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*अलाउद्दीन आलमशाह को अपने वज़ीर हमीद ख़ाँ से अनबन होने के कारण दिल्ली छोड़कर [[बदायूँ]] में शरण लेनी पड़ी थी। | *अलाउद्दीन आलमशाह को अपने वज़ीर हमीद ख़ाँ से अनबन होने के कारण दिल्ली छोड़कर [[बदायूँ]] में शरण लेनी पड़ी थी। |
08:30, 17 अगस्त 2013 के समय का अवतरण
हमीद ख़ाँ सैयद वंश के अंतिम सुल्तान अलाउद्दीन आलमशाह (1445-1451 ई.) का दीवान था। बहलोल लोदी को दिल्ली की गद्दी पर अधिकार करने में हमीद ख़ाँ ने उसकी मदद की थी।
- अलाउद्दीन आलमशाह को अपने वज़ीर हमीद ख़ाँ से अनबन होने के कारण दिल्ली छोड़कर बदायूँ में शरण लेनी पड़ी थी।
- हमीद ख़ाँ ने बाद के समय में बहलोल लोदी को दिल्ली आमंत्रित किया।
- दिल्ली की गद्दी प्राप्त कर लेने के बाद बहलोल ने हमीद ख़ाँ को जेल में डलवा दिया, जिससे वह नये सुल्तान के मार्ग का काँटा न बन सके।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ भारतीय इतिहास कोश |लेखक: सच्चिदानन्द भट्टाचार्य |प्रकाशक: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान |पृष्ठ संख्या: 490 |