"विजयालय": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
No edit summary |
No edit summary |
||
पंक्ति 17: | पंक्ति 17: | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{चोल राजवंश}} | {{चोल राजवंश}} | ||
{{भारत के राजवंश}} | |||
[[Category:इतिहास_कोश]] | [[Category:इतिहास_कोश]] | ||
[[Category:चोल साम्राज्य]] | [[Category:चोल साम्राज्य]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
06:53, 18 फ़रवरी 2011 का अवतरण
- विजयालय (850-875 ई.) ने 9वीं शताब्दी के मध्य लगभग 850ई. में चोल शक्ति का पुनरुत्थान किया।
- विजयालय को चोल राजवंश का द्वितीय संस्थापक भी माना जाता है।
- आरम्भ में चोल पल्लवों के सामन्त थे।
- विजयालय ने पल्लवों की अधीनता से चोल मण्डल को मुक्त किया और स्वतंत्रतापूर्वक शासन करना शुरू किया।
- उसने पाण्ड्य साम्राज्य के शासकों से तंजौर (तंजावुर) को छीनकर 'उरैयूर' के स्थान पर इसे अपने राज्य की राजधानी बनाया।
- तंजौर को जीतने के उपलक्ष्य में विजयालय ने 'नरकेसरी' की उपाधि धारण की थी।
|
|
|
|
|