीवनी|accessmonthday=03 मार्च|accessyear=2022 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=srisriravishankar.org |language=हिंदी}}</ref> | ||
==प्रथम संस्था की स्थापना== | ==प्रथम संस्था की स्थापना== | ||
गुरुदेव रवि शंकर ने आर्ट ऑफ़ लिविंग को एक अंतरराष्ट्रीय, गैर-लाभकारी, शैक्षिक और मानववादी संगठन के रूप में स्थापित किया। आर्ट ऑफ लिविंग के शैक्षणिक एवं आत्म-विकास के कार्यक्रम तनाव को समाप्त कर कल्याण की भावना को बढ़ावा देने वाले शक्तिशाली साधन प्रदान करते हैं। केवल किसी विशिष्ट समूह के लिये ही नहीं, बल्कि ये कार्यक्रम विश्व भर में समाज के सभी स्तर के लोगों के लिए प्रभावकारी सिद्ध हुए हैं। | गुरुदेव रवि शंकर ने आर्ट ऑफ़ लिविंग को एक अंतरराष्ट्रीय, गैर-लाभकारी, शैक्षिक और मानववादी संगठन के रूप में स्थापित किया। आर्ट ऑफ लिविंग के शैक्षणिक एवं आत्म-विकास के कार्यक्रम तनाव को समाप्त कर कल्याण की भावना को बढ़ावा देने वाले शक्तिशाली साधन प्रदान करते हैं। केवल किसी विशिष्ट समूह के लिये ही नहीं, बल्कि ये कार्यक्रम विश्व भर में समाज के सभी स्तर के लोगों के लिए प्रभावकारी सिद्ध हुए हैं। | ||
सन [[1997]] में उन्होंने सतत विकास परियोजनाओं के समायोजन, मानवीय मूल्यों के पोषण और संघर्ष के समाधान के लिए आर्ट ऑफ़ लिविंग के साथ ही इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर ह्यूमन वैल्यूज़ की भी स्थापना की। [[भारत]], [[अफ्रीका]] और [[दक्षिण अमेरिका]] में, दो सह-संगठनों के स्वयंसेवक ग्रामीण समुदायों में सतत विकास का नेतृत्व कर रहे हैं, और अब तक 40,212 से भी अधिक गांवों तक पहुँच चुके हैं। | सन [[1997]] में उन्होंने सतत विकास परियोजनाओं के समायोजन, मानवीय मूल्यों के पोषण और संघर्ष के समाधान के लिए आर्ट ऑफ़ लिविंग के साथ ही इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर ह्यूमन वैल्यूज़ की भी स्थापना की। [[भारत]], [[अफ्रीका]] और [[दक्षिण अमेरिका]] में, दो सह-संगठनों के स्वयंसेवक ग्रामीण समुदायों में सतत विकास का नेतृत्व कर रहे हैं, और अब तक 40,212 से भी अधिक गांवों तक पहुँच चुके हैं।<ref name="pp"/> | ||
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==मानद डॉक्टरेट== | |||
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#मार्च 2007 में 'ह्यूमन वैल्यूज़ वीक' के रूप में उनकी यात्रा के सप्ताह की घोषणा करके वाशिंगटन डीसी शहर द्वारा सम्मानित किया गया | |||
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#बाल्टीमोर शहर, कनाडा, 2006 द्वारा मानद नागरिकता | |||
#2006, कनाडा के कैलगरी शहर के मानद नागरिक | |||
#कैलगरी, कनाडा, 2006 की विधान सभा द्वारा शताब्दी 2006 पदक | |||
#2006 में ओंटारियो के ब्राम्पटन शहर द्वारा मानवतावादी पुरस्कार | |||
#ऑर्डर ऑफ़ द पोल स्टार, मंगोलिया, 2006 | |||
#पीटर द ग्रेट फर्स्ट ग्रेड पुरस्कार , रूस, 2006 | |||
