"विग्रहराज चतुर्थ बीसलदेव": अवतरणों में अंतर
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*इसने अपने पराक्रम से शाकंभरी चौहानों को उत्तर भारत में एक | *इसने अपने पराक्रम से शाकंभरी चौहानों को उत्तर भारत में एक महत्त्वपूर्ण शक्ति बनाया। | ||
*विग्रहराज चतुर्थ वीसलदेव महान कवि एवं लेखक भी था। | *विग्रहराज चतुर्थ वीसलदेव महान कवि एवं लेखक भी था। | ||
*उसने 'हरिकेल' जैसे नाटकों की रचना की। | *उसने 'हरिकेल' जैसे नाटकों की रचना की। |
13:51, 4 जनवरी 2011 का अवतरण
- विग्रहराज ने चालुक्य नरेश कुमार पाल को परास्त किया।
- दिल्ली पर अधिकार कर उसने हांसी को जीता।
- उसके राज्य की सीमा पंजाब, राजपूताना तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक फैली थी।
- उसका समकालीन लाहौर का तुर्क शासक खुशरूशाह था जिसने उसके राज्य पर आक्रमण किया।
- इसने अपने पराक्रम से शाकंभरी चौहानों को उत्तर भारत में एक महत्त्वपूर्ण शक्ति बनाया।
- विग्रहराज चतुर्थ वीसलदेव महान कवि एवं लेखक भी था।
- उसने 'हरिकेल' जैसे नाटकों की रचना की।
- महाकवि सोमदेव ने वीसलदेव के चरित्र की प्रशंसा में 'ललित विग्रहराज' नामक ग्रंथ लिखा।
- विग्रहराज के बाद कुछ समय तक अपर गांगेय, पृथ्वीराज द्वितीय एवं सोमेश्वर ने शासन किया।
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