"पुष्यभूति वंश": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
No edit summary |
No edit summary |
||
पंक्ति 17: | पंक्ति 17: | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> | ||
==संबंधित लेख== | |||
{{भारत के राजवंश}} | {{भारत के राजवंश}} | ||
[[Category:इतिहास कोश]] | [[Category:इतिहास कोश]] | ||
[[Category:भारत के राजवंश]] | [[Category:भारत के राजवंश]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
06:38, 10 मार्च 2011 का अवतरण
- गुप्त वंश के पतन के बाद हरियाणा के अम्बाला ज़िले के थानेश्वर नामक स्थान पर पुष्यभूति वंश की स्थापना हुई।
- यह वंश हूणों के साथ हुए अपने संघर्ष के कारण प्रसिद्ध हुआ।
- संभवतः प्रभाकरवर्धन इस वंश का चौथा शासक था। इसके विषय में जानकारी हर्षचरित से मिलती है।
- प्रभाकर वर्धन दो पुत्रों राज्यवर्धन और हर्षवर्धन एवं एक पुत्री राज्यश्री का पिता था।
- पुत्री राज्यश्री का विवाह प्रभाकर वर्धन ने मौखरि वंश के गुहवर्मन से किया था।
- पिता की मृत्यु के बाद राज्यवर्धन सिंहासनारूढ़ हुआ, पर शीघ्र ही उसे मालवा के खिलाफ अभियान के लिए जाना पड़ा।
- अभियान की सफलता के उपरान्त लौटते हुए मार्ग में गौड़ वंश के शशांक ने राज्यवर्धन की हत्या कर दी।
|
|
|
|
|