"अकबर द्वितीय": अवतरणों में अंतर
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'''अकबर द्वितीय''' [[मुग़ल वंश]] का 18वाँ बादशाह था। वह [[शाहआलम द्वितीय]] का पुत्र था और उसने 1806-1837 ई. तक राज किया। उसके समय तक [[भारत]] का अधिकांश राज्य [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] के हाथों में चला गया था और 1803 ई. में [[दिल्ली]] पर भी उनका क़ब्ज़ा हो गया। | |||
*बादशाह शाहआलम द्वितीय (1769-1806 ई.) अपने जीवन के अन्तिम दिनों में [[ईस्ट इंडिया कम्पनी]] की पेंशन पर जीवन यापन करता था। | |||
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*उसका पुत्र बादशाह अकबर द्वितीय ईस्ट इंडिया कम्पनी की कृपा के सहारे नाम मात्र का ही बादशाह था। | *उसका पुत्र बादशाह अकबर द्वितीय ईस्ट इंडिया कम्पनी की कृपा के सहारे नाम मात्र का ही बादशाह था। | ||
*अकबर द्वितीय से गवर्नर जनरल [[लॉर्ड हेस्टिंग्स]] (1813- | *अकबर द्वितीय से [[गवर्नर-जनरल]] [[लॉर्ड हेस्टिंग्स]] (1813-1823) की ओर से कहा गया कि वह कम्पनी के क्षेत्र पर अपनी बादशाहत का दावा छोड़ दे। | ||
*लॉर्ड हेस्टिंग्स ने ईस्ट इंडिया कम्पनी की ओर से [[मुग़ल]] बादशाह को दी जाने वाली सहायता आदि की नज़रबन्दी कर दी। | *लॉर्ड हेस्टिंग्स ने ईस्ट इंडिया कम्पनी की ओर से [[मुग़ल]] बादशाह को दी जाने वाली सहायता आदि की भी नज़रबन्दी कर दी। | ||
*अकबर द्वितीय का लड़का और उसका उत्तराधिकारी बादशाह [[बहादुरशाह द्वितीय]] (1837- | *इस पर अकबर द्वितीय ने [[राजा राममोहन राय|राममोहन राय]] को 'राजा' की उपाधि प्रदान की तथा उनसे [[इंग्लैंण्ड]] जाकर बादशाह की पेंशन बढ़ाने की सिफ़ारिश करने का आग्रह किया। | ||
*अकबर द्वितीय का लड़का और उसका उत्तराधिकारी बादशाह [[बहादुरशाह द्वितीय]] (1837-1858 ई.) [[भारत]] का अन्तिम [[मुग़ल]] बादशाह था। | |||
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06:35, 27 अप्रैल 2012 का अवतरण
अकबर द्वितीय मुग़ल वंश का 18वाँ बादशाह था। वह शाहआलम द्वितीय का पुत्र था और उसने 1806-1837 ई. तक राज किया। उसके समय तक भारत का अधिकांश राज्य अंग्रेज़ों के हाथों में चला गया था और 1803 ई. में दिल्ली पर भी उनका क़ब्ज़ा हो गया।
- बादशाह शाहआलम द्वितीय (1769-1806 ई.) अपने जीवन के अन्तिम दिनों में ईस्ट इंडिया कम्पनी की पेंशन पर जीवन यापन करता था।
- उसका पुत्र बादशाह अकबर द्वितीय ईस्ट इंडिया कम्पनी की कृपा के सहारे नाम मात्र का ही बादशाह था।
- अकबर द्वितीय से गवर्नर-जनरल लॉर्ड हेस्टिंग्स (1813-1823) की ओर से कहा गया कि वह कम्पनी के क्षेत्र पर अपनी बादशाहत का दावा छोड़ दे।
- लॉर्ड हेस्टिंग्स ने ईस्ट इंडिया कम्पनी की ओर से मुग़ल बादशाह को दी जाने वाली सहायता आदि की भी नज़रबन्दी कर दी।
- इस पर अकबर द्वितीय ने राममोहन राय को 'राजा' की उपाधि प्रदान की तथा उनसे इंग्लैंण्ड जाकर बादशाह की पेंशन बढ़ाने की सिफ़ारिश करने का आग्रह किया।
- अकबर द्वितीय का लड़का और उसका उत्तराधिकारी बादशाह बहादुरशाह द्वितीय (1837-1858 ई.) भारत का अन्तिम मुग़ल बादशाह था।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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