"रामलला नहछू -तुलसीदास": अवतरणों में अंतर
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चंद्रबदनि मृगलोचनि सब रसखानिहि हो।। | चंद्रबदनि मृगलोचनि सब रसखानिहि हो।। | ||
नैन विसाल नउनियाँ भौं चमकावइ हो। | नैन विसाल नउनियाँ भौं चमकावइ हो। | ||
देइ गारी रनिवासहि प्रमुदित गावइ हो | देइ गारी रनिवासहि प्रमुदित गावइ हो ।।8।। | ||
कौसल्या की जेठि दीन्ह अनुसासन हो। | कौसल्या की जेठि दीन्ह अनुसासन हो। | ||
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रामलला सकुचाहिं देखि महतारी हो।। | रामलला सकुचाहिं देखि महतारी हो।। | ||
हिलिमिलि करत सवाँग सभा रसकेलि हो। | हिलिमिलि करत सवाँग सभा रसकेलि हो। | ||
नाउनि मन हरषाइ सुगंधन मेलि हो | नाउनि मन हरषाइ सुगंधन मेलि हो ।।18।। | ||
दूलह कै महतारि देखि मन हरषइ हो। | दूलह कै महतारि देखि मन हरषइ हो। |
11:36, 1 नवम्बर 2014 का अवतरण
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आदि सारदा गनपति गौरि मनाइय हो। |
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