"दुर्लभक": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
('(632 से 682ई.) *दुर्लभक दुर्लभ वर्धन का पुत्र एवं उत्तरा...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
No edit summary |
||
पंक्ति 22: | पंक्ति 22: | ||
<references/> | <references/> | ||
==सम्बंधित कडियाँ== | ==सम्बंधित कडियाँ== | ||
{{कर्कोटक वंश}} | |||
{{भारत के राजवंश}} | {{भारत के राजवंश}} | ||
[[Category:नया पन्ना]] | [[Category:नया पन्ना]] | ||
[[Category:इतिहास_कोश]] | [[Category:इतिहास_कोश]] | ||
[[Category:भारत_के_राजवंश]] | [[Category:भारत_के_राजवंश]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
03:42, 21 अक्टूबर 2010 का अवतरण
(632 से 682ई.)
- दुर्लभक दुर्लभ वर्धन का पुत्र एवं उत्तराधिकारी था।
- इसके अनेक सिक्के प्राप्त हुए हैं।
- इन पर इसे 'श्रीप्रताप' कहा गया है।
- उसने प्रतापुर नगर बसाया था।
- उसने 'प्रतापादित्य' की उपाधि धारण की सिंहासन ग्रहण किया।
- 'प्रतापपुर नगर' की स्थापना दुर्लभक द्वारा की गयी।
- उसके तीन पुत्रों का क्रम इस प्रकार था -
- चन्द्रपीड, तारापीड एवं मुक्तापीड अथवा ब्रजादित्य,
- उदयादित्य, एवं
- ललितादित्य।
- इन तीनों तारापीड को कल्हण ने क्रूर शासक बताया है।
|
|
|
|
|