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'''कनक रेले''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Kanak Rele'', जन्म- [[11 जून]], [[1937]]; मृत्यु- [[22 फ़रवरी]], [[2023]]) प्रसिद्ध भारतीय शास्त्रीय नर्तक, कोरियोग्राफर और शिक्षाविद थीं। उन्हें [[मोहिनीअट्टम]] के प्रतिपादक के रूप में जाना जाता है। कनक रेले [[मुंबई]] में नालंदा नृत्य अनुसंधान केंद्र की संस्थापक-निदेशक और नालंदा नृत्य कला महाविद्यालय की संस्थापक प्रधानाचार्य थीं। [[भारत सरकार]] ने उन्हें [[1990]] में [[पद्म श्री]] और [[2013]] में [[पद्म भूषण]] से सम्मानित किया था। अपने आठ दशक लंबे कॅरियर में शास्त्रीय नृत्य को नई ऊंचाइयों तक ले जाने वाली प्रसिद्ध मोहिनीअट्टम नृत्यांगना कनक रेले को उनके [[परिवार]] और दोस्तों ने एक ‘अच्छे दिल वाली महिला’ के रूप में हमेशा याद किया है।  
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==परिचय==
==परिचय==
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11 जून, 1937 को [[गुजरात]] में जन्मीं कनक रेले ने कम उम्र में ही नृत्य में अपना कॅरियर शुरू कर दिया था। [[कथकली]] के पुरुष प्रधान क्षेत्र में अपनी रुचि के साथ कनक रेले ने अपनी एक अलग जगह बनाई थी। अपनी कड़ी मेहनत और हुनर के दम पर कनक रेले ने फ़िल्म इंडस्ट्री में भी खूब नाम कमाया।  


डॉ. कनक रेले [[केरल]] के मशहूर मोहिनीअट्टयम डांस में पारंगत थी। उन्हें मोहिनीअट्टयम डांस से ही देश और दुनिया में पहचान मिली थी। उन्हें क्लासिक डांस के क्षेत्र में अपने नृत्य से नई जान फूंकी थी। उन्हें क्लासिकल डांस में क्रांति लाने का श्रेय दिया जाता है। एक क्लासिकल डांसर होने के साथ-साथ कनक रेले एक बेहतरीन कोरियोग्राफर भी थीं। वह नृत्य के साथ अपने चेहरे के एक्सप्रेशन से ही दर्शकों का दिल जीतती आई थीं। यही वजह थी कि वह देश में मोहिनीअट्टयम की नंबर वन नृत्यांगना थीं।
डॉ. कनक रेले [[केरल]] के मशहूर मोहिनीअट्टम डांस में पारंगत थी। उन्हें मोहिनीअट्टम डांस से ही देश और दुनिया में पहचान मिली थी। उन्हें क्लासिक डांस के क्षेत्र में अपने नृत्य से नई जान फूंकी थी। उन्हें क्लासिकल डांस में क्रांति लाने का श्रेय दिया जाता है। एक क्लासिकल डांसर होने के साथ-साथ कनक रेले एक बेहतरीन कोरियोग्राफर भी थीं। वह नृत्य के साथ अपने चेहरे के एक्सप्रेशन से ही दर्शकों का दिल जीतती आई थीं। यही वजह थी कि वह देश में मोहिनीअट्टम की नंबर वन नृत्यांगना थीं।
==सम्मान व पुरस्कार==
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*गुजरात सरकार द्वारा गौरव पुरस्कार, 1989
*गुजरात सरकार द्वारा गौरव पुरस्कार, 1989
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10:04, 31 जुलाई 2023 के समय का अवतरण

कनक रेले
कनक रेले
कनक रेले
पूरा नाम डॉ. कनक रेले
प्रसिद्ध नाम कनक रेले
जन्म 11 जून, 1937
जन्म भूमि गुजरात
मृत्यु 22 फ़रवरी, 2023
मृत्यु स्थान मुम्बई, महाराष्ट्र
पति/पत्नी यतींद्र रेले
संतान राहुल
कर्म भूमि भारत
कर्म-क्षेत्र शास्त्रीय नृत्य
पुरस्कार-उपाधि *पद्म श्री, 1990
  • कालिदास सम्मान, 2006
  • संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार
  • पद्म भूषण, 2013
प्रसिद्धि मोहिनीअट्टम नृत्यांगना
नागरिकता भारतीय
अन्य जानकारी डॉ. कनक रेले केरल के मशहूर मोहिनीअट्टम में पारंगत थी। उन्हें मोहिनीअट्टम से ही देश और दुनिया में पहचान मिली थी। उन्हें क्लासिक डांस के क्षेत्र में अपने नृत्य से नई जान फूंकी थी।

कनक रेले (अंग्रेज़ी: Kanak Rele, जन्म- 11 जून, 1937; मृत्यु- 22 फ़रवरी, 2023) प्रसिद्ध भारतीय शास्त्रीय नर्तक, कोरियोग्राफर और शिक्षाविद थीं। उन्हें मोहिनीअट्टम के प्रतिपादक के रूप में जाना जाता है। कनक रेले मुंबई में नालंदा नृत्य अनुसंधान केंद्र की संस्थापक-निदेशक और नालंदा नृत्य कला महाविद्यालय की संस्थापक प्रधानाचार्य थीं। भारत सरकार ने उन्हें 1990 में पद्म श्री और 2013 में पद्म भूषण से सम्मानित किया था। अपने आठ दशक लंबे कॅरियर में शास्त्रीय नृत्य को नई ऊंचाइयों तक ले जाने वाली प्रसिद्ध मोहिनीअट्टम नृत्यांगना कनक रेले को उनके परिवार और दोस्तों ने एक ‘अच्छे दिल वाली महिला’ के रूप में हमेशा याद किया है।

परिचय

11 जून, 1937 को गुजरात में जन्मीं कनक रेले ने कम उम्र में ही नृत्य में अपना कॅरियर शुरू कर दिया था। कथकली के पुरुष प्रधान क्षेत्र में अपनी रुचि के साथ कनक रेले ने अपनी एक अलग जगह बनाई थी। अपनी कड़ी मेहनत और हुनर के दम पर कनक रेले ने फ़िल्म इंडस्ट्री में भी खूब नाम कमाया।

डॉ. कनक रेले केरल के मशहूर मोहिनीअट्टम डांस में पारंगत थी। उन्हें मोहिनीअट्टम डांस से ही देश और दुनिया में पहचान मिली थी। उन्हें क्लासिक डांस के क्षेत्र में अपने नृत्य से नई जान फूंकी थी। उन्हें क्लासिकल डांस में क्रांति लाने का श्रेय दिया जाता है। एक क्लासिकल डांसर होने के साथ-साथ कनक रेले एक बेहतरीन कोरियोग्राफर भी थीं। वह नृत्य के साथ अपने चेहरे के एक्सप्रेशन से ही दर्शकों का दिल जीतती आई थीं। यही वजह थी कि वह देश में मोहिनीअट्टम की नंबर वन नृत्यांगना थीं।

सम्मान व पुरस्कार

  • गुजरात सरकार द्वारा गौरव पुरस्कार, 1989
  • पद्म श्री, 1990
  • कालिदास सम्मान, 2006
  • संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार
  • एमएस सुब्बुलक्ष्मी पुरस्कार
  • पद्म भूषण, 2013

मृत्यु

नृत्यांगना कनक रेले का निधन 22 फ़रवरी, 2023 को मुम्बई, महाराष्ट्र में हुआ। उनका निधन कार्डियक अरेस्ट के कारण हुआ। कनक रेले ने 85 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। वह काफी समय से बीमार चल रही थीं, जिसके कारण उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल में सुबह करीब साढ़े सात बजे कनक रेले ने अंतिम सांस ली। उनके परिवार में उनके पति यतींद्र रेले, बेटा राहुल और बहू उमा हैं।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

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