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#फीनिक्स पुरस्कार , यूएसए, 2002 | |||
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#येल डिवाइनिटी स्कूल, यूएसए, 1990 के सलाहकार बोर्ड के लिए नामांकित | |||
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07:03, 3 मार्च 2022 के समय का अवतरण
रवि शंकर | एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- रवि शंकर (बहुविकल्पी) |
रवि शंकर (आध्यात्मिक गुरु)
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पूरा नाम | श्री श्री रवि शंकर |
जन्म | 13 मई, 1951 |
जन्म भूमि | पापनाशम, तमिलनाडु |
गुरु | महर्षि महेश योगी |
कर्म भूमि | भारत |
कर्म-क्षेत्र | आध्यात्म |
पुरस्कार-उपाधि | पद्म विभूषण (2016) योग शिरोमणि (योग का सर्वोच्च मणि) पुरस्कार, 1986 |
प्रसिद्धि | आध्यात्मिक और मानववादी गुरु |
नागरिकता | भारतीय |
खिताब | श्री श्री |
अन्य जानकारी | सन 1982 में रवि शंकर भारत के कर्नाटक स्थित शिमोगा में दस दिनों के मौन में गए और वहीं पर एक शक्तिशाली श्वास तकनीक 'सुदर्शन क्रिया' का जन्म हुआ। |
अद्यतन | 12:33, 3 मार्च 2022 (IST)
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रवि शंकर (अंग्रेज़ी: Ravi Shankar, जन्म- 13 मई, 1951) संसार भर में श्रद्धेय एक आध्यात्मिक और मानववादी गुरु हैं। उन्होंने तनावमुक्त एवं हिंसामुक्त समाज की स्थापना के लिए एक अभूतपूर्व विश्वव्यापी आंदोलन चलाया है। विभिन्न कार्यकर्मों और पाठ्यक्रमों, आर्ट ऑफ लिविंग एवं इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर ह्यूमन वैल्यूज सहित संगठनों के एक नेटवर्क तथा 156 देशों से भी अधिक देशों में तेजी से बढ़ रही अपनी उपस्थिति से गुरुदेव रवि शंकर अब तक अनुमानतः 45 करोड़ लोगों तक पहुँच चुके हैं। रवि शंकर ने ऐसे अनोखे एवं प्रभावशाली कार्यक्रमों का विकास किया है, जिन्होंने व्यक्ति को वैश्विक, राष्ट्रीय, सामुदायिक और व्यक्तिगत स्तरों पर चुनौतियों से निपटने के लिए सशक्त , सुसज्जित और परिवर्तित किया है।
परिचय
13 मई, 1951 में दक्षिणी भारत में जन्मे रवि शंकर अत्यंत प्रतिभा सम्पन्न संतान थे। चार साल की उम्र में ही वे भगवद गीता का पाठ करने में सक्षम थे और अक्सर ध्यान में लीन पाए जाते थे। उनके पास वैदिक साहित्य और भौतिकी दोनों ही डिग्रियां हैं। सन 1982 में रवि शंकर भारत के कर्नाटक राज्य स्थित शिमोगा में दस दिनों के मौन में गए और वहीं पर एक शक्तिशाली श्वास तकनीक 'सुदर्शन क्रिया' का जन्म हुआ। समय के साथ सुदर्शन क्रिया आर्ट ऑफ लिविंग के पाठ्यक्रमों का केंद्र बिंदु बन गयी।[1]
प्रथम संस्था की स्थापना
गुरुदेव रवि शंकर ने आर्ट ऑफ़ लिविंग को एक अंतरराष्ट्रीय, गैर-लाभकारी, शैक्षिक और मानववादी संगठन के रूप में स्थापित किया। आर्ट ऑफ लिविंग के शैक्षणिक एवं आत्म-विकास के कार्यक्रम तनाव को समाप्त कर कल्याण की भावना को बढ़ावा देने वाले शक्तिशाली साधन प्रदान करते हैं। केवल किसी विशिष्ट समूह के लिये ही नहीं, बल्कि ये कार्यक्रम विश्व भर में समाज के सभी स्तर के लोगों के लिए प्रभावकारी सिद्ध हुए हैं।
सन 1997 में उन्होंने सतत विकास परियोजनाओं के समायोजन, मानवीय मूल्यों के पोषण और संघर्ष के समाधान के लिए आर्ट ऑफ़ लिविंग के साथ ही इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर ह्यूमन वैल्यूज़ की भी स्थापना की। भारत, अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका में, दो सह-संगठनों के स्वयंसेवक ग्रामीण समुदायों में सतत विकास का नेतृत्व कर रहे हैं, और अब तक 40,212 से भी अधिक गांवों तक पहुँच चुके हैं।[1]
सम्मान व पुरस्कार
दुनिया भर के कई देशों ने गुरुदेव रवि शंकर को सम्मानित किया है। कुछ देशों में शामिल हैं[2]-
- भारत : पद्म विभूषण, भारत के सर्वोच्च वार्षिक नागरिक पुरस्कारों में से एक , 26 मार्च, 2016
- पेरू : नेशनल कांग्रेस ऑफ़ पेरू, लीमा द्वारा, ‘डिप्लोमा डे ऑनर’, 30 जून, 2015
- कोलंबिया : सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, 'ऑर्डन डे ला डेमोक्रेसीया सिमोन बोलिवर', बोगोटा, कोलंबिया, 24 जून, 2015
- पैराग्वे : 'नेशनल ऑर्डर ऑफ मेरिटो डी कोमुनरोस', सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, पैराग्वे, 13 सितंबर, 2012
- मंगोलिया : ऑर्डर ऑफ़ द पोल स्टार, 2006, सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, 2006
- भारत : 1986 में भारत के राष्ट्रपति द्वारा योग शिरोमणि (योग का सर्वोच्च मणि) पुरस्कार
- कनाडा : ब्रांप्टन शहर, ओंटारियो, 2006 द्वारा मानवतावादी पुरस्कार
- रूस : 1 जुलाई, 2011 को रूस के राष्ट्रीय सुरक्षा अकादमी द्वारा विश्व मानव पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
मानद डॉक्टरेट
रवि शंकर जी ने दुनिया भर के विश्वविद्यालयों से 16 डॉक्टरेट प्राप्त किए हैं[2]-
- भारत: शारदा विश्वविद्यालय, दिल्ली, 4 मार्च, 2017 को डॉक्टरेट की मानद उपाधि
- भारत: डॉक्टरेट ऑफ लिटरेचर (ऑनोरिस कॉसा), उत्कल विश्वविद्यालय, उड़ीसा, 25 अप्रैल 2013
- पैराग्वे: डॉक्टरेट ऑनोरिस कॉसा, यूनिवर्सिडोन ऑटोनोमा डी असुनियन ऑफ़ पैराग्वे, 13 सितंबर 2012
- अर्जेंटीना: ब्यूनस आयर्स विश्वविद्यालय से 6 सितंबर 2012 को डिप्लोमा ऑफ ऑनर
- नीदरलैंड: मानद डॉक्टरेट, न्येनरोड विश्वविद्यालय, नीदरलैंड, 15 जून 2012
- हंगरी: प्रोफेसर ऑनोरिस कॉसा, ज़ेंट इस्तवान विश्वविद्यालय, बुडापेस्ट, 24 जून, 2009
दुनिया भर में सरकारों द्वारा दिए गए सम्मान
- पद्म विभूषण - भारत के सर्वोच्च वार्षिक नागरिक पुरस्कारों में से एक , 26 मार्च, 2016[2]
- 30 जून, 2015 को पेरू, लीमा म्युनिसिपलिटी द्वारा मानवतावादी पुरस्कार
- "मेडला डे ला इंटेग्रैकियन एन एल गादो डे ग्रानिकल", एंडियन पार्लियामेंट, लीमा, पेरू, 30 जून, 2015
