"दु:ख -वैशेषिक दर्शन": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
No edit summary |
No edit summary |
||
पंक्ति 8: | पंक्ति 8: | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{ द्रव्य -वैशेषिक दर्शन}} | |||
{{दर्शन शास्त्र}} {{वैशेषिक दर्शन2}} | |||
{{वैशेषिक दर्शन}} | |||
[[Category:वैशेषिक दर्शन]] | [[Category:वैशेषिक दर्शन]] | ||
[[Category:दर्शन कोश]] | [[Category:दर्शन कोश]] |
07:40, 20 अगस्त 2011 का अवतरण
महर्षि कणाद ने वैशेषिकसूत्र में द्रव्य, गुण, कर्म, सामान्य, विशेष और समवाय नामक छ: पदार्थों का निर्देश किया और प्रशस्तपाद प्रभृति भाष्यकारों ने प्राय: कणाद के मन्तव्य का अनुसरण करते हुए पदार्थों का विश्लेषण किया।
दु:ख का स्वरूप
गुणों में दु:ख की भी गणना की गई है। दु:ख साधारण: पीड़ा को कहते हैं, जिसको सामान्यत: कोई भी नहीं चाहता। न्यासूत्र में दु:ख की गणना बारह प्रमेयों में की गई है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख