"धार मैं धाय धँसी निरधार -देव": अवतरणों में अंतर
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धार मैँ धाय धँसी निरधार ह्वै जाय फँसी उकसी न अँधेरी । | धार मैँ धाय धँसी निरधार ह्वै जाय फँसी उकसी न अँधेरी । | ||
री अँगराय गिरी गहिरी गहि फेरे फिरीँ न घिरीँ | री अँगराय गिरी गहिरी गहि फेरे फिरीँ न घिरीँ नहीं घेरी । | ||
देव कछू अपनो बसु ना रस लालच लाल चितै भईँ चेरी । | देव कछू अपनो बसु ना रस लालच लाल चितै भईँ चेरी । | ||
बेगि ही बूड़ि गई पँखियाँ अँखियाँ मधु की मखियाँ भई मेरी । | बेगि ही बूड़ि गई पँखियाँ अँखियाँ मधु की मखियाँ भई मेरी । |
13:24, 21 जनवरी 2012 का अवतरण
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धार मैँ धाय धँसी निरधार ह्वै जाय फँसी उकसी न अँधेरी । |
टीका टिप्पणी और संदर्भसंबंधित लेख |