- 30 जून, 2015 को लीमा में पेरू की राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा "डिप्लोमा डे ऑनर"
- कैलिफोर्निया विधान सभा, यूएसए से मान्यता का प्रमाण पत्र, 30 जून 2014
- 15 सितंबर, 2012 को पेरू, लीमा के मेयर द्वारा 'मोस्ट इलस्ट्रेटेड गेस्ट पुरस्कार ' से सम्मानित किया गया
- सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार 'नेशनल ऑर्डर ऑफ मेरिटो डी कोमुनरोस, पैराग्वे, 13 सितंबर 2012
- परागुआयन नगर पालिका द्वारा शानदार नागरिक, 12 सितंबर 2012
- 12 सितंबर 2012 को पराग्वे के असुनसियन शहर का शानदार अतिथि
- रियो में तिरेडेंट्स पदक, रियो डी जनेरियो राज्य, 3 सितंबर, 2012 से सर्वोच्च सम्मान
- विश्व चेतना पुरस्कार, भारत, 19 दिसंबर, 2011
- ह्यूमन ऑफ द वर्ल्ड पुरस्कार , (रूस की राष्ट्रीय सुरक्षा अकादमी द्वारा दिया गया), रूस, 1 जुलाई, 2011
- फीनिक्स पुरस्कार , अटलांटा, यूएसए, 2008
- मानद नागरिकता और सद्भावना राजदूत, ह्यूस्टन, यूएसए, 2008
- प्ररोकेलेमेशन ऑफ़ कॉमेंडेशन, 2008, न्यू जर्सी
- आर्किटेक्ट ऑफ वर्ल्ड पीस पुरस्कार , भारत, 2008
- 'लाइट ऑफ ईस्ट' नेशनल पुरस्कार , भारत, 2008
- सहस्राब्दी विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में उनके योगदान के लिए संयुक्त राष्ट्र सहस्राब्दी अभियान द्वारा सम्मानित, 2007
- मार्च 2007 में 'ह्यूमन वैल्यूज़ वीक' के रूप में उनकी यात्रा के सप्ताह की घोषणा करके वाशिंगटन डीसी शहर द्वारा सम्मानित किया गया
- एमिटी यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली, 2007 द्वारा विश्व शांति और सद्भाव के असाधारण संवर्धन के लिए नेतृत्व पुरस्कार
- बाल्टीमोर शहर, कनाडा, 2006 द्वारा मानद नागरिकता
- 2006, कनाडा के कैलगरी शहर के मानद नागरिक
- कैलगरी, कनाडा, 2006 की विधान सभा द्वारा शताब्दी 2006 पदक
- 2006 में ओंटारियो के ब्राम्पटन शहर द्वारा मानवतावादी पुरस्कार
- ऑर्डर ऑफ़ द पोल स्टार, मंगोलिया, 2006
- पीटर द ग्रेट फर्स्ट ग्रेड पुरस्कार , रूस, 2006
- मंगोलियाई प्रधान मंत्री पुरस्कार, मंगोलिया, 2006
- संयुक्त राष्ट्र सहस्राब्दी अभियान द्वारा सम्मानित, 2007
- ग्लोबल ह्यूमैनिटेरियन पुरस्कार , इलिनोइस, यूएसए, 2005
- भारत शिरोमणि पुरस्कार, नई दिल्ली, भारत, 2004
- द इलस्ट्रेटेड विजिटर्स पुरस्कार , ब्यूनस आयर्स, अर्जेंटीना, 2004
- फीनिक्स पुरस्कार , यूएसए, 2002
- 1997, महाराष्ट्र सरकार द्वारा गुरु महात्म्य पुरस्कार
- येल डिवाइनिटी स्कूल, यूएसए, 1990 के सलाहकार बोर्ड के लिए नामांकित
- 1986 के भारत के राष्ट्रपति द्वारा योग शिरोमणि (योग का सर्वोच्च मणि) सम्मान
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 श्री श्री रवि शंकर जीवनी (हिंदी) srisriravishankar.org। अभिगमन तिथि: 03 मार्च, 2022।
- ↑ 2.0 2.1 2.2 पुरस्कार और सम्मान: श्री श्री रवि शंकर (हिंदी) artofliving.org। अभिगमन तिथि: 03 मार्च, 2